Unique Geography Notes हिंदी में

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ECONOMIC GEOGRAPHY (आर्थिक भूगोल)

25. The Distribution and Production of Coal in World (विश्व में कोयला के वितरण पवं उत्पादन)

25. The Distribution and Production of Coal in World

(विश्व में कोयला के वितरण पवं उत्पादन)



प्रश्न प्रारूप

Q. विश्व में कोयला के वितरण पवं उत्पादन पर प्रकाश डालें।

(Throw light on the distribution and production of coal in world.)

उत्तर- विश्व में कोयले का वितरण-

      आधुनिक अनुमानों के अनुसार विश्व में लगभग 10,009 करोड़ मीट्रिक टन कोयला संचित है, फिर भी इसका भण्डार प्रति वर्ष घटता-बढ़ता रहा है, क्योंकि बहुत सारे देशों में अभी सर्वेक्षण अपूर्ण है। यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया में ज्ञात भण्डार का 90 प्रतिशत कोयला सुरक्षित है, जबकि आस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमेरिका और अफ्रीका का अंश मात्र 10 प्रतिशत है। सुरक्षित भण्डार के दृष्टिकोण से संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, भारत, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, ब्राजील और कनाडा अग्रणी देश हैं।

कोयला का उत्पादन:-

     विश्व में 1860 के बाद वृहद पैमाने पर कोयले का उत्पादन होने लगा। 1860 में विश्व का कुल उत्पादन मात्र बीस करोड़ मीट्रिक टन 1930 में 141 करोड़ मीट्रिक टन, 1960 में 262 करोड़ मीट्रिक टन और 1986 में 430 करोड़ मीट्रिक टन रह गया, लेकिन 2007 में पुनः बढ़कर 639.6 करोड़ मीट्रिक टन पहुँच गया।

     वर्तमान समय में अग्रणी उत्पादकों में चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया एवं रूस हैं, जो विश्व उत्पादन का 74.5 प्रतिशत से अधिक कोयला उत्पादित करते हैं। सर्वाधिक उच्च कोटि का कोयला भी इन्हीं देशों में उत्पादित होता है। अन्य प्रमुख उत्पादकों में दक्षिणी अफ्रीका, जर्मनी, पोलैण्ड, इण्डोनेशिया और कजाकिस्तान का सामूहिक उत्पादन 15 प्रतिशत है। इस प्रकार केवल 10 देश विश्व का 88.4 प्रतिशत कोयला उत्पादित करते हैं। गौण उत्पादकों में ब्राजील, कोलम्बिया, हंगरी और पूर्व यूगोस्लाविया है जहाँ का उत्पादन पचास लाख मीटरी टन से कम है।

उत्तरी अमेरिका:-

      उत्तरी अमेरिका में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको विश्व का लगभग 18 प्रतिशत से अधिक कोयला उत्पादित करते हैं। यहाँ विश्व का 28 प्रतिशत से अधिक कोयला भण्डार सुरक्षित है।

संयुक्त राज्य अमेरिका:-

     संयुक्त राज्य अमेरिका में विश्व का 27.9 प्रतिशत कोयला भण्डार है। फलतः यह विश्व का अग्रणी देश है। 1970 तक इसका उत्पादन भी विश्व में सर्वाधिक 25.7 प्रतिशत था लेकिन संरक्षण नीति, अन्य ऊर्जा स्रोतों के अधिक उपयोग और चीन में कोयला उत्खनन में तीव्रता के कारण 2007 में इसका योगदान घटकर 16.2 प्रतिशत होने के फलस्वरूप विश्व में इसका स्थान दूसरा हो गया है।

        संयुक्त राज्य अमेरिका में तीन वृहद् कोयला उत्पादक क्षेत्र हैं जहाँ अधिकांश उच्च कोटि का कोयला उत्पादित होता है-

(1) अप्लेशियन क्षेत्र, जो देश के पूर्वी भाग में उत्तर-पूरब से दक्षिण-पश्चिम की लम्बाई में फैला है।

