20. Concentric Zone Theory (सकेंद्रित पेटी सिद्धांत)
20. Concentric Zone Theory
(सकेंद्रित पेटी सिद्धांत)
नगरों की सामान्य संरचना अथवा आकारिकी के सम्बन्ध में सिद्धान्त का प्रतिपादन सर्वप्रथम ई. डब्ल्यू. बर्गेस ने 1923 में किया, जिसे संकेन्द्रित क्षेत्र सिद्धान्त के नाम से जाना जाता है। यह सिद्धान्त इस धारणा पर आधारित है कि एक नगर का विकास केन्द्र से बाहर की ओर संकेन्द्रित क्षेत्रों (पेटियों) की शृंखला बनाते हुए होता है। ये पेटियाँ नगर की वृद्धि के साथ-साथ बाहर की ओर खिसकती जाती है।
यह सिद्धान्त आदर्श दशाओं में ही लागू होता है अन्यथा प्रतिक्रियात्मक कारकों जैसे, यातायात मार्गों और धरातलीय अवरोध (नदी, झील, समुद्र, हिमनद, खाइयां) के उपस्थित होने पर अपने मूल रूप में लागू नहीं होता है। इस प्रकार बर्गेस का यह सिद्धान्त एक आदर्श संकल्पना है। बर्गेस ने शिकागो का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए नगर के संरचनात्मक विकास को निम्नलिखित पांच संकेन्द्रित क्षेत्र (पेटियों) द्वारा समझाया है।
1. केन्द्रीय व्यापार क्षेत्र (Central Business District)
2. संक्रमण क्षेत्र (Transition Zone)
3. कार्यशील लोगों के घरों का क्षेत्र (Zone of Workingmen’s Homes)
4. बेहतर आवासीय भवनों का क्षेत्र (Zone of Better Residences)
5. अभिगमनकर्ताओं का क्षेत्र (Commuter’s Zone)
1. केन्द्रीय व्यापार क्षेत्र:-
नगर के केन्द्र में प्रथम पेटी के रूप में केन्द्रीय व्यापारिक क्षेत्र स्थित होता है। यह नगर का हृदय क्षेत्र होता है। यह नगर के वाणिज्य, व्यापार और यातायात का केन्द्र होता है। गगनचुम्बी इमारतें, प्रमुख शोरूम, एम्पोरियम, थिएटर, होटल, नाचघर, क्लब एवं वाणिज्यिक संस्थानों के कार्यालय इसी क्षेत्र में स्थित होते हैं। इसका अधिकांश भाग गैर-आवासीय कार्यों के लिए प्रयुक्त होता है।
शिकागो में इस भाग को लूप (Loop), न्यूयार्क में डाउन टाउन (Down Town) तथा पिट्सबर्ग में गोल्डन टेम्पल (Golden Temple) कहते हैं। बर्गेस ने केन्द्रीय व्यापार क्षेत्र को भी दो भागों में बांटा है- पहला क्षेत्र केन्द्र में स्थित खुदरा व्यापार क्षेत्र है जो कि वृत्ताकार होता है, दूसरा इसके चारों ओर बाहर की ओर स्थित थोक व्यापार क्षेत्र होता है।
2. संक्रमण क्षेत्र:-
यह क्षेत्र केन्द्रीय व्यापार क्षेत्र के चारों ओर फैला हुआ होता है। इसमें व्यापारिक, औद्योगिक और आवासीय उपयोग के क्षेत्र पाए जाते हैं अतः इसे संक्रमण क्षेत्र कहते हैं। इसके आन्तरिक भाग में व्यापारिक संस्थान एवं हल्के विनिर्माण उद्योग का क्षेत्र होता है, तो बाहर की ओर आवासीय क्षेत्र होता है। इसमें अधिकांश भवन पुराने, छोटे एवं गन्दे होते हैं तथा कुछ भागों में गन्दी बस्तियां (Slum) भी होती हैं।
इस क्षेत्र में निवास करने वाले अधिकांश लोगों का सामाजिक स्तर निम्न होता है। यह क्षेत्र अधिकांशतः आप्रवासियों द्वारा आवासित होता है।
3. कार्यशील लोगों के घरों का क्षेत्र:-
संक्रमण क्षेत्र को घेरे हुए कार्यशील लोगों के घरों का क्षेत्र होता है। इसमें औद्योगिक श्रमिकों की संख्या अधिक होती है। ये लोग संक्रमण क्षेत्र में तो रहना पसन्द नहीं करते हैं, लेकिन अपने कार्यस्थल की समीपता को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में रहते हैं अर्थात् इस क्षेत्र में रहने वाले अधिकांश लोग संक्रमण क्षेत्र से ही इस क्षेत्र में आते हैं। इस क्षेत्र में दूसरी पीढ़ी के आप्रवासी लोगों की संख्या अधिक पाई जाती है। शिकागो में यह क्षेत्र दो मंजिलें भवनों वाला है।
4. बेहतर आवासीय भवनों का क्षेत्र:-
