Unique Geography Notes हिंदी में

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बिहार का भूगोल

7. Flood in Bihar (बिहार में बाढ़)

7. Flood in Bihar

(बिहार में बाढ़)



प्रश्न प्रारूप

Q. Describe the flood problems in Bihar.

(बिहार में बाढ़ से सम्बन्धित समस्याओं का वर्णन करें।)

उत्तर- बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ की 80 या 85 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। बिहार से झारखण्ड राज्य के अलग होने के कारण यहाँ केवल कृषि का ही क्षेत्र रह गया है। अब बिहार की आर्थिक उन्नति केवल कृषि पर निर्भर है। बिहार में कई समस्याओं के कारण कृषि सम्पदा से परिपूर्ण बिहार आज भी अपनी निर्धनता के लिए देश में विख्यात है। अतः इन समस्याओं के निदान के बगैर इसकी आर्थिक उन्नति असंभव है।

बाढ़ की समस्या:-

     बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है। बाढ़ नदियों में अत्यधिक जल के कारण आती है। यहाँ की नदियाँ सदियों से विनाशकारी बाढ़ के लिए प्रसिद्ध रही है। एक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार के कुल बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का लगभग 64 लाख हेक्टेयर है। इसका अधिकतर क्षेत्र उत्तरी बिहार में पड़ता है। उत्तर बिहार में अधिकतर नदियाँ हिमालय से निकलती है। इन नदियों में कोसी, कमला, बागमती, गण्डक, बूढ़ी गण्डक आदि सम्मिलित हैं।

     ये सभी नदियाँ हिमालय के अतिवृष्टि के क्षेत्र से निकलने के कारण काफी जलराशि लाती है, इनका जलग्रहण क्षेत्र भी काफी विस्तृत है। इन नदियों में बाढ़ का मुख्य कारण हिमालय के तराई क्षेत्र में अत्यधिक वृष्टि है। इस भाग की कोसी तथा गण्डक नदियों का जलक्षेत्र ऊँचे हिमालय के शिखर पर है।

      इस भाग में अधिक वर्षा से यहाँ बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसी कारण कोसी नदी में जल का प्रवाह काफी तीव्र है। इसका क्षेत्र बाढ़ प्रभावित रहता है। यह नदी मार्ग परिवर्तन के लिए भी विख्यात है। विगत 200 वर्षों से 150 किलोमीटर पश्चिम की ओर खिसक गई है और बार-बार खिसकने से पुरानी धारा जल प्लावन को बढ़ावा देती है। वर्षाऋतु में पूर्णिया से दरभंगा तक का क्षेत्र बाढ़ की विभीषिका से प्रभावित रहता है। अतः इस नदी को ‘बिहार का शोक’ (‘Sorrow of Bihar’) कहा जाता है। परन्तु कोसी परियोजना के कार्यान्वयन से अब कुछ राहत मिली है।

     हिमालय से जब नदियाँ बिहार के मैदान में प्रवेश करती है तो इनके द्वारा लायी गयी जलोढ़ मिट्टी यहाँ के समतल मैदान पर बिछाकर उथला बना देती है और कहीं-कहीं पर अवरोध भी उत्पन्न कर देती हैं। इसके फलस्वरूप नदी अपने दोनों किनारे पर जल फैला देती है। मन्द ढाल के कारण छाड़न झीलें, दलदली भूमि तथा चौर आदि का निर्माण करती हैं।

      इसी प्रकार बूढ़ी गण्डक, कमला, बागमती तथा महानन्दा अपने किनारे पर जल फैलाकर बाढ़ उत्पन्न करती हैं। जल की निकासी ठीक से नहीं होती है। इस प्रकार महीनों पानी भरा रहता है और फसलों को क्षति होती है। उत्तरी बिहार के अररिया, सुपौल, मधेपुरा, खगड़िया, सहरसा, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगुसराय, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, छपरा आदि जिलों में भयंकर बाढ़ आती है।

      दक्षिण बिहार की नदियाँ पठारी भाग से निकलकर गंगा में गिरती हैं। इस प्रदेश की प्रमुख नदियाँ, सोन, पुनपुन, फल्गु, मोरहर, पैमार, पंचाने, सकरी, मोहाने, कर्मनाशा आदि है। इस भाग में वर्षा के कारण कुछ महीनों के लिए बाढ़ की समस्या बनी रहती है।

    जब गंगा नदी स्वयं जलमग्न रहती है तो सोन, पुनपुन, सकरी, फल्गू आदि नदियों के पानी के निकास को अवरूद्ध कर देती है। इसके फलस्वरूप नदियों के प्रवाह क्षेत्र में भयंकर बाढ़ आ जाती है। इन नदियों से भी दलदली भूमि, दियारा भूमि, तालभूमि, चऊर भूमि, तथा जल प्रदेश बन जाते है। वर्षाऋतु में पटना से मोकामा तक का क्षेत्र जलप्लावित रहता है। दक्षिण बिहार के मैदान में पटना, उत्तरी नालन्दा, उत्तरी मुंगेर, लक्खीसराय तथा उत्तरी भागलपुर के जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं।

Flood in Bihar

बाढ़ की समस्याओं का निदान-

     बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए अनेक प्रयास किये गये हैं। इसमें केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा भी कई प्रयास किये गये हैं। इधर बिहार की नदियों पर बाँध बनाकर बाढ़ को नियंत्रित किया गया है। इससे जल की निकासी हो जाती है और बाढ़ की विभीषिका से बचाव भी हो जाता है। सोन नदी पर भी बाँध बनाया गया है। इसके अलावे गंगा तट पर कोइलवर बक्सर बाँध, भूतहीबलान बाँध मधुबनी, वैशाली जिले में हाजीपुर-बाजीपुर बाँध, कोसी के किनारे बदलाघाट-नगरपाला बाँध, त्रिमुहानी कुरसेला बाँध, पुनपुन नदी बाँध, बेतवा नहर बाँध, फल्गु नदी पर उदेरास्थान बाँध आदि है।

        बाँध निर्माण के अलावा बाढ़ नियंत्रण के लिए और भी कई उपाय किये गये हैं। पेड़-पौधे लगाक बाढ़ से बचाव किया गया है। इसका प्रयास भी हो हा है।


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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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