13. Describe the internal and external characteristics of species classification (प्रजातियों के वर्गीकरण के आन्तरिक एवं बाह्य लक्षणों का वर्णन कीजिए।)
13. Describe the internal and external characteristics of species classification
(प्रजातियों के वर्गीकरण के आन्तरिक एवं बाह्य लक्षणों का वर्णन कीजिए।)
(B) बाह्य लक्षण
अनिश्चित लक्षण-
इन पर वातावरण का प्रभाव निश्चित लक्षणों की अपेक्षा अधिक पड़ता है। इनकी नाप किसी यंत्र से सम्भव नहीं है। ये लक्षण निम्न हैं:
1. त्वचा का रंग (Skin Colour):-
त्वचा के रंग की दृष्टि से विश्व के मानवों में बड़ी विभिन्नता पाई जाती है। मनुष्य की त्वचा मैलेनिया (Melania), कैरोटीन (Carotene) अथवा हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) की मात्रा कम या अधिक होने के कारण चमड़ी का रंग काला, पीला या लाल हो सकता है। जब त्वचा में सबसे अधिक मैलेनिया पाया जाता है तो मनुष्य का रंग काला या गहरा भूरा हो जाता है। कैरीटोन की अधिकता से यह रंग पीला और हीमोग्लोबिन की अधिकता से श्वेत या गोरा होता है।
ज्यों-ज्यों विषुवत् रेखा से उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव की ओर बढ़ते हैं, जलवायु में परिवर्तन के कारण, मनुष्यों की त्वचा का रंग काले से श्वेत होता जाता है।
त्वचा के रंग के आधार पर प्रजाति एवं उनके निवास क्षेत्र
त्वचा का रंग | प्रजाति | निवास क्षेत्र | |
1. | श्वेत-गौर वर्ण | कॉकेशियन | यूरोप, रूस, पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका |
2. | पीत त्वचा | मंगोलियन | एशिया, उत्तरी अमरीका, द. अफ्रीका (मंगोल, चीनी |
3. | श्याम त्वचा, काला वर्ण | नीग्रोइड्स | विषुवत् रेखीय अफ्रीका, नीग्रो, नीग्रोइड, नेग्रिटी, पेपुआं आस्ट्रेलियाई- द्रविड़ मध्य अफ्रीका, पूर्वी द्वीप समूह, पोलीनेशिया |
त्वचा के रंग के आधार पर विश्व की प्रजातियों को तीन मोटे भागों में बाँटा गया है- श्वेत प्रजाति (White Race), पीत प्रजाति (Yellow Race) एवं श्याम प्रजाति (Black Race), किन्तु इन तीनों रंगों में कई विभिन्नताएँ मिलती हैं। उदाहरणार्थ, स्केण्डेनेवियन एवं उत्तरी यूरोप के निवासियों में बहुत हल्के रंग से लेकर भूमध्यसागर के निकट के निवासियों का रंग जैतूनी एवं काला मिश्रित श्वेत रंग देखने को मिलता है। इसके विपरीत, पीली त्वचा वाले एशियाई लोगों में बहुत हल्के भूरे रंग से लेकर पीला रंग तक पाया जाता है।
सहारा मरुभूमि के दक्षिण में अफ्रीकी लोग पूर्णतः काले रंग के होते हैं, किन्तु उनमें भी काले भूरे रंग में कालिख जैसे रंग का आधिक्य होता है। काले रंग में यह विभिन्नता मैलेनेशियनों, नीग्रो, पैपुआं, नीग्रोइड्स तथा पूर्व द्रविड़ लोगों में पाई जाती है।
2. बालों की बनावट (Texture of Hair):-
सिर के बालों की बनावट को प्रजातियों के वर्गीकरण में दो कारणों से महत्वपूर्ण माना गया है-
(i) बालों की बनावट पर वातावरण तथा आयु, लिंग, जलवायु अथवा भोजन का कम प्रभाव पड़ता है।
(ii) यह वंशानुक्रम द्वारा निर्धारित होती है अतः इसकी नाप सम्भव है।
