Unique Geography Notes हिंदी में

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Human Geography - मानव भूगोल

22. What is language? Origin and classification of languages ​​in India (भाषा क्या है? उत्पत्ति तथा भारत में भाषाओं का वर्गीकरण)

What is language? Origin and classification of languages ​​in India

(भाषा क्या है? उत्पत्ति तथा भारत में भाषाओं का वर्गीकरण)



     भाषा अभिव्यक्ति का सबसे उत्तम साधन है। यदि मानव के पास भाषा न होती तो उसके आविष्कारों का विस्तार एवं प्रसार अत्यन्त सीमित हो जाता। मानव की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं राजनीतिक उन्नति का प्रमुख कारण आविष्कार है और आविष्कार को प्रसारित करने का सबसे अधिक श्रेय मनुष्य की भाषा शक्ति को है।

    भाषा द्वारा मानव अपने मन के भाव प्रकट करता है, सामाजिक आदान-प्रदान या अन्तःक्रिया में भाग लेता है। संगीत रचना करता है और गाता है, साहित्य की सृष्टि करता है और आविष्कारों का प्रसार मानवीय धरातल में करता है।

    भाषा का अर्थ बोलना है, क्योंकि इसका मुख्य प्रयोग बोलकर ही किया जाता है, किन्तु दूरस्थ व्यक्ति को विचार लिखकर ही व्यक्त किए जाते हैं।

परिभाषा

स्टर्टीवेण्ट के अनुसार, “भाषा मुंह से उच्चारण किए जाने वाले संकेतों की वह व्यवस्था है जिसके द्वारा एक सामाजिक समूह के सदस्य सहयोग तथा अन्तः क्रिया करते हैं।”

पतंजलि मुनि के अनुसार, “जिस व्यापार में वाणी द्वारा वर्ण व्यक्त किए जाते हैं। वह व्यक्त वाक् अर्थात् भाषा है।

हर्सकोविट्ज के अनुसार, “भाषा मुंह से उच्चारण किए जाने वाले संकेतों की वह व्यवस्था है जिसके द्वारा एक सामाजिक समूह के सदस्य सहयोग तथा अन्तः क्रिया करते हैं और जिसके माध्यम से सीखने की प्रक्रिया को सफल बनाया जाता है तथा जीवन की एक विधि विशेष को निरन्तरता एवं परिवर्तनशीलता दोनों ही प्राप्त होती हैं।”

भाषा की उत्पत्ति:-

      भाषा की उत्पत्ति के सम्बन्ध में विभिन्न मत हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार भाषा की उत्पत्ति उन परिस्थितियों का परिणाम है जिनमें प्रारम्भिक काल में मानव निवास करता था। उस समय प्राकृतिक वस्तुएं एवं घटनाएं देखकर अनायास मुंह से आवाजें निकल पड़ती थीं।

     धीरे-धीरे आवाजें निकालकर ही वह अपने भावों को दूसरों तक पहुंचाता था। धीरे-धीरे सामाजिक अन्तः क्रिया के दौरान एक-एक विशिष्ट आवाज एक-एक विशेष प्रकार के संकेत के रूप में स्थापित व क्रियाशील हुई। इन्हीं संकेतों के क्रमिक विकास से भाषा की उत्पत्ति हुई।

      भाषा की उत्पत्ति के सम्बन्ध में द्वितीय मत यह है कि मानव ने बोलने की प्रेरणा प्रकृति से ही ली है। प्रारम्भिक समय में मानव ने प्रकृति में कुछ आवाजें सुनीं जिनकी नकल की जिससे बाद में संकेतों का जन्म हुआ तथा भाषा की उत्पत्ति हुई।

     भाषा की उत्पत्ति के सम्बन्ध में तृतीय सिद्धान्त प्राणीशास्त्रीय है। मानव में कुछ प्राणीशास्त्रीय विशेषताएं पाई जाती हैं जिनके कारण वाणी अथवा भाषा की उत्पत्ति होती है।

भाषाओं का वर्गीकरण:-

    भारत में बोली जाने वाली भाषाएं निम्नांकित चार परिवारों से सम्बन्धित हैं:

