Unique Geography Notes हिंदी में

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BA SEMESTER/PAPER IIIQuestions Bank For UG

MAJOR CORE COURSE (Theory- Cartograms Map Projection and Surveying) Solved Questions Paper 2024

(MAJOR CORE COURSE : MJC-4)

UG (Sem.-III) Examination, 2024

(Session: 2023-27)

GEOGRAPHY

(Cartograms Map Projection and Surveying)

Time: Three Hours  [Maximum Marks: 70

Note: Candidates are required to give their answers in their own words as far as practicable. The figures in the margin indicate full marks. Answer all the parts as directed.

अभ्यर्थी यथासंभव उत्तर अपने शब्दों में ही दें। उपांत के अंक पूर्णांक के द्योतक हैं। निर्देशानुसार सभी भागों से प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

PART-A / भाग-अ

(Objective Type Questions)

(वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

Note: Attempt all MCQ from this part. Each question carries 2 marks. [10×2=20]

इस भाग से सभी बहुविकल्पीय प्रश्नों को हल कीजिए। प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है।

1. (i) Scale is the ratio between:

(a) Map distance and ground distance

(b) Ground distance and scale distance

(c) Both (a) and (b)

(d) None of the above

मापक किसका पारस्परिक अनुपात है?

(a) मानचित्र की दूरी एवं धरातल की वास्तविक दूरी

(b) धरातल पर दूरी एवं मापक पर दी गयी दूरी

(c) दोनों (a) और (b)

(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर- (c) दोनों (a) और (b)

(ii) Who made the globe of the Earth?

(a) Ptolemy

(b) Crates

(c) Posidonius

(d) Eratosthenese

किसने पृथ्वी को ग्लोब के रूप में दर्शाया?

(a) टॉलमी

(b) क्रेटस

(c) पोसाईडॉनस

(d) ईरास्थनीज

उत्तर- ईरास्थनीज

(iii) The father of Chinese Cartograpy is said to be:

(a) Pie Xiu

(b) Xit Chwang

(c) Chia Shen

(d) None of the above

चीन में कार्टोग्राफी का जनक इनको कहते हैं:

(a) पेई क्सिउ

(b) जिट ज्यांग

(c) चिया शेन

(d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (a) पेई क्सिउ

(iv) A columnar diagram is called:

(a) Bar diagram

(b) Vertical diagram

(c) Horizontal diagaram

(d) None of these

स्तम्भ आरेख को कहा जाता है:

(a) बार आरेख

(b) लंबवत आरेख

(c) क्षैतिज आरेख

(d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (a) बार आरेख

(v) The word ‘map’ originated in which language?

(a) Latin

(b) Chinese

(c) Italian

(d) Japanese

‘मानचित्र’ शब्द की उत्पत्ति किस भाषा में हुई?

(a) लैटिन भाषा

(b) चीनी भाषा

(c) इटालियन भाषा

(d) जापानी भाषा

उत्तर- (a) लैटिन भाषा

(vi) Weather maps are:

(a) Daily

(b) Weekly

(c) Monthly

(d) Yearly

मौसम मानचित्र होता है:

(a) दैनिक

(b) साप्ताहिक

(c) मासिक

(d) वार्षिक

उत्तर- (a) दैनिक

(vii) The parallel lines on globe are called:

(a) Latitude

(b) Longitude

(c) Graticule

(d) Map

ग्लोब पर समान्तर रेखाओं को कहते हैं :

(a) अक्षांश

(b) देशान्तर

(c) ग्रेटीक्युल

(d) नक्शा

उत्तर- (a) अक्षांश

(viii) Another name of Shade Method is:

(a) Choropleth Method

(b) Isopleth Method

(c) Both (a) and (b)

(d) None of these

छायांकन विधि का दूसरा नाम है:

(a) कोरोप्लेथ विधि

(b) आइसोप्लेथ विधि

(c) दोनों (a) और (b)

(d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 

(ix) What connects points of equal value for a specific variable such as elevation or temperature?