कुछ मानव प्रजातियाँ ऐसी हैं जिनके मध्य सिर में बाल बड़े व्यापक रूप से उगते हैं जबकि अन्य कुछ में शरीर पर अधिक बाल प्रकट होते हैं। एक मान्यता-सी रही है कि जितने शरीर पर कम बाल होते हैं, सिर के बाल उतने ही लम्बे होते हैं। सम्भवतः इसी कारण स्त्रियों के सिर के बाल काफी लम्बे होते हैं। बालों को बनावट की दृष्टि से पाँच भागों में विभक्त किया गया है। इनका आधार बालों का आकार (उनका सीधा खड़ा रहना या ऊन जैसा खुरदुरा होना), वालों का रंग बालों की ऊर्ध्वकाट (cross-section) तथा बालों की लम्बाई (लम्बी या छोटी) होती है।
(i) सीधे बाल (Straight hair), जो सीधे, मोटे, कड़े और लम्बे होते हैं। ऐसे बाल एशियाई पीत त्वचा वर्ग वाले (चीनी, मंगोलियाई), अमेजन बेसिन के अमेरिकी भारतीय समूह, पूर्वी द्वीपसमूह के निवासियों के पाए जाते हैं।
(ii) चिकने तरंगमय और घुंघराले बाल (Smooth and Wavy hair) (जो मुलायम और पतले होते हैं) यूरोप, पश्चिमी एशिया, उत्तरी अफ्रीका, भारत, आस्ट्रेलिया तथा उन प्रदेशों में जहां ऐसे लोग फैले हुए हैं, के होते हैं।
(iii) ऊन जैसे काने वाल (Woolly and Curly hair) जो उलझे और घने होते हैं। नीग्रो, नीरोटॉस पैपुआं, मैलेनेशियन लोगों के होते हैं।
3. शरीर का कद (Stature):-
मानव के कद का आकार भी प्रजातियों के वर्गीकरण में उपयोग में लाया जाता है, जैसा कि तापीनार्ड नामक मानवशास्त्री ने किया था। आधुनिक मानव की औसत शारीरिक ऊँचाई 163 सेमी. होती है।
(i) बहुत छोटा नाटा कद (Very Short), 148 सेमी से 158 सेमी तक अफ्रीका के पिग्मी और अण्डमानवासी ओसीनियाई, पूर्वी अफ्रीकी समुदायों पूर्वी एशियाई (चीनी) जापानी), बेड़ा, सकाई, लैप्स, पेरू निवासी और दक्षिण भारतीयों का होता है,
(ii) मध्यम कद (Medium), 159 सेमी. से 168 सेमी. तक, मलेशिया, पूर्वी सुमात्रा न्यूगिनी के निवासी रूसी, खिरगीज लोगों का,
(iii) लम्बा कद (Tall). 169 सेमी. से 171 सेमी. तक मैलेनेशियन, हॉटेण्टॉट्स आस्ट्रेलियाई प्रविड़ और भूमध्यसागरीय लोगों में तथा
(iv) बहुत लम्बा कद (Very Tall), 172 सेमी. से ऊपर पूर्वी सूडान, नीग्रोइड, अफगान, अल्पाइन, रूस, पैटागोनिया, स्कॉटलैण्ड तथा इंग्लैण्ड और आस्ट्रेलिया के निवासियों में पाया जाता है।
4. मुखाकृति (Shape of the Face):-
साधारणतया मुख सिर की बनावट से समानता लिए मानव-मुख तथा निचला जबड़ा आवश्यक विभिन्नताएँ प्रदर्शित करते हैं। यह विषमता मुख की चौड़ाई और लम्बाई, गालों की हड्डियों के आकार और मुख के अग्रिम भाग के निकास, आदि पर आधारित है।
लम्बे सिर वालों के चेहरे लम्बे तथा चौड़े और गोल सिर वालों के चेहरे चौड़े अथवा गोल होते हैं।
मुख की चौड़ाई स्पष्टतः गालों की हड़ियों के विपरीत अंशों के मध्य अधिकतम दूरी होती है जबकि उसकी लम्बाई ऊपरी जबड़े पर इसकी केन्द्र-रेखा में निचले अंश तक माफी जाती है। ये नाप एक-दूसरे के सम्बन्धों की दृष्टि से व्यक्त किए जाते हैं तथा इन्हें मुख सम्बन्धी चिह्न कहा जाता है। मुख सम्बन्धी चिह्न के अनुरूप लोगों को इस प्रकार वर्गीकृत किया गया। है-
(i) चौड़े मुख वाले 85 से नीचे,