(1) ऑस्ट्रिक (Ausric)

(2) द्रविण (Dravidian)

(3) चीनी-तिब्बती (Sino-Tibetan)

(4) इण्डो-यूरोपियन (Indo-European)

(1) ऑस्ट्रिक:-

    इसकी दो शाखाएं हैं-

(ⅰ) ऑस्ट्रो-एशियाटिक शाखा एवं

(ii) ऑस्ट्रोनेशियन शाखा।

   ऑस्ट्रो-एशियाटिक शाखा के अन्तर्गत मध्य एवं पूर्वी भारत की कोल एवं मुण्डा बोलियां, निकोबार द्वीप समूह की बोली तथा थाईलैण्ड और वियतनाम की भाषाएं सम्मिलित हैं जबकि ऑस्ट्रोनेशियन शाखा के अन्तर्गत इण्डोनेशिया की राष्ट्रभाषा तथा मलाया, माइक्रोनेशिया, मैलेनेशिया तथा पोलिनेशिया, आदि की भाषाएं सम्मिलित हैं। इनमें सबसे बड़ा भाग सन्थाली बोलने वालों का है।

(2) द्रविण:-

     इसके सदस्य मध्य और दक्षिणी भारत में रहते हैं। इसके अन्तर्गत निम्नांकित चार साहित्यिक भाषाएं आती हैं-तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालय। द्रविण समूह में निम्नांकित तीन समूह हैं-

(i) दक्षिणी द्रविण,

(ii) मध्य द्रविण तथा

(iii) उत्तरी द्रविण।

     दक्षिणी द्रविण समूह में दक्षिणी भारत का बड़ा भाग सम्मिलित है जिसमें तमिल, मलयालम तथा कन्नड़ भाषाएं बोली जाती हैं। मध्य द्रविण में तेलुगु तथा गोंडी भाषाएं सम्मिलित हैं जबकि उत्तरी द्रविण समूह में कुराख (ओरांव) तथा माल्टो हैं।

(3) चीनी-तिब्बती:-

      इसे भाषाओं का किरात समूह भी कहा जाता है। इस भाषा परिवार में हिमालय के दक्षिणी ढालों, उत्तरी पंजाब से भूटान, उत्तरी तथा पूर्वी बंगाल और असम में पाई जाने वाली इण्डो मंगोलाइड प्रगति के लोगों में प्रचलित भाषाएं आती हैं। भारत में तिब्बती भाषा बोलने वालों की निम्नांकित शाखाएं हैं:-

(i) तिब्बत-हिमालयी,

(ii) उत्तरी असम,

(iii) असम म्यांमारी। (बर्मी)।

      तिब्बत-हिमालयी शाखा में भूटिया समूह तथा हिमालयन समूह हैं। भूटिया समूह में तिब्बत, बेल्टी, लद्दाखी, लाहुली, शेरपा तथा सिक्किम भूटिया सम्मिलित हैं। हिमालयन समूह में चम्बा, कनौरी तथा लेप्चा हैं।

     उत्तरी असम समूह में अका, इफला, अबोर, मिरी, मिशमी तथा निशिंग हैं। इनमें मिरी सबसे अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है।

    असम म्यांमारी भाषा को पुनः निम्नांकित उपविभागों में विभाजित किया जा सकता है-बोडा, नागा, कचिन, कुकिचिन, म्यांमार।

(4) इण्डो यूरेपियन:-

      इसके अन्तर्गत दो मुख्य शाखाएं हैं:

(i) डारडिक तथा

(ii) इण्डो-आर्यन।

    डारडिक समूह में दारदी, शिना, कोहिस्तानी तथा कश्मीरी, आदि हैं। इनमें कश्मीरी सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाती है।

    इण्डो-आर्यन शाखा को पुनः उत्तर-पश्चिमी, दक्षिणी, पूर्वी, पूर्वी-मध्य, मध्य तथा उत्तरी समूहों में उपविभाजित किया जाता है।

प्रश्न प्रारूप 

Q. भाषा क्या है? इसकी उत्पत्ति तथा भारत में भाषाओं का वर्गीकण कीजिए।

I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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