(a) Isopleth

(b) Dot line

(c) Diagram

(d) Projection

किसी विशिष्ट चर, जैसे ऊँचाई या तापमान के लिये समान मान वाले बिन्दुओं को क्या जोड़ता है?

(a) आइसोप्लेथ

(b) बिन्दु रेखा

(c) आरेख

(d) प्रक्षेपण

उत्तर- 

(x) A map projection that is least useful for maps of the world :

(a) Mercator

(b) Cylindrical

(c) Conic

(d) All of these

विश्व को दर्शाने वाला एक प्रक्षेपण जो सबसे कम उपयोगी है:

(a) मरकेटर

(b) बेलनाकार

(c) शंकुधारी

(d) उपरोक्त सभी

उत्तर- 

PART-B / भाग-ब

(Short Answer Type Questions)

(लघु उत्तरीय प्रश्न)

Note: Answer any four questions. Each question carries 5 marks. [4×5=20]

निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 5 अंकों का है।

2. Define Cartography.

कार्टोग्राफी को परिभाषित कीजिए।

3. What do you understand by a bar diagram? Explain briefly.

दण्ड आरेख से आप क्या समझते हैं? संक्षेप में बताइये।

4. Give the definition of a map.

मानचित्र को परिभाषित कीजिए।

5. What do you mean by shading method?

छायांकन विधि से आप क्या समझते हैं?

6. What is Map projection?

मानचित्र प्रक्षेपण क्या होता है?

7. Explain different types of projection.

प्रक्षेपण के विभिन्न प्रकारों की व्याख्या कीजिए।

PART-C/ भाग-स

(Long Answer Type Questions)

(दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)

Note: Answer any three questions. Each question carries 10 marks. [3×10-30]

निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 10 अंकों का है।

8. Briefly explain the history of cartography from Ancient times to Modern times.

प्राचीन काल से आधुनिक काल तक, कार्टोग्राफी के इतिहास को संक्षेप में बताइये।

9. Describe the developmentof Indian cartography.

भारत में कार्टोग्राफी के विकास का वर्णन कीजिए।

10. Explain the different types of bar diagram, along with their uses.

उपयोगिता के आधार पर, विभिन्न प्रकार के दण्ड आरेख की चर्चा कीजिए।

11. What do you understand by a Map? Classify map on the basis of purpose.

आप मानचित्र से क्या समझते हैं? उद्देश्य के आधार पर मानचित्रों को वर्गीकृत कीजिए।

12. What is the map projection? Classify projection according to the method of construction.

मानचित्र प्रक्षेपण क्या होता है? रचना विधि के आधार पर, प्रक्षेपण को वर्गीकृत कीजिए।



सभी लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का उत्तर सरल एवं आसान शब्दों में देना यहाँ सीखें



PART-B / भाग-ब

(Short Answer Type Questions)

(लघु उत्तरीय प्रश्न)

Note: Answer any four questions. Each question carries 5 marks. [4×5=20]

निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 5 अंकों का है।

2. Define Cartography.

कार्टोग्राफी को परिभाषित कीजिए।

उत्तर- मानचित्र कला को सामान्यतः मानचित्र की रूपरेखा तैयार करने, रचना करने एवं उत्पत्ति करने की विज्ञान एवं कला समझा जाता है।

⇒ अमेरिकन सोसाइटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स के अनुसार, “Cartography is the art of map construction and the science on which it is based. It combines the achievements of the astronomer and mathematician with those of the explorer and surveyor in presenting of the physical characteristics of the earth’s surface.”