(ii) मध्यम मुख वाले 85 से 98 तक, और
(iii) लम्बे मुख वाले लगभग 981
जबड़ों का फैलाव (Prognathism)-
जब मुख का निचला अंश (जबड़ा) विशेष रूप से उभरा होता है तो इसे निम्न आकृति के रूप में व्यवहृत किया जाता है। यह अधिकांशतः नीग्रो लोगों में देखा जाता है। मंगोलियन प्रजाति के लोग कम आगे उभरे हुए (दबे हुए) जबड़े वाले होते हैं। इसके विपरीत, जब मुख का निकास विल्कुल ही नहीं अथवा बहुत कम होता है तो उसे Orthognathous कहते है। यह स्वरूप विशेषतः आधुनिक युग के व्यक्तियों में हमें दृष्टिगत होता है।
5. आंखों का रंग और बनावट (Eye-colour and Folds):-
सभी प्रजातियों में आंखों का रंग काला होता है, किन्तु फिर भी आंखों की पुतली में रंग की दृष्टि से कुछ अन्तर पाया जाता है, जैसे कॉकेशियन प्रजाति (यूरोपीय और अमेरिकी लोगों) की आंखों का रंग नीला, हरा या भूरा होता है, किन्तु भारतीयों की आंखे सामान्यतः काली होती है।
आंख की बनावट में भी अन्तर पाया जाता है। कुछ आंखें बादाम की तरह तिरछी होती हैं और उनकी फटान (Opening) बिल्कुल क्षैतिजावस्था में होती है। ऐसी आंखें यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण-पश्चिमी एशिया एवं भारत के लोगों में पाई जाती हैं। जबकि चीनी, जापानी, मंगोल, आदि लोगों की आंखों की फटान तिरछी होती है तथा मोड़ ऊपरी भाग में खाल का पड़ा होता है जो आंख के आन्तरिक कोण को छिपा लेता है तथा जो गालों तक फैला होता है। इस प्रकार की आंख को मंगोलीय प्रकार की अधखुली आंख (Monogolian type eye-slitedned) कहते हैं।
6. होठों के आकार (Lip Forms):-
होठों की बनावट में भी भिन्नता पाई जाती है, अतः प्रजातीय निर्धारण में इसका भी सहयोग लिया जाता है। होंठ में जातीय भिन्नताएँ झिल्ली के स्वरूप और उसकी मोटाई से स्पष्ट होती हैं। नीग्रॉइडों में तथा पश्चिमी अफ्रीकी लोगों में झिल्ली का अंश बहुत मोटा होता है। यह फूला हुआ तथा बाहर को उल्टा हुआ होता है। जिससे होंठ का किनारा बहुत ही स्पष्ट दिखाई देता है। अन्य लोगों में होंठ बहुत ही छोटे होते हैं। इनमें बहुत कम स्थूलता या फैलाव पाया जाता है अथवा बाहर को उलटे हुए या होंठ सन्धि की विभिन्नता बिल्कुल ही नहीं मिलती अर्थात् होंठ पतले और अन्दर की ओर झुके होते हैं।
B. आन्तरिक लक्षण
1. सिर की बनावट अथवा कपाल सूचकांक (Cranial Shape or Cephalic Index):-
निश्चित शारीरिक लक्षणों में सिर की बनावट को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि इस पर वातावरण का प्रभाव बहुत कम पड़ता है, किन्तु अब इस लक्षण का महत्व कुछ कम हो गया है, क्योंकि एक ही प्रजाति के लोगों के सिर की बनावट में पर्याप्त अन्तर पाया जाता है, जैसे- श्वेत प्रजाति में ही लम्बे, चौड़े और मध्यम सिर पाए जाने लगे हैं।
सिर की बनावट ज्ञात करने के लिए उसकी लम्बाई-चौड़ाई ज्ञात कर उनका पारस्परिक सम्बन्ध बताया जाता है। सिर की लम्बाई नाक के ऊपर आंखों की भीड़ों से लेकर पीछे गुद्दी में इसी सीध तक नापी जाती है तथा चौड़ाई दोनों कानों के कुछ ऊपर से ज्ञात की जाती है। सिर की चौड़ाई को 100 से गुणा कर सिर की लम्बाई का भाग देकर कपाल या शीर्ष सूचकांक (Cephalic Index) प्राप्त किया जाता है। यह सूचकांक सदैव इकाई (Units) में प्रदर्शित किया जाता है।
