15. भारत का तटीय मैदान एवं द्वीपीय क्षेत्र
15. भारत का तटीय मैदान एवं द्वीपीय क्षेत्र
भारत दक्षिण एशिया में अवस्थित एक विशालकाय देश है जिसका क्षेत्रफल 32,87,263 km है। इसका अक्षांशीय विस्तार 8°4’N से 37°6’N के बीच एवं देशान्तरीय विस्तार 68°7′ से 97°25′ के मध्य है। भारत एक उत्तरी गोलार्द्ध का देश है जो प्राचीन काल के गोंडवाना भूखण्ड के ऊपर अवस्थित है। भूगोलवेताओं ने भारत को भौगोलिक संरचना एवं उच्चावच के आधार पर मुख्यतः चार भौतिक इकाइयों में बांटा है। जैसे-
(1) उत्तर भारत का पर्वतीय क्षेत्र
(2) उत्तर भारत का मैदानी क्षेत्र
(3) दक्षिण भारत का पठारी क्षेत्र
(4) तटीय मैदानी क्षेत्र एवं द्वीपीय क्षेत्र
भारत के दक्षिणी भाग 1600 km समुद्र के अंदर प्रक्षेपित है जिसके तीन ओर जलीय विस्तार हैं जिसके कारण प्रायद्वीप का निर्माण हुआ है। भारत की मुख्य भूमि समुद्र के साथ 6100 km समुद्री सीमा का निर्माण करती है। अगर द्वीपों के सीमा को जोड़ दिया जाय तो भारत की कुल समुद्री सीमा की लम्बाई 7516.6 km हो जाता है। भारत के तटीय क्षेत्र को मोटे तौर पर इसे दो भागों में बाँट कर अध्ययन करते हैं:-
(A) पश्चिमी तटीय मैदान
(B) पूर्वी तटीय मैदान
(A) पश्चिमी तटीय मैदान
इसका विस्तार गुजरात से कन्याकुमारी तक हुआ है। इसके पश्चिम में अरब सागर और पूरब में पश्चिमी घाट पर्वत है। इसकी औसत चौड़ाई 64kn है। कहीं-2 पर पश्चिमी घाट पर्वत के कारण काफी संकीर्ण हो चुका है। मुम्बई के पास इसकी चौडाई मात्र 10 km रह जाती है जबकि नर्मदा एवं ताप्ती के मध्य इसकी चौड़ाई 80km हो जाती है। इस मैदान को पुन: कई उपभागों में वर्गीकृत कर अध्ययन करते हैं।
जैसे :-
(i) गुजरात का मैदान
(ii) कोंकण तट / मैदान
(iii) कन्नड़ का मैदान
(iv) मालावार का मैदान
गुजरात के तटीय मैदान को पुनः दो भागों में बाँटते हैं।
(a) कच्छ का मैदान
(b) काठियावाड़ का मैदान
कच्छ का मैदान पुनः दो भागों में वर्गीकृत है:-
(i) छोटा रण ऑफ कच्छ
(ii) बड़ा रण ऑफ कच्छ
यह क्षेत्र 6 माह तक जल प्लावित रहता है। समुद्री जल से नमक का निर्माण किया जाता है। यह क्षेत्र भूकम्प प्रभावित क्षेत्र है। जगह-2 पर भूकम्प से निर्मित वलन का प्रमाण मिलता है।
काठियावाड़ का मैदान गुजरात के दक्षिणी भाग में स्थित है। इस मैदान के मध्य में गिर की पहाड़ी अवस्थित है। इस मैदान में लावा निक्षेपण का प्रमाण मिलता है।
कोंकण तट का विस्तार उत्तर में दमन से गोवा तक हुआ है। यह काफी संकीर्ण तटीय मैदान है। मुम्बई कोंकण तट के किनारे ही अवस्थित है। कोंकण रेलवे का विकास इसी तट के सहारे किया गया है। मरमागाँव, न्वाशेवा जैसे प्रमुख वंदरगाह का विकास यहाँ किया गया है।
कनन्नड़ का तट मुख्यतः कर्नाटक में अवस्थित है। पश्चिमी घाट के कारण यह अति संकीर्ण तटीय मैदान बन चुका है। इसी मैदान के पूरब में गरसोप्पा जलप्रपात अवस्थित है।
मालाबार तट का विस्तार केरल राज्य में हुआ है। इसका उत्तरी सीमा मंगलोर से प्रारंभ होता है और अंत दक्षिण में कन्याकुमारी के पास होता है। यहाँ विशेष स्थलाकृति कयाल (पश्चजल स्थलाकृति) का विकास हुआ है।
पश्चिमी तटीय मैदान की कुछ सामान्य विशेषताएँ इस प्रकार से है। जैसे:-
(1) यह मैदान सीधा है।
(2) इस मैदान में जगह-2 पर बालू के टीले मिलते है।
(3) इसका ढाल पूरब से पश्चिम की ओर है।
(4) तेज गति से नदी के जल प्रवाह होने के कारण डेल्टा का अभाव मिलता है लेकिन नदियों का मुहाना ज्वार नदमुख का निर्माण करती है।
(5) यह मैदान पर्याप्त वर्षा ग्रहण करने के कारण सालों भर आर्द्र बनी रहती है।
(6) पश्चिमी तट पर कई प्राकृतिक पोताश्रय(बंदरगाह) का निर्माण हुआ है। जैसे- मुम्बई।
(7) गुजरात के तट पर उत्थान का प्रमाण मिलता है लेकिन कोंकण तट पर निमज्जन (धंसान) का प्रमाण मिलता है।