(2) आन्तरिक क्षेत्र, जो महान झीलों से खाड़ी तक कई टुकड़ों में वितरित है और

(3) वृहद् मैदानी क्षेत्र, जो रॉकी पर्वत के समानान्तर उत्तर से दक्षिण तक फैला है इन क्षेत्रों में अनेक लघु क्षेत्र भी हैं। साथ ही प्रशान्त तटीय क्षेत्र में भी कोयला उत्खनन होने लगा है।

प्रशान्त तटीय क्षेत्र:-

      इस क्षेत्र का विस्तार वाशिंगटन, ओरेगन और कैलीफोर्निया राज्यों में छिट-पुट रूप में है। जल विद्युत और पेट्रोलियम की स्पर्द्धा के कारण यहाँ बहुत कम उत्पादन होता है।

कनाडा:-

     उत्तरी अमेरिका का दूसरा प्रमुख कोयला उत्पादक देश कनाडा है। यहाँ 2007 में विश्व का 1.1 प्रतिशत कोयला उत्पादित हुआ था। यहाँ कोयले का उत्खनन मुख्यतः अलबर्टा, सस्केचवान एवं ब्रिटिश कोलम्बिया राज्यों में होता है। कठोर शीत ऋतु के कारण उत्खनन और परिवहन बाधित होते हैं। फिर भी यह अपनी आवश्यकता पूरा कर लेता है।

रूस:-

    रूस अधिक समय तक विश्व का तीसरा बड़ा कोयला उत्पादक देश था लेकिन 2007 में इसका अंशदान केवल 4.9 प्रतिशत था। उल्लेखनीय है कि सोवियत संघ के

विघटन के बाद इसका दक्षिणी क्षेत्र-यूक्रेन और मध्य एशिया विलग हो गये हैं, जिससे इसका योगदान 1970 में 20.2 प्रतिशत से घटकर 5.1 प्रतिशत हो गया है। वर्तमान समय में यूक्रेन 1.2 प्रतिशत, कजाकिस्तान 1.5 प्रतिशत और उजबेकिस्तान 0.2 प्रतिशत कोयला उत्पादित करते हैं। 1948 में विश्व कोयला उत्पादन में रूस का भाग मात्र बारह प्रतिशत था, जो 1960 में बढ़कर उन्नीस प्रतिशत हो गया। इस समय से इसके उत्पादन में धीरे-धीरे कमी आई है, क्योंकि तेल और गैस का प्रयोग बढ़ गया है। रूस का संचित भण्डार विशाल है।

     अनुमानतः विश्व का लगभग एक चौथाई सुरक्षित भंडार रूस और अलग हए देशों में हैं। अभी उत्पादन कुछ ही देशों में हो रहा है। फिर भी छोटे-बड़े 81 क्षेत्रों में उत्खनन होता है। यहाँ के प्रमुख उत्पादकों में 11 क्षेत्र विशेष उल्लेखनीय हैं।

(1) डोनवास क्षेत्र,

(2) कुजवास क्षेत्र,

(3) करागम बेसिन,

(4) मास्को क्षेत्र,

(5) यूराल क्षेत्र,

(6) काकेशस क्षेत्र,

(7) लीना बेसिन,

(8) येनीसी बेसिन,

(9) बैकाल झील क्षेत्र,

(10) अरटम सूचन क्षेत्र और

(11) सखालीन क्षेत्र

एशिया:-

     एशिया महाद्वीप के देशों में विश्व का लगभग 32 प्रतिशत कोयला भंडार है, जिसमें चीन, भारत, इण्डोनेशिया और जापान अग्रणी देश हैं। उत्पादन की तीव्रगति के कारण चीन विश्व का अग्रणी कोयला उत्पादक देश बन गया है।

