14. Thermal Inversion / तापीय विलोमता
14. Thermal Inversion / तापीय विलोमता
तापीय विलोमता / प्रतिलोमन ⇒
सामान्य तौर पर क्षोभमंडल मे नीचे से ऊपर की ओर जाने पर सामान्य ताप ह्रास का नियम लागू होता है। लेकिन जब सामान्य ताप ह्रास के बदले तापमान में वृद्धि होने लगती हो तो उसे तापीय विलोमलता (Thermal Inversion) कहते हैं। जलवायुवेताओं के अनुसार तापीय विलोमता क्षोभमंडल से सम्बंधित है। ये विलोमताएँ मौसमी परिस्थितियों को प्रभावित करते हैं।
तापमान की विलोमता के लिए आदर्श दशाएँ:-
(i) शीतकालीन लम्बी रातें
(ii) स्वच्छ एवं मेघ रहित आकाश
(iii) शुष्क पवन
(iv) शान्त एवं स्थिर वायुमण्डल
(v) हिमाच्छादित धरातल
तापीय विलोमता (Thermal Inversion) का प्रकार
तापीय विलोमता 5 प्रकार के होते हैं:-
(1) सतही तापीय विलोमता
पर्वत और सँकरे घाटी प्रदेश में सतही तापीय विलोमाता पायी जाती है। स्वीटजरलैण्ड इसके लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसके अंतर्गत पर्वतीय चोटी सबसे पहले सूर्याताप प्राप्त करते हैं जिसके कारण उपरी भाग गरम हो जाता है जबकि घटियाँ 2½-3 घंटे बाद सूर्याताप प्राप्त करती है। यही कारण है कि चोटी पर तापमान अधिक और घाटियों का तापमान न्यून बना रह जाता है। फलतः सुबह में नीचे से ऊपर जाने पर तापमान घटने के बजाय तापमान बढ़ता चला जाता है।
(2) ऊपरी वायु की तापीय विलोमता
ऊपरी वायु की तापीय विलोमता की स्थिति पछुवा वायु से संबंधित है। पछुवा वायु का उद्गगम उपोष्ण उच्च वायु क्षेत्र से होता है। पछुआ हवा एक गर्म वायु है जो निम्न अक्षांश से उच्च अक्षांश की ओर चलती है। उपध्रुवीय क्षेत्र में कोरियालिस प्रभाव के कारण पछुआ वायु को ऊपर वायुमण्डल में प्रक्षेपित कर दिया जाता है। जबकि निचले घरातल पर ठंडे वायु का साम्राज्य बना रहता है। फलत: इन क्षेत्रों में बढ़ते हुए ऊँचाई के साथ तापमान में कमी आने के बजाय तापमान बढ़ने लगती है।
(3) नीचे गिरती हुई वायु से उत्पन्न विलोमता
उपोषण उच्च भार वाले प्रदेश में कभी-2 गिरती हुई वायु के कारण तापीय विलोमता की स्थिति उत्पन्न होती है। उपोषण कटिबंधीय उच्च वायुदाब क्षेत्र में वायु के आंतरिक दबाव के कारण हवा गर्म होकर ऊपर उठ जाती है। जिसके ऊपरी भाग में गर्म वायु का सम्राज्य हो जाता है जबकि ठीक उसके नीचे आंतरिक वायुदाब कम होने के कारण तापमान निम्न रह जाता है। फलत: तापीय विलोमता की स्थिति उत्पन्न होती है। सामान्य रूप से ये घटनायें 400-600 मी. की ऊँचाई पर सम्पन्न होता है।
(4) वाताग्र तापीय विलोमता
मध्य अक्षांशीय क्षेत्रों में पछुआ हवा तथा ध्रुवीय हवा के मिलने से वाताग्र का निर्माण होता है। ध्रुवीय वायु ठंडी एवं भारी होती है जिसके कारण वायुमंडल के निचले सतह पर ध्रुवीय वायु होती है। जबकि पछुवा हवा गर्म एवं हल्की होती है जिसके कारण यह ध्रुवीय हवा के ऊपर चढ़ने की प्रवृत्ति रखती है। यही कारण है कि शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात (वाताग्र) वाले क्षेत्र के ऊपरी भाग में तापमान अधिक एवं निचले भाग में तापमान कम हो जाता है।
(5) विकिरण से उत्पन्न तापीय विलोमता
पार्थिव विकिरण से भी विलोमता की स्थिति उत्पन्न होती है। पार्थिव विकिरण के कारण प्राय: सूर्यास्त के बाद पृथ्वी की सतह से तापीय विकिरण तेजी से होता है। सामान्यतः 90मी०-300मी० की ऊँचाई के बीच तापीय विकिरण से प्राप्त ऊष्मा का संग्रहण होता है। इस परिस्थितियों में सतह की तुलना में 90मी०-300मी० ऊँचाई के बीच अधिक तापमान होता है जबकि सतह का तापमान कम रहता है। इस तरह से उत्पन्न तापीय विलोमता को विकिरण तापीय विलोमता कहते हैं।
निष्कर्ष
उपर्युक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि तापीय विलोमता क्षोभमंडल की एक विशिष्ट विशेषता है। जिसके कारण स्थानीय मौसमी वातावरण प्रभावित होते रहती है।
- 1. थार्नथ्वेट का जलवायु वर्गीकरण / Climatic Classification Of Thornthwaite
- 2. कोपेन का जलवायु वर्गीकरण /Koppens’ Climatic Classification
- 3. कोपेन और थार्न्थवेट के जलवायु वर्गीकरण का तुलनात्मक अध्ययन
- 4. हवाएँ /Winds
- 5. जलचक्र / HYDROLOGIC CYCLE
- 6. वर्षण / Precipitation
- 7. बादल / Clouds
- 8. भूमंडलीय उष्मण के कारण एवं परिणाम /Cause and Effect of Global Warming
- 9. वायुराशि / AIRMASS
- 10. चक्रवात और उष्णकटिबंधीय चक्रवात /CYCLONE AND TROPICAL CYCLONE
- 11. शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवात / TEMPERATE CYCLONE
- 12. उष्ण एवं शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों का तुलनात्मक अध्ययन
- 13. वायुमंडलीय तापमान / ENVIRONMENTAL TEMPERATURE
- 14. ऊष्मा बजट/ HEAT BUDGET
- 15. तापीय विलोमता / THERMAL INVERSION
- 16. वायुमंडल का संघठन/ COMPOSITION OF THE ATMOSPHERE
- 17. वायुमंडल की संरचना / Structure of The Atmosphere
- 18. जेट स्ट्रीम / JET STREAM
- 19. आर्द्रता / HUMIDITY
- 20. विश्व की प्रमुख वायुदाब पेटियाँ / MAJOR PRESSURE BELTS OF THE WORLD
- 21. जलवायु परिवर्तन के विभिन्न प्रमाण
- 22. वाताग्र किसे कहते है? / वाताग्रों का वर्गीकरण
- 23. एलनिनो (El Nino) एवं ला निना (La Nina) क्या है?
- 24. वायुमण्डलीय सामान्य संचार प्रणाली के एक-कोशिकीय एवं त्रि-कोशिकीय मॉडल
- 25. सूर्यातप (Insolation)