CI = Length of the Head x 100/Breadth of the Head
सिर के आकार को देखने से स्पष्ट होता है कि कुछ सिर लम्बे दिखाई देते है तो कुछ छोटे, सामान्यतः लम्बे सिर संकरे और छोटे सिर चौड़े होते है। कपाल सूचकांक के आधार पर मानव सिर को तीन श्रेणियों में रखा जाता है-
(i) जब सूचकांक 75 से कम होता है तो उसे लम्बा सिर, जब वह 75 से 80 के बीच होता है तो उसे मंझला या मध्यम सिर और जब सूचकांक 80 से अधिक होता है तो सिर को छोटा या चौड़ा कहा जाता है।
(a) लम्बे सिर वाले (Dolico-cephalic) मैलेनेशियन, नीग्रो, एस्कीमो, नीग्रोइड, बण्टू, अमेरिकी इण्डियन, उत्तरी और दक्षिणी यूरोप के निवासी, पुरा-द्रविड़, द्रविड़ लोग;
(b) मध्यम सिर वाले (Mesocephalic) बुशमैन, हॉटण्टास, भूमध्यसागरीय, नॉर्डिक एन. उत्तरी एरिड और
(c) छोटे सिर वाले (Brachy-cephalic) आल्पस कारपेबियन, तुर्क, लुंगुस, मंगोल आदि होते हैं।
2. नासा सूचकांक (Shape of the Nose or Vasal Index):-
नासा सूचकांक के आधार पर भी प्रजातियों का निर्धारण किया जाता है। नाक की लम्बाई-चौड़ाई के प्रतिशत अनुपात को नासा सूचकांक कहते हैं। यह ज्ञात करने के लिए नाक की चौड़ाई को 100 से गुणा कर नाक की लम्बाई का भाग दिया जाता है।
N.I. = Breadth of the Nose x 100/Length of the Nose
इस सूचकांक के आधार पर मनुष्य की नाक पतली, चौड़ी, मंझली हो सकती है।
यदि सूचकांक 70 से कम है तो पतली नाक, 70 से 85 तक मध्यम नाक और उससे अधिक होने पर चौड़ी नाक होती है।
डॉ. हैडन ने नासा सूचकांक के अनुसार-
(i) संकरी/पतली नासिका (Leptrorrhine) उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों में,
(ii) मध्यम नासिका (Mesorrhine) पोलीनेशियायी, साइबेरिया के निवासी कुछ अमेरीकी, भारतीय और पीत वर्ण की प्रजातियों में तथा
(iii) चपटी नासिका (Platyrrhine) अर्द्ध शुष्क मरुभूमियों, प्रशान्त महासागर एवं आस्ट्रेलिया के निवासियों में मिलती है।
Read More:
- 1. मानव विकास सूचक / Human Development Index
- 2. मानव एवं वातावरण के बीच के सम्बन्ध
- 3. पर्वतीय वातावरण में मानवीय क्रिया-कलाप
- 4. मरूस्थलीय वातावरण में मानवीय क्रिया-कलाप
- 5. विषुवतरेखीय प्रदेशों में मानवीय क्रिया-कलाप
- 6. समशीतोष्ण घास के मैदानों में मानवीय क्रिया-कलाप
- 7. मानसून क्षेत्र की मुख्य विशेषताओं का वर्णन
- 8. बुशमैन की शारीरिक तथा सामाजिक-आर्थिक विशेषताओं का वर्णन
- 9. एस्किमों के निवास तथा सामाजिक-आर्थिक अध्ययन
- 10. गोंड जनजाति के निवास तथा आर्थिक-सामाजिक क्रिया-कलाप
- 11. संथाल जनजाति के वास स्थान, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विशेषताएँ
- 12. What is species? Classify it. (प्रजाति क्या है? इसका वर्गीकरण कीजिए।)
- 13. Describe the internal and external characteristics of species classification (प्रजातियों के वर्गीकरण के आन्तरिक एवं बाह्य लक्षणों का वर्णन कीजिए।)