Unique Geography Notes हिंदी में

Unique Geography Notes in Hindi (भूगोल नोट्स) वेबसाइट के माध्यम से दुनिया भर के उन छात्रों और अध्ययन प्रेमियों को काफी मदद मिलेगी, जिन्हें भूगोल के बारे में जानकारी और ज्ञान इकट्ठा करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस वेबसाइट पर नियमित रूप से सभी प्रकार के नोट्स लगातार विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित करने का काम जारी है।

BA SEMESTER/PAPER IVCARTOGRAPHY(मानचित्र कला)

40. SCALES OF MEASUREMENT (मापन के पैमाने)

SCALES OF MEASUREMENT

(मापन के पैमाने)



      भौगोलिक आँकड़ों के मापन का तात्पर्य नियमों के अनुसार आँकड़ों का वर्गीकरण, विश्लेषण और मानचित्रण है। आँकड़ों में अन्तरनिहित समरूपता के आधार पर आँकड़ों का कई तरह से प्रदर्शन ही मापक कहा जाता है। सामान्यतया भौगोलिक आँकड़ों के मापन स्तर के 4 वर्ग हैं।

1. नामिक मापक (Nominal Scale):-

     इसे प्रतीक मापक कहा जा सकता है क्योंकि यह आँकड़ों की किसी उल्लेखनीय विशेषता के आधार पर उनका वर्णन नहीं करता है। केवल प्रतीक रूप में वर्गीकरण और विश्लेषण प्रस्तुत करता है। जैसे- पशुओं का गाय, बैल, भैंस, बकरी में विभाजन या यौनानुपात में स्त्री-पुरुष, मिट्टी विभाजन में दोमट, बलुई आदि नामिक मापक के उदाहरण है।

    इस मापक से आँकड़ों के वास्तविक मूल्य का बोध नहीं होता है, बल्कि उनके प्रतीकों का बोध होता है। भौगोलिक विश्लेषण में बहुलक (Mode) का प्रयोग इसके आधार पर किया जाता है।

2. क्रमसूचक मापक (Ordinal Scale):-

      इसके अन्तर्गत विभिन्न आँकड़ों को अधिकतम और न्यूनतम परिमाण के आधार पर आरोही अथवा अवरोही क्रमों में रखते हैं। इस तरह आँकड़ों में अन्तर का आधार उनकी मात्रा (Quantity) रहती है। जैसे आकार के आधार पर नगरों, गाँवों का वर्गीकरण, दुकानों की संख्या, खुलनशीलता के आधार पर वर्गीकरण, उत्पादन के अनुसार विभिन्न इकाइयों का वर्गीकरण इसके उदाहरण हैं।

   इस प्रकार के आँकड़ों के विश्लेषण में अनेक सांख्यिकीय विधियों, आरेख और मानचित्र उपयोगी हैं। जैसे नगरों या गाँवों के वितरण में क्रमशः आकार के अनुसार वर्गीकरण, उच्चावचन में अधिक ऊँचा, मध्यम या न्यून ऊँचा क्षेत्र आदि है।

3. अन्तराल मापक (Interval Scale):-

    अन्तराल मापन समान इकाई मापक के आधार पर आँकड़ों का वर्णन करता है। इसमें क्रमसूचक मापक के अनुसार आँकड़ों के बीच का अन्तराल परिवर्तनशील होता है। इससे असंख्य आँकड़ों को संक्षेप में व्यवस्थित कर लेते हैं और आँकड़ों का क्रम भी बना रहता है। जैसे- < 5, 5-10, 10-15, 15-20 आदि। इसमें 0 से 20 तक जितने भी प्रेक्षण हैं, सभी किसी भी अन्तराल वर्ग में रखे जा सकते हैं। इस पर माध्य, मानक विचलन, सहसम्बन्ध आदि अनेक सांख्यिकीय विधियाँ प्रयोग में लायी जाती हैं।

4. आनुपातिक मापक (Ratio Scale):-

    आनुपातिक मापक का प्रयोग करके बड़ी संख्या में आँकड़ों को लघुतम रूप में व्यक्त कर सकते हैं। जैसे 10/100 को 1/10, 5/50, 2/20 आदि रूप में व्यक्त कर सकते हैं। अधिकांश भौगोलिक आँकड़े आनुपातिक मापक पर ही पाये जाते हैं।

I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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