हमारी पृथ्वी के अन्दर/ INSIDE OUR EARTH/CHAPTER-2 NCERT CLASS-7
NCERT CLASS-7 Geography Solutions
(हिन्दी माध्यम)
अध्याय-2. हमारी पृथ्वी के अन्दर (INSIDE OUR EARTH)
एनसीईआरटी के 7वीं कक्षा का भूगोल विषय का सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर
सरल एवं आसान शब्दों में उत्तर देना सीखें
अध्याय-2. हमारी पृथ्वी के अन्दर
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) पृथ्वी के तीन परतें है क्या है?
उत्तर – पर्पटी, मैंटल तथा क्रोड
(ख) शैल क्या है?
उत्तर – पृथ्वी की पर्पटी बनाने वाले खनिज पदार्थ के किसी भी प्राकृतिक पिंड को शैल करते हैं। शैल विभिन्न रंग, आकार एवं गठन की हो सकती है।
(ग) तीन प्रकार की शैलों के नाम लिखें।
उत्तर – मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है-
◆ आग्नेय (इग्नियस) शैल
◆ अवसादी (सेडीमेंट्री) शैल एवं
◆ कायांतरित (मेटामॉरफिक) शैल
(घ) बहिर्भेदी एवं अंतर्भेदी शैल का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर – पृथ्वी के आंतरिक भाग से जब निकल कर द्रवित लावा पृथ्वी की सतह पर आता है तो यह तेजी से ठंडा होकर ठोस बन जाता है, पर्पटी पर इस प्रकार से बने ठोस शैल को बहिर्भेदी आग्नेय शैल कहते हैं। जैसे – बेसाल्ट।
पृथ्वी के आंतरिक भाग से जब निकलकर द्रवित लावा कभी-कभी भूपर्पटी के अंदर गहराई में ही ठंडा हो जाता है तो इस प्रकार बने ठोस शैलों को अंतर्वेदी आग्नेय शैल कहते हैं। जैसे -ग्रेनाइट।
(च) शैल चक्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – किसी निश्चित दशाओं में एक प्रकार की शैल चक्रीय तरीके से एक-दूसरे में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रकार एक शैल से दूसरे शैल में परिवर्तित होने की इस प्रक्रिया को शैल चक्र कहा जाता है।
द्रवित मैग्मा ठंडा होकर ठोस आग्नेय शैल बन जाता हैं। ये आग्नेय शैल छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होकर अवसादी शैल का निर्माण करते हैं। अत्यधिक ताप एवं दाब के कारण ये आग्नेय एवं अवसादी शैल पुनः कायांतरित शैल में बदल जाते हैं।
पुनः अत्यधिक ताप एवं दाब के कारण कायांतरित शैल पिघलकर द्रवित मैग्मा बन जाता है। यह द्रवित मैग्मा पुनः ठंडा होकर आग्नेय शैल में परिवर्तित हो जाता है।
(छ) शैलों के क्या उपयोग है ?
उत्तर – शैल का निम्नलिखित उपयोग है-
◆ सड़क बनाने में,
◆ घर एवं इमारत बनाने में,
◆ कई प्रकार के खेलों जैसे सात पत्थर, पांच पत्थर इत्यादि में।
(ज) कायांतरित शैल क्या है ?
उत्तर – जब अत्यधिक ताप एवं दाब के कारण आग्नेय एवं अवसादी शैलों का रूपांतरण हो जाता है तब इससे एक नया शैल का निर्माण होता है, जिसे कायांतरित शैल कहा जाता है। जैसे – चिकनी मिट्टी स्लेट में एवं चुना पत्थर संगमरमर में रूपांतरित हो जाता है।
2. सही उत्तर चिह्नित कीजिए –
(क) द्रवित मैग्मा से बने शैल
(i) आग्नेय
(ii) अवसादी
(iii) कायांतरित
उत्तर – (i) आग्नेय
(ख) पृथ्वी की सबसे भीतरी परत
(i) पर्पटी
(ii) क्रोड
(iii) मैंटल
उत्तर – (ii) क्रोड
(ग) सोना, पेट्रोलियम एवं कोयला किसके उदहारण है?
(i) शैल
(ii) खनिज
(iii) जीवाश्म
उत्तर – (ii) खनिज
(घ) शैल, जिसमें जीवाश्म होते हैं
(i) अवसादी
(ii) कायांतरित
(iii) आग्नेय
उत्तर – (i) अवसादी
(च) पृथ्वी की सबसे पतली परत हैं
(i) पर्पटी
(ii) मैंटल
(iii) क्रोड
उत्तर – (i) पर्पटी
3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए –
उत्तर
(क) क्रोड – (v) सबसे भीतरी परत
(ख) खनिज – (iv) इसका एक निश्चित रासायनिक मिश्रण होता है।
(ग) शैल – (ii) सड़क एवं इमारत बनाने के लिए उपयोग होता है।
(घ) चिकनी मिट्टी – (vi) स्लेट में बदलता है ।
(च) सिएल – (iii) सिलिका एवं एलुमिना से बनता है।
4. कारण बताइए –
(क) हम पृथ्वी के केंद्र तक नहीं जा सकते हैं?
उत्तर – पृथ्वी के केंद्र की गहराई समुद्र सतह से 6000 किलोमीटर नीचे है, साथ ही साथ केंद्रीय क्रोड का तापमान एवं दाब काफी उच्च होता है जिसकी खुदाई करना बिल्कुल असंभव है।
(ख) अवसादी शैल अवसाद से बनती है।
उत्तर – शैल लुढ़ककर, चटककर तथा एक-दूसरे से टकराकर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती है। इन छोटे कणों को अवसाद का कहते है। ये अवसाद हवा, जल आदी के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच कर जमा कर दिए जाते हैं। यह अदृढ़ अवसाद दबकर एवं कठोर होकर शैल की परत बनाते हैं। इस प्रकार की शैलों को अवसादी शैल कहते हैं। जैसे- बलुआ पत्थर, रेत इत्यादि।
(ग) चूना पत्थर संगमरमर में बदलता है।
उत्तर – अत्याधिक उच्च ताप एवं दाब के कारण चूना पत्थर का रूपांतरण संगमरमर में हो जाता है।
नोट : जीवाश्म – शैलों की परतों में दबे मृत पौधों एवं जीव जंतुओं के अवशेषों को जीवाश्म करते है।
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- अध्याय-1. पर्यावरण
- अध्याय-2. हमारी पृथ्वी के अन्दर
- अध्याय-3. हमारी बदलती पृथ्वी
- अध्याय-4. वायु
- अध्याय-5. जल
- अध्याय-6. प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन
- अध्याय-7. मानवीय पर्यावरण : बस्तियाँ, परिवहन, एवं संचार
- अध्याय-8. मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश
- अध्याय-9. शीतोष्ण घासस्थलों में जीवन
- अध्याय-10. रेगिस्तान में जीवन