(B) पूर्वी तटीय मैदान
यह मैदान पूर्वी घाट से लेकर बंगाल की खाड़ी के मध्य है। इसका दक्षिणी विस्तार कन्याकुमारी तक और उत्तरी विस्तार गंगा-ब्रह्मपुत्र के डेल्टा तक हुआ है। इसे उतरी सरकार और कोरोमंडल तट में बांटते हैं।
(नोट: कोरोमण्डल तट का विस्तार- तमिलनाडु और आन्ध्र प्रदेश, उत्तरी सरकार का विस्तार- उड़ीसा)
उत्तरी सरकार तट के मैदान को ‘उत्कल तट का मैदान’ भी कहते हैं।
पूर्वी तटीय मैदान की सम्मान्य विशेषताएँ निम्नलिखित है।:-
(1) पश्चिमी तटीय मैदान की तुलना में यह काफी चौड़ा है।
(2) यह मैदान वक्राकार है।
(3) इस मैदान में नदियाँ बड़े-बड़े डेल्टा का निर्माण करती है।
(4) इस भाग में चिल्का, पुलीकट, कोलेरू जैसी झील मिलती है।
(5) कोरोमण्डल तट के पर निमज्जन का प्रमाण मिलता है।
(6) कोरोमण्डल तट के कावेरी डेल्टाई क्षेत्र अपनी उर्वरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
द्वीपीय समूह
भारत के तटीय क्षेत्रों/मैदानों के नजदीक और उनसे दूर कई द्वीपों का विकास हुआ है। द्वीप एक ऐसी स्थलाकृति है जो जल के बीच में स्थित स्थल होता है। भारतीय द्वीपों का अध्ययन दो समूहों में बाँटकर करते है
(1) बंगाल की खाड़ी के द्वीप
(2) अरब सागर के द्वीप
बंगाल की खाड़ी के द्वीप
इसमें मुख्य द्वीप गंगा सागर द्वीप (गंगा नदी के मुहाना पर), न्यू मूर द्वीप (भारत), व्हीलर द्वीप (उड़ीसा), क्रोकोडाई द्वीप (मन्नार की खाड़ी में), हेयर द्वीप (तमिलनाडु), पम्बन द्वीप (तमिलनाडु) और अण्डमान निकोबार द्वीप समूह है।
बंगाल की खाड़ी में लगभग 572 द्वीप है। इनमें से अण्डमान निकोबार द्वीप समूह सबसे प्रमुख है। इसमें द्वीपों की संख्या लगभग 300 है। इसका विस्तार लगभग 350 km तक हुआ है। केवल निकोबार में 19 द्वीप है। अण्डमान निकोबार द्वीप समूह असंगठित कंकड़-पत्थर से निर्मित है।
इसका निर्माण हिमालय पर्वत के निर्माण के दौरान संरक्षी सीमा के सहारे हुआ है।
यहाँ बैरन और नारकोंडम जैसे ज्वालामुखी का भी प्रमाण मिलता है। इनमें से नारकोंडम मृत ज्वालामुखी का उदा० है जबकि बैरन प्रसुप्त ज्वालामुखी का उदाहरण है। यहाँ का इन्टरव्यू द्वीप और इंडरसन द्वीप चूना पत्थर से निर्मित है। अण्डमान द्वीप का सर्वोच्च चोटी माउण्ट सैडल (734m) और निकोबार की सर्वोच्च चोटी माउण्ट थुलीयर (642m) है। दक्षिण अण्डमान और लिटिल अंडमान के बीच में डंकन पैसेज अवस्थित है। भारत का सबसे दक्षिणी बिन्दु इंदिरा प्वाइंट निकोबार द्वीप के दक्षिणी भाग में स्थित है।
अरब सागर के द्वीप
अरब सागर में तट से नजदीक और तट से दूर कई द्वीप मिलते हैं। जैसे- मूल द्वारिका (गुजरात), दीव (गुजरात), एलीफेण्टा द्वीप (महाराष्ट्र), अलियावेट, खलियाबेट द्वीप (नर्मदा नदी के मुहाना पर), जंजीरा द्वीप (महाराष्ट्र), हेनरी द्वीप, कैनेरी द्वीप, बुचर द्वीप (सभी महाराष्ट्र में), लक्ष्य द्वीप।
अरब सागर में मिलने वाले द्वीपों में सबसे प्रमुख द्वीप लक्षद्वीप है। यह केरल से 280 km दूर पश्चिम में अवस्थित है। लक्षद्वीप प्रवाल भीति से निर्मित है। इसमें कुल 36 द्वीप है जिनमें से 11 द्वीप ही मानव बसाव के योग्य हैं। 11° चैनल लक्षद्वीप को दो भागों में बाँट देती है- उत्तर में अमिनी द्वीप और दक्षिण में कलानोरे द्वीप कहलाता है। मिनीकाय द्वीप लक्षद्वीप का सबसे दक्षिणी द्वीप है। एण्ड्रायट द्वीप लक्षद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप है। लक्षद्वीप की औसत ऊँचाई 9-11 मी० है।
निष्कर्ष
इस तरह ऊपर के तथ्यों से स्पष्ट है कि भारत अपने भौतिक विशेषताओं एवं विविधताओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
प्रश्न प्रारूप
1. भारत की भौतिक इकाइयों का नाम लिखिए तथा तटीय मैदान तथा भारतीय द्वीपों का वर्णन कीजिए।