बेहतर आवासीय भवनों अथवा मध्यम या उच्च-मध्यम श्रेणी के लोगों का यह निवास क्षेत्र कार्यशील लोगों के घरों के क्षेत्र के चारों ओर फैला हुआ होता है। यह एक उपनगरीय क्षेत्र जैसा होता है। अधिकांश व्यक्ति व्यावसायिक कार्यों में संलग्न होते हैं। इस क्षेत्र में होटल, एक परिवार वाले आवासीय भवन तथा उच्च श्रेणी के फ्लेट वाले भवन मिलते हैं। सभी भवनों में पर्याप्त खुला क्षेत्र होता है।
5. अभिगमनकर्ताओं का क्षेत्र:-
नगर की बाह्य सीमा पर तीव्र यातायात सुविधाओं के कारण उपनगरीय क्षेत्रों तथा अनुषंगी नगरों का एक क्षेत्र बन जाता है। इसमें उच्च श्रेणी के आवासीय क्षेत्र नियमित न होकर बिखरे हुए रूप में होते हैं। यह क्षेत्र नगर के आवासीय क्षेत्रों से हरित पट्टी (Green Belt) द्वारा पृथक् होता है। यह पूर्ववर्ती गाँवों का ही क्षेत्र होता है जो कार्यात्मक दृष्टि से नगरीय विशेषताओं से युक्त होता है। इस क्षेत्र में निवास करने वाले अधिकांश व्यक्ति दिन में काम करने के लिए केन्द्रीय व्यापार क्षेत्र में जाते हैं तथा रात्रि में पुनः यहां लौट आते हैं अतः इन्हें शयन नगर (Bed-Room Town) भी कहते हैं।
आलोचना
बर्गेस के संकेन्द्रित क्षेत्र सिद्धान्त की कुछ सामान्य विशेषताएं शिकागो तथा कुछ अन्य नगरों (भारतीय नगरों में मुजफ्फरपुर का नगर संकेन्द्रित सिद्धान्त के अनुरूप है) में पाई गईं जो कि सिद्धान्त को पुष्ट करती हैं, किन्तु कई विद्वानों ने अधिकांश नगरों पर सिद्धान्त लागू न होने के कारण इसकी आलोचना की है। सिद्धान्त में रही कमियों को आलोचना के रूप में स्पष्ट किया गया है। ये कमियां निम्नलिखित हैं :
(i) एक मात्र संक्रमण क्षेत्र में स्थित कुछ हल्के उद्योगों के अतिरिक्त संकेन्द्रित सिद्धान्त में किसी भी क्षेत्र में उद्योगों एवं औद्योगिक पेटी की स्थिति नहीं बताई गई है। आशय यह है कि औद्योगिक क्रियाकलाप किसी भी पेटी में मिल सकते हैं।
(ii) केन्द्रीय व्यापारिक क्षेत्र गोलाकार न होकर प्रायः अनियमित या आयताकार अधिक होता है। आर. ई. डिकिन्सन ने अपने अध्ययन के आधार पर बताया है कि पेरिस, आदि नगर वृत्ताकार प्रतिरूप नहीं रखते हैं। इसी प्रकार थोक व्यापार क्षेत्र कुछ मात्रा में ही केन्द्रीय व्यापारिक क्षेत्र के किनारे पर मिलते हैं। अधिकांशतः इनकी स्थिति रेलमार्गों के निकट होती है।
(iii) नगर में खुदरा व्यापार का एकमात्र क्षेत्र ही नहीं होता है बल्कि नगर के विस्तार एवं तीव्र परिवहन साधनों के कारण अन्यत्र भी छोटे-छोटे व्यापारिक केन्द्र विकसित हो जाते हैं।
(iv) निम्न आय वर्ग के आवासीय क्षेत्र एवं गन्दी बस्तियां भी मात्र संक्रमण क्षेत्र में केन्द्रित न होकर नगर के विभिन्न भागों जैसे- औद्योगिक इकाइयों एवं रेलमार्गों के निकट अधिक पाई जाती हैं।
(v) भूमि उपयोग स्वरूप के निर्धारण में परिवहन मार्गों की भूमिका की सिद्धान्त में उपेक्षा की गई है। नगर से निकलने वाली मुख्य सड़कों के किनारे विकसित हुए व्यापार तथा उसके साथ बढ़ते हुए भूमि मूल्यों को बर्गेस ने अपने सिद्धान्त में कोई स्थान नहीं दिया है।
(vi) नगर के बहिवर्ती भाग में जनसंख्या का जमाव प्रमुख मार्गों के सहारे होता है फलतः नगर का आकार संकेन्द्रित न होकर तारानुमा होता है।
(vii) धरातलीय अवरोधों के कारण संकेन्द्रित क्षेत्रों के विकास में बाधा उत्पन्न होती है। बर्गेस का सिद्धान्त बीसवीं शताब्दी के तीसरे दशक की दशाओं पर आधारित है तथा आदर्श दशाओं के अन्तर्गत ही लागू होता है।
अतः इस सिद्धान्त को अत्यधिक सामान्यीकृत रूप में ही देखा जाना चाहिए। तीव्र परिवहन साधनों का विकास एवं नगरों में पुनर्विकास जैसी योजनाओं के कारण भी नगरों के भूमि उपयोग स्वरूप में अत्यधिक परिवर्तन आया है। अत्यधिक आलोचना के उपरान्त भी नगरों की आन्तरिक संरचना के सम्बन्ध में प्रथम सिद्धान्त होने के कारण इसका अपना महत्व है।
प्रश्न प्रारूप
1. नगर की आकारिकी अथवा सामान्य संरचना के संबंध में प्रतिपादित सकेंद्रित क्षेत्र/पेटी सिद्धांत (Concentric Zone Theory) की विवेचना कीजिये।