⇒ संयुक्त राष्ट्र की सामाजिक कार्य विभाग (1949) के अनुसार, “Cartography is considered as the science of preparing all types of maps and charts, and includes every operation from origional surveys to final printing of copies.” इस प्रकार मानचित्र कला (Cartography) मानचित्र बनाने की कला है एवं वह विज्ञान है जिस पर मानचित्र की रचना आधारित है। यह पृथ्वी की भौतिक विशेषताओं की तस्वीर को मानचित्र पर प्रस्तुत करता है और इस क्रम में खोजकर्त्ता एवं सर्वेक्षणकर्त्ता की उपलब्धियों को खगोलविद् एवं गणितज्ञ की उपलब्धियों के साथ सम्बद्ध करता है।

     मानचित्र कला वह विज्ञान है जो सभी प्रकार के मानचित्र एवं चार्ट को तैयार करता है और इसके अन्तर्गत मौलिक सर्वेक्षण से लेकर मानचित्रों एवं चार्यों की अन्तिम छपाई तक की सभी क्रियाएँ शामिल हैं।

3. What do you understand by a bar diagram? Explain briefly.

दण्ड आरेख से आप क्या समझते हैं? संक्षेप में बताइये।

उत्तर-

दण्ड-आरेख:-

       किसी वस्तु की मात्रा का वितरण, विभिन्न क्षेत्रों में किसी वस्तु के उत्पादन व्यापार, जनसंख्या वितरण या किसी वस्तु की मात्रा की तुलना आदि जब खड़े या पड़े स्तंभ या दण्ड से दिखाते हैं तो ऐसे आरेख को दण्ड आरेख (Bar Diagram) या स्तंभ आरेख (Columnar Diagram) कहते हैं।

    दण्ड आरेख बनाते समय निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए:

1. सभी स्तंभ या दण्डों की मोटाई एक समान होनी चाहिए।

2. आरेख में सभी दण्ड समान दूरी के अंतर पर बनाने चाहिए। यह दूरी दण्ड की मोटाई से सदैव कुछ कम रखते हैं।

3. एक उपयुक्त मापक (स्केल) निर्धारित करने के बाद ही स्तंभों की रचना करनी चाहिए।

दण्ड आरेख के प्रकार (Types of Bar Diagram)

1. सरल दण्ड आरेख (Simple Bar Diagram):-

    सरल दण्डारेख में एक चित्र के अंतर्गत एक ही वस्तु के आँकड़े प्रदर्शित किये जाते हैं।

2. मिश्रित दण्ड आरेख (Compound Bar Diagram):

    मिश्रित दण्ड आरेख द्वारा आँकड़ों के कुल योग तथा उनके विभिन्न भागों को प्रदर्शित किया जाता है तथा उन्हें एक ही दण्ड में इस प्रकार खींचते हैं कि उससे आँकड़ों के अलग-अलग गुण तथा कुल योग का पता चल जाए।

3. बहुदण्ड आरेख (Multiple Bar Diagram):-

    इसमें दो या अधिक वस्तुओं के आँकड़ें एक साथ प्रदर्शित किये जाते हैं। तुलनात्मक अध्ययन में ये विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं।

4. द्विदिशा दण्ड आरेख (Duo-Directional Bar Diagram):-

    जब पदमाला में धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों प्रकार के पदमूल्य दिये हों तो उन्हें द्विदिशा दण्ड आरेख द्वारा प्रदर्शित करते हैं। इसमें आधार रेखा के ऊपर एवं नीचे दोनों तरफ स्तंभ खींचे जाते हैं। ऊपर के स्तंभ धनात्मक (+) तथा नीचे के स्तंभ ऋणात्मक (-) मूल्यों को प्रदर्शित करते हैं।

4. Give the definition of a map.

मानचित्र को परिभाषित कीजिए।

उत्तर- ‘मानचित्र’ लैटिन भाषा के मैपा (Mappa) शब्द से उत्पन्न मैप (Map) शब्द का पर्यायवाची है, जिसका शाब्दिक अर्थ कपड़े का रूमाल या टुकड़ा होता है। मानचित्र द्वारा विश्व के किसी भाग अथवा विशाल क्षेत्र का प्रदर्शन तथा चित्रण समतल कागज पर सरलता से किया जा सकता है।

     अर्थात् पृथ्वी के समस्त भूभाग अथवा किसी एक भाग को कागज पर सांकेतिक चिन्हों के द्वारा उचित मापक (Scale) तथा प्रक्षेप (Projection) पर चित्रण को ही मानचित्र कहते हैं। और इस प्रकार मानचित्रों के संग्रह को मानचित्रावली अथवा एटलस (Atlas) कहा जाता हैं।

फिन्च तथा टिवार्था के अनुसार ‘मानचित्र धरातल के आलेखी निरूपण होते हैं।

5. What do you mean by shading method?

छायांकन विधि से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- भूगोल में छायांकन विधि का मतलब है, मानचित्र पर किसी भू-आकृति की छाया बनाना। छायांकन विधि से मानचित्र पर उच्चावच को दिखाया जाता है। छायांकन विधि के कुछ उदाहरण हैं: हैश्यूर विधि, पर्वतीय छायाकरण विधि इत्यादि।

     छायांकन विधि की प्रमुख विशेषताएँ:

(i) हैश्यूर विधि में, मानचित्र पर छोटी-छोटी रेखाएं खींचकर उच्चावच को दिखाया जाता है।

(ii) पर्वतीय छायाकरण विधि में, भू-आकृतियों पर उत्तर-पश्चिम दिशा से प्रकाश पड़ने की कल्पना की जाती है।

(iii) जिस हिस्से में प्रकाश नहीं पड़ता, उसे गहरे रंग से भर दिया जाता है।

(iv) जिस हिस्से में प्रकाश पड़ता है, उसे हल्के रंग से भर दिया जाता है या फिर खाली छोड़ दिया जाता है।

6. What is Map projection?

मानचित्र प्रक्षेपण क्या होता है?

उत्तर- ग्लोब पर स्थित अक्षांश और देशान्तर रेखाओं के जाल को समतल कागज पर प्रक्षेपित करने की तकनीक को मानचित्र प्रक्षेप (Map Projection) कहते हैं।

परिभाषा

स्टीयर्स⇒ ग्लोब की अक्षांश या देशान्तर रेखाओं को सपाट कागज पर प्रदर्शित करने की विधि को मानचित्र प्रक्षेप (Map Projection) कहते हैं।

इरविन रेज⇒ अक्षांश वृत्तों तथा याम्योत्तर रेखाओं (Meridian) का कोई व्यवस्थित क्रम जिस पर मानचित्र बनाया जा सके प्रक्षेप कहा जाता है।

मैक हाउस⇒ पृथ्वी के अक्षांश वृतों और याम्योत्तर रेखाओं का रेखा जाल के रूप में समतल पर प्रदर्शन प्रक्षेप कहलाता है।

जॉन बीगॉट⇒ ग्लोब की अक्षांश और देशान्तर रेखाओं को कागज पर प्रदर्शित करने की विधि को मानचित्र प्रक्षेप कहते हैं।

मानचित्र प्रक्षेप की आवश्यकता क्यों

      मानचित्र का प्रदर्शन ग्लोब और समतल कागज पर प्रदर्शित करते हैं। लेकिन ग्लोब की तुलना में मानचित्रों का समतल कागज पर प्रदर्शन कई अर्थों में भिन्नता रखता है। जैसे-

(1) ग्लोब पर बने मानचित्र को एक बार में समस्त भाग को नहीं देखा जा सकता। लेकिन समतल कागज पर मानचित्र को एक बार में समस्त भाग को देखा जा सकता है।

(2) ग्लोब पर स्थित दो स्थानों के बीच की दूरी मापना एक कठिन कार्य है जबकि समतल कागज पर यह काम आसानी से किया जा सकता है।

(3) ग्लोब को मानचित्र की तरह मोड़ा नही जा सकता है।

(4) पृथ्वी के छोटे-2 भागों को अलग-2 ग्लोब पर नहीं बनाया जा सकता है।

(5) मानचित्र की तुलना में ग्लोब का रख-रखाव और उसके एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने और ले जाने में अधिक कठिनाई होती है।

7. Explain different types of projection.

प्रक्षेपण के विभिन्न प्रकारों की व्याख्या कीजिए।

उतर-

मानचित्र प्रक्षेपों का वर्गीकरण

      प्रकाश या ज्यामितीय विधि द्वारा समतल सतह पर निर्मित अक्षांश व देशांतर रेखाओं के जाल या भू-ग्रिड को मानचित्र प्रक्षेप कहा जाता है। गोलाकार पृथ्वी अथवा इसके किसी बड़े भू-भाग का समतल सतह पर मानचित्र बनाने के लिए मानचित्र प्रक्षेप का प्रयोग किया जाता है। अक्षांश एवं देशांतर रेखाओं के जाल को Graticule, Net या Mesh के नाम से भी जाना जाता है।

MAJOR CORE

           पृथ्वी की आकृति का यथार्थ चित्रण केवल ग्लोब के द्वारा ही संभव है एवं कोई भी मानचित्र प्रक्षेप आकार, क्षेत्रफल एवं दिशा, तीनों ही दृष्टि से सही नहीं होता है। परन्तु समक्षेत्र, यथाकृतिक अथवा शुद्ध दिशा के गुणों में से किसी विशेष गुण का प्रक्षेप बनाना संभव है। अतः मानचित्र के उद्देश्य को ध्यान में रखकर उपयुक्त प्रक्षेप का चयन किया जाता है।

    मानचित्र प्रक्षेप को तीन आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।

(1) प्रकाश के प्रयोग के आधार पर

(2) गुण के आधार पर

(3) रचना विधि के आधार पर

(I) प्रकाश के प्रयोग के आधार पर

            प्रकाश के प्रयोग के आधार पर प्रक्षेप दो प्रकार के होते हैं:-

(1) संदर्श मानचित्र-प्रक्षेप (Perspective Map Projection or Geometrical Projection):-

         यह एक ऐसा Projection है जिसमें ग्लोब पर स्थित भूग्रिड को समतल कागज पर प्रकाश के माध्यम से प्रक्षेपित करते हैं।

        इस प्रक्षेप में प्रकाश के स्रोत की तीन स्थिति हो सकती है। जैसे-

(1) केन्द्र में,

(2) पृथ्वी के परिधि पर और

(3) अनन्त पर।

          इन तीनों स्थितियों के आधार पर प्रक्षेप तीन प्रकार के होते हैं:-
(i) केन्द्रक प्रक्षेप (Gnomonic Projection)

⇒ इसमें प्रकाश स्रोत ग्लोब के केंद्र में होता है।

(ii) त्रिविम प्रक्षेप (Stereograophic Projection)

इसमें प्रकाश स्रोत ग्लोब के परिधि पर होता है।

(iii) लम्ब-कोणीय प्रक्षेप (Orthographic Projection)

इसमें प्रकाश स्रोत अनंत पर होता है।

(2) असंदर्श मानचित्र प्रक्षेप (Non-Perspective Map Projection):-

          इसमें गणितीय विधि के आधार पर भूग्रिड को समतल कागज पर प्रक्षेपित किया जाता है। इस विधि में प्रकाश स्रोत को केन्द्र में स्थिर कर दिया जाता है और समतल कागज को अलग-2 स्थितियों में बदलकर प्रक्षेपण का कार्य किया जाता है। इसके आधार पर यह Projection तीन प्रकार का होता है-

(i) Polar Zenithal Projection (ध्रुवीय खमध्य प्रक्षेप)

⇒ इसमें समतल कागज को ग्लोब के ध्रुव पर फैलाकर रखा जाता है।

(ii) Equatorial Zenithal Projection (विषुवतीय खमध्य प्रक्षेप)

⇒ इसमें समतल कागज विषुवत रेखा को स्पर्श करता है।
(iii) Oblique Zenithal Projection (तिर्यक खमध्य प्रक्षेप)

⇒ इसमें समतल कागज ध्रुव और विषुवत रेखा के बीच के किसी स्थान को स्पर्श करता है।

(II) गुण के आधार पर 

             गुण के आधार पर प्रक्षे तीन प्रकार के होते हैं:-

(1) यथाआकृति प्रक्षेप (Orthomorphic Projection)

(2) समक्षेत्र प्रक्षेप (Homolographic Projection or Equal Area Projection)

(3) शुद्ध दिशा प्रक्षेप (Azimuthal Projection)

(III) रचना विधि के आधार पर

           इसमें गणित और प्रकाश दोनों का सहारा अपने सुविधा के अनुसार लिया जाता है।

⇒ रचना विधि के आधार पर प्रक्षेप कई प्रकार के होते हैं:-
(1) शंकु प्रक्षेप (Conical Projection)

      शंकु प्रक्षेप चार प्रकार का होता है-

(i) One Standard Parallel Conical Projection (एक मानक अक्षांश वाला शंकु-प्रक्षेप)

(ii) Two Standard Parallel Conical Projection (दो मानक अक्षांशों वाला शंकु प्रक्षेप)

(iii) Bonne’s Projection (बोन प्रक्षेप)

(iv) Polyconic Projection (बहुशंकुक प्रक्षेप)

(2) बेलनाकार प्रक्षेप (Cylindrical Projection)

(i) Cylindrical Equi-Distance Projection (समदूरस्थ बेलनाकार प्रक्षेप)

(ii) Cylindrical Equal-Area Projection (बेलनाकार समक्षेत्र प्रक्षेप)

(iii) Mercator’s Projection (मर्केटर प्रक्षेप या यथाकृति प्रक्षेप)

(iv) Gall Projection (गॉल प्रक्षेप)

(3) Zenithal Projection (खमध्य प्रक्षेप)

        प्रकाशीय स्थिति के आधार पर खमध्य प्रक्षेप तीन प्रकार का होता है:-

(1) Gnomonic Projection (केन्द्रक नोमॉनिक प्रक्षेप)

(ii) Stereograophic Projection (त्रिविम प्रक्षेप)

(ii) Orthographic Projection (लम्बकोणीय प्रक्षेप)

             खमध्य प्रक्षेप कागज तल स्थिति के आधार पर तीन प्रकार का होता है:-

(i) Polar Zenithal Projection (ध्रुवीय खमध्य प्रक्षेप)

(ii) Oblique Zenithal Projection (तिर्यक प्रक्षेप)

(iii) Equatorial Zenithal Projection (विषुवतीय खमध्य प्रक्षेप)

(4) रूढ़ प्रक्षेप (Conventional Porojection)

(i) मॉलवीड प्रक्षेप (Mollveide Projection)

(ii) ज्यावक्रीय या सिनुसॉयडल प्रक्षेप (Sinusoidal or Sanson Flamstead Projection)

(iii) गोलाकार प्रक्षेप (Globular Projection)

(iv) विच्छिन्न मॉलवीड प्रक्षेप (Interrupted Mollveide Projection)

(v) विच्छिन्न सैन्सन फ्लैम्स्टीड या सिनुसॉयडल प्रक्षेप (Interrupted Sinusoidal or Sanson Flamstead Projection)

मानचित्र प्रक्षेपों का वर्गीकरण

PART-C/ भाग-स

(Long Answer Type Questions)

(दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)

Note: Answer any three questions. Each question carries 10 marks. [3×10-30]

निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 10 अंकों का है।

8. Briefly explain the history of cartography from Ancient times to Modern times.

प्राचीन काल से आधुनिक काल तक, कार्टोग्राफी के इतिहास को संक्षेप में बताइये।

9. Describe the developmentof Indian cartography.

भारत में कार्टोग्राफी के विकास का वर्णन कीजिए।

10. Explain the different types of bar diagram, along with their uses.

उपयोगिता के आधार पर, विभिन्न प्रकार के दण्ड आरेख की चर्चा कीजिए।

11. What do you understand by a Map? Classify map on the basis of purpose.

आप मानचित्र से क्या समझते हैं? उद्देश्य के आधार पर मानचित्रों को वर्गीकृत कीजिए।

12. What is the map projection? Classify projection according to the method of construction.

मानचित्र प्रक्षेपण क्या होता है? रचना विधि के आधार प, प्रक्षेपण को वर्गीकृत कीजिए।

I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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