7. मानचित्र का विवर्धन एवं लघुकरण
7. मानचित्र का विवर्धन एवं लघुकरण
मानचित्र का विवर्धन एवं लघुकरण⇒
किसी भी मानचित्र या उसके किसी भाग के Scale को बदलकर बड़ा या छोटा करना मानचित्र विवर्धन या लघुकरण कहलाता है।
⇒ मानचित्र का विवर्धन एवं लघुकरण हेतु तीन विधियाँ अपनायी जाती है।
(1) वर्ग विधि (Square Method)
Q. यदि 100 से 30km के पैमाने पर बने मानचित्र को 3 गुणा बढ़ा दिया जाता है तो बढ़े हुए मानचित्र का प्रदर्शक भिन्न (मापनी) क्या होगा?
हल:- प्रश्नानुसार
1 Cm = 30 Km
मूल मानचित्र का पैमाना = 1Cm = 30Km
1Cm = 30x1000x100
= 300000
अतः
अतः नया मानचित्र का पैमाना = 1 : 1000000
Q. 10Cm = 30Km पैमाने से बने एक मानचित्र को आकार में 9 गुणा वर्धित किया गया है तो नये मानचित्र का पैमाना क्या होगा?
अत: नया मानचित्र का पैमाना = 1:1000000
नोट: वर्ग विधि (Square Method) में मापनी के अनुपात को इकाई संख्या में बनाये रखने के लिए वर्गमूल निकाला जाता है।
(2) सम त्रिभुज विधि (Similar Triangle Method)
इस विधि से संकुचित क्षेत्र जैसे- सड़क, रेलमार्ग, नदी, नहर इत्यादि का लघुकरण एवं विवर्धन किया जाता है।
(3) यांत्रिक विधि (Mechanical Method)
यांत्रिक विधि में मानचित्र का लघुकरण एवं विवर्धन हेतु अलग-2 यंत्र का प्रयोग करते हैं। जैसे-
(i) अनुपातिक कम्पास
(ii) पेन्टोग्राफ
(iii) इडियोग्राफ
(iv) फोटो स्टेट
(v) कैमरा ल्यूसