43. According to Trewartha, The Climatic Regions of India and Their Characteristics (ट्रीवार्था के अनुसार भारत के जलवायु प्रदेश और उसकी विशेषता)
43. According to Trewartha, The Climatic Regions of India and Their Characteristics
(ट्रीवार्था के अनुसार भारत के जलवायु प्रदेश और उसकी विशेषता)
जलवायु प्रदेश का तात्पर्य उस भौगोलिक भूखण्ड से है जहाँ जलवायु के तत्वों के बीच समानता पायी जाती है। विश्व व्यापी जलवायु कर्गीकरण में भारत को मानसूनी जलवायु वर्गीकरण में रखा गया है। लेकिन आन्तरिक विविधता के कारण कई छोटे-2 जलवायु प्रदेशों में वर्गीकृत किया गया है। ट्रीवार्था ने कोपेन जलवायु वर्गीकरण को आधार मानते हुए भारत के जलवायु प्रदेशों का निर्धारण किया।
वस्तुत: कोपेन विश्व के संदर्भ में जलवायु प्रदेशों का निर्धारण किया था और अपने अनुभव के आधार पर भारतीय जलवायु प्रदेशों का निर्धारण किया। जबकि ट्रीवार्था का कार्य पूर्णतः भारतीय उपमहाद्वीप पर आधारित था। उन्होंने अधिक से अधिक जलवायु केन्द्रों पर जाकर आँकड़ों का संग्रहण किया और उसके बाद जलवायु प्रदेश को निर्धारित किये।
पुन: ट्रीवार्था ने कोपेन के ही समान वनस्पति, तापमान, वर्षा और ऊँचाई को आधार मानते हुए भारत को 7 प्रमुख जलवायु प्रदेशों में वर्गीकृत किया। जैसे-
(1) उष्ण वर्षा वन की जलवायु प्रदेश (Am)
(2) उष्ण सवाना प्रदेश की जलवायु (Aw)
(3) उष्ण अर्द्ध मरूस्थतीय स्टेपी जलवायु प्रदेश (BSW)
(4) उष्ण मरुस्थलीय प्रदेश की जलवायु (Bwh)
(5) उष्ण उपोष्ण जलवायु प्रदेश (BS)
(6) आर्द्र उपोष्ण जलवायु प्रदेश (Cwa)
(7) पर्वतीय जलवायु (H)
ट्रीवार्था और कोपेन के जलवायु प्रदेशों का तुलनात्मक अध्ययन नीचे के तालिका में किया जा रहा है:-
कोपेन का जलवायु प्रदेश | ट्रीवार्था का जलवायु प्रदेश | |
1. | Amw | Am |
2. | AS | BS |
3. | Aw | Aw |
4. | BShw | BSh |
5. | BWhw | BWh |
6. | Cwg | Cwa |
7. | Dfc | H |
8. | ET | – |
9. | EF | – |
(1) उष्ण वर्षा वन की जलवायु प्रदेश (Am):-
ऐसे जलवायु प्रदेश जहाँ का तापमान 18°C से अधिक होती है वहाँ इस प्रकार की जलवायु की दशाएँ देखने को मिलती है। यहाँ ऐसे क्षेत्र आते है जहाँ की औसत वार्षिक तापमान 27°C से अधिक एवं औसत वार्षिक वर्षा 250 सेंमी० या इससे अधिक हो। भारत के पश्चिम तटीय क्षेत्रों, दक्षिणी असम, पश्चिम बंगाल तथा त्रिपुरा में इस तरह की जलवायु देखने को मिलती है।
(2) उष्ण सवाना प्रदेश की जलवायु (Aw):-
यहाँ का भी तापमान 18°C से अधिक ही होती है। औसत वार्षिक तापमान लगभग 27°C के आसपास रहता है तथा औसत वार्षिक वर्षा 100 सेंमी० रहता है। यहाँ वर्षा मुख्य रूप से ग्रीष्म ऋतु में होती है।इस प्रकार की जलवायु मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय भारत में देखने को मिलती है।
(3) उष्ण अर्द्ध मरूस्थतीय स्टेपी जलवायु प्रदेश (BSW):-
इस प्रकार के जलवायु प्रदेशों में वर्षा बहुत कम होती है लेकिन अधिक गर्मी के कारण वाष्पीकरण अधिक तेजी से होती है। यह ऐसे जलवायु प्रदेश होते है जहाँ औसत वार्षिक वर्षा 50 से 100 सेंटीमीटर तक होती है और औसत वार्षिक तापमान लगभग 27°C तक रहती है। भारत के राजस्थान और गुजरात में इस प्रकार की जलवायु देखने को मिलती है।
(4) उष्ण मरुस्थलीय प्रदेश की जलवायु (Bwh):-
यह उष्ण तथा अर्द्ध उष्ण मरुस्थलीय प्रकार की जलवायु है। इस प्रकार की जलवायु में वर्षा काफी कम होती है लेकिन वाष्पीकरण बहुत तेजी से होता है। यहाँ तापमान 40°C से भी अधिक पहुँच जाता है और वर्षा 50 सेंटीमीटर से भी कम होती है।भारत के थार मरुस्थल में इस प्रकार की जलवायु देखने को मिलती है।
(5) उष्ण उपोष्ण जलवायु प्रदेश (BS):-
यह उष्ण तथा अर्द्ध उष्ण कटिबंधीय सवाना तुल्य जलवायु का भाग है। इसमें औसत वार्षिक तापमान 27°C तक तथा औसत वार्षिक वर्षा लगभग 100 सेंटीमीटर तक होती है। भारत के प्रायद्वीपीय पश्चिम तटीय भाग में जहां वृष्टि छाया प्रदेश है यहां इस प्रकार की जलवायु देखने को मिलती है।
(6) आर्द्र उपोष्ण जलवायु प्रदेश (Cwa):-
इस प्रकार की जलवायु में हवाएँ शुष्क और मौसम ठंडा होता है। यहाँ औसत वार्षिक तापमान 18°C से कम रहता है।इस प्रकार के जलवायु प्रदेशों में केवल ग्रीष्म ऋतु में ही वर्षा होती है। लेकिन शीत ऋतु जो वर्षा होती है वह पश्चिमी भाग में शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवाती हवाओं से होती है। यह जलवायु भारत के गंगा-यमुना के मैदान में पायी जाती है।
(7) पर्वतीय जलवायु (H):-
यह जलवायु भारत के हिलालय पर्वतीय क्षेत्रों में देखने को मिलती है। यहाँ शीत ऋतु में हिमपात अर्थात् बर्फबारी होती है और ग्रीष्म काल में मानसूनी हवाओं से वर्षा होती है।