चीन:-

     हाल के दशकों में चीन कोयला के उत्पादन में जिस तीव्रगति से आगे बढ़ा है, वह एक उदाहरण बन गया है। 1970 तक यह कोयला उत्पादन में तीसरे स्थान पर था, लेकिन 1990 में यह विश्व का प्रथम देश बन गया। वर्तमान अनुमानों के अनुसार इसका संचित भंडार विश्व का 13 प्रतिशत है। 2007 में यहाँ का उत्पादन 253.7 करोड़ मीटरी टन हो गया, जो विश्व का 39.7 प्रतिशत है। यहाँ का अधिकांश कोयला बिटुमिनस एवं एन्थ्रासाइट किस्म का है।

भारत:-

    यह विश्व का तीसरा बड़ा कोयला उत्पादक देश बन गया है। 2007 में यहाँ का उत्पादन 47.8 करोड़ मीट्रिक टन से अधिक था जो विश्व उत्पादन का 7.5 प्रतिशत होता है। 1900 में भारत का उत्पादन मात्र 60 लाख मीट्रिक टन था, जो बढ़कर 1957 में 349, 1971 में 743 और 1986 में 1574 लाख मीट्रिक टन हो गया। 2000- 2001 में तो इसका उत्पादन 3096 लाख टन तक पहुँच गया। स्पष्ट है कि भारत में कोयले का उत्पादन बहुत तेजी से बढ़ा है। यहाँ अधिकांश कोयला गोण्डवाना युग का है। तृतीय युग का कोयला भूरा या लिग्नाइट वर्ग का है।

     भारत में कोयला भण्डार का सर्वेक्षण अपूर्ण है फिर भी अनुमानों के अनुसार यहाँ लगभग 21.390 मीट्रिक टन कोयले का संचित भंडार है, जो विश्व के संचित भंडार का 10 प्रतिशत से अधिक है।

एशिया के अन्य कोयला उत्पादक देश-

    चीन और भारत के बाद इण्डोनेशिया, उत्तरी कोरिया, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम और तुर्की एशिया में अन्य प्रमुख कोयला उत्पादक देश हैं। उत्तरी कोरिया प्रतिवर्ष 620 लाख मीट्रिक टन एवं तुर्की 391 लाख मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन करते हैं। जापान अपनी खपत का एक लघु अंश ही उत्पादित करता है। फलस्वरूप इसे कोयले का आयात करना पड़ता है।

यूरोप:-

    प्रारंभ से ही यूरोप कोयला उत्पादन में अग्रणी रहा है। आज यहाँ विश्व भंडार का केवल 16 प्रतिशत कोयला सुरक्षित रह गया है। विश्व उत्पादन का लगभग एक-चौथाई कोयला यूरोपीय देशों में निकाला जा रहा है। यहाँ कुछ न कुछ कोयला सभी देशों में पाया जाता है लेकिन महाद्वीप के कुल उत्पादन का 80 प्रतिशत केवल जर्मनी, यूनान, पोलैण्ड, ब्रिटेन, पूर्व यूगोस्लाविया, रोमानिया, बुल्गारिया, चेकोस्लोवाकिया, बेल्जियम और फ्रांस में उत्पादित होता है।

जर्मनी:-

     यूरोप के कोयला उत्पादकों में जर्मनी का योगदान महत्त्वपूर्ण हो गया है। 2007 में जर्मनी का उत्तम कोटि का उत्पादन 2019 लाख मीट्रिक टन था, जो विश्व उत्पादन का 3.2 प्रतिशत है, जबकि 1970 में इसका योगदान विश्व उत्पादन में 6.5 प्रतिशत था। स्पष्ट है कि इसका उत्पादन संरक्षण नीति के कारण संतुलित है। यहाँ अब कुल ऊर्जा का 55 प्रतिशत तेल से पूरा किया जा रहा है। संचित भंडार की दृष्टि से यह यूरोप का प्रथम देश है। यहाँ उत्तम कोटि और सामान्य वर्ग दोनों तरह के कोयले का विशाल भंडार है। अधिकांश प्रयोग ताप-विद्युत, कृत्रिम पेट्रोल, कृत्रिम रबर और विविध रसायन उद्योगों में किया जाता है।

पोलैण्ड:-

    कोयले के उत्पादन के पोलैण्ड विश्व का सबसे बड़ा देश है। यहाँ 2007 में 1458 लाख मीटरी टन उच्च कोटि के कोयले का उत्पादन हुआ था, जो विश्व उत्पादन का 23 प्रतिशत है। वर्तमान समय में जर्मनी के बाद पोलैण्ड यूरोप का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है। कुछ समय पूर्व ब्रिटेन प्रमुख उत्पादक था, लेकिन अब वहाँ भंडार कम जाने के कारण संरक्षण नीति अपनाई गई है। पोलैण्ड का प्रधान कोयला क्षेत्र साइलेसिया है जहाँ उत्तम किस्म का बिटुमिनस कोयला निकाला जाता है। इस क्षेत्र के अतिरिक्त जापान क्षेत्र दूसरा प्रमुख, उत्पादक है। जर्मनी की सीमा के निकट लिग्नाइट की खानें हैं।

ब्रिटेन:-

     कोयले के उत्पादन में पहले ब्रिटेन एक अग्रणी देश था लेकिन अन्य देशों में उत्पादन बढ़ जाने से इसकी सापेक्षिक स्थिति बदलती गई। 1970 में यहाँ 1470 लाख मीट्रिक टन उत्तम कोटि का कोयला उत्पादित हुआ था लेकिन घटता भंडार, बढ़ता उत्पादन व्यय, खनिज तेल का अधिक प्रयोग आदि के कारण 2007 में इसका उत्पादन केवल 257 लाख मीट्रिक टन रह गया। ग्रेट ब्रिटेन में पाँच प्रधान कोयला उत्पादक क्षेत्र हैं जहाँ से देश का तीन-चौथाई से अधिक कोयला प्राप्त होता है, यथा-यार्कशायर-नाटिंघम-डर्बी क्षेत्र, नार्थम्बरलैण्ड-डरहम क्षेत्र, लंकाशायर क्षेत्र, दक्षिणी वेल्स और क्लाइड घाटी क्षेत्र। इनके अतिरिक्त पन्द्रह छोटे-छोटे क्षेत्र भी कोयले का उत्पादन करते हैं।

यार्कशायर-नाटिंगघम-डर्बी क्षेत्र-

     यह ब्रिटेन का सर्वश्रेष्ठ कोयला उत्पादक क्षेत्र है, जो लगभग पाँच हजार वर्ग कि०मी० क्षेत्र में फैला है। यहाँ का उत्पादन कपड़ा, इस्पात और इंजीनियरिंग उद्योगों में प्रयुक्त होता है।

नार्थम्बर लैण्ड-डरहम क्षेत्र-

  यह ब्रिटेन का दूसरा प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र है। इंगलैण्ड के पूर्वी छोर पर स्थित इस क्षेत्र से उत्तम कोटि का बिटुमिनस कोयला प्राप्त किया जाता है, अधिकांश उत्पादन समीपवर्ती औद्योगिक क्षेत्रों में खप जाता है। यहाँ के कोयले से उत्तम कोटि का कोक बनाया जाता है।

यूनान-

   हाल के वर्षों में यूनान का कोयला उत्पादन तेजी से बढ़ा है। 2007 में यहाँ 625 लाख टन कोयला उत्पादित हुआ था। जो विश्व उत्पादन का 1.0 प्रतिशत है। यहाँ मध्यम किस्म का कोयला उत्पादित होता है।

चेक गणराज्य-

   यह यूरोप का चौथा बड़ा और विश्व का पन्द्रहवाँ बड़ा कोयला उत्पादक देश है। 2007 में यहाँ 626 लाख मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन हुआ था, जो विश्व का एक प्रतिशत से कम है।

रोमानिया-

       यूरोपीय देशों में रोमानिया का कोयला उत्पादन तेजी से बढ़ा है जिसके कारण यह यूरोप का पाँचवां बड़ा कोयला उत्पादक देश बन गया है। 2007 में यहाँ विश्व का 0.5 प्रतिशत कोयला उत्पादित हुआ था। 1970 से ही इसका उत्पादन अपनी आवश्यकता के अनुकूल होता रहा है।

बुल्गेरिया-

     यूरोप का छठवां और विश्व का अठारहवाँ बड़ा कोयला उत्पादक देश है, जहाँ विश्व का मात्र 0.2 प्रतिशत कोयला उत्पादित होता है।

पूर्व युगोस्लाविया-

      यह यूरोप का सातवां और विश्व का उन्नीसवां बड़ा उत्पादक देश है। 2007 में यहाँ 60 लाख मीट्रिक टन उत्तम किस्म का तथा 932 लाख मीट्रिक टन लिग्नाइट का उत्पादन हुआ था, जो विश्व उत्पादन का 0.2 प्रतिशत था। यहाँ के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में पिलजेन और साइलेशिया है जहाँ से देश का अधिकांश उत्पादन प्राप्त किया जाता है।

अन्य यूरोपीय उत्पादक देश-

      यूरोप के अन्य प्रमुख उत्पादकों में फ्रान्स, बेल्जियम, नीदरलैण्ड, हंगरी और स्पेन विशेष उल्लेखनीय है। 2007 में फ्रांस का उत्पादन केवल 70 लाख मीट्रिक टन था। इसका अधिकांश उत्पादन केवल 70 लाख मीट्रिक टन था। इसका अधिकांश उत्पादन फ्रेंको बेल्जियम क्षेत्र, लारेन पठारी क्षेत्र, लीकूसोट तथा अटिपे कोयला क्षेत्र से प्राप्त किया जाता है।

    बेल्जियम का उत्पादन 2007 में 10 लाख मीट्रिक टन उत्तम कोटि का और 249 लाख मीट्रिक टन लिग्नाइट था। इसका अधिकांश उत्पादन फ्रैंको बेल्जियम एवं कैम्पाइन क्षेत्रों से प्राप्त किया जाता है। नीदरलैण्ड में लिम्बर्ग बेसिन और जील बेसिन प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र हैं।

दक्षिणी अफ्रीका संघ

   यह विश्व का छठवां बड़ा कोयला उत्पादक देश है। 2007 में इसका उत्पादन 2694 लाख मीट्रिक टन था, जो विश्व का 4.2 प्रतिशत होता है। इसका संचित भंडार भी पर्याप्त है। यहाँ के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में ट्रांसवाल और नेटाल राज्य अग्रणी हैं, जहाँ से देश का 85 प्रतिशत कोयला प्राप्त किया जाता है। यहाँ अधिकांशतः

उच्च कोटि का बिटुमिनस कोयला निकाला जाता है, जो निर्यात किया जाता है।

आस्ट्रेलिया-

     यह विश्व का चौथा बड़ा कोयला उत्पादक देश बन गया है। 1970 में 420 लाख मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन हुआ था, जो बढ़कर 2007 में 3939 लाख मीट्रिक टन हो गया। यह प्रतिवर्ष 293 लाख मीट्रिक टन लिग्नाइट का उत्पादन भी करता है। साथ ही यहाँ विश्व का 1.4 प्रतिशत कोयला भंडा संचित है, जिसमें अधिकांश उच्च कोटि का है। यहाँ के उत्पादन का अस्सी प्रतिशत कोयला न्यूसाउथ वेल्स की खानों से प्राप्त होता है। प्रसिद्ध खदानों में न्यूकौंसिल की उत्तरी खदान, लिथस की पश्चिमी खदान तथा कैम्बला बंदरगाह के समीप की पश्चिमी खदान विशेष उल्लेखनीय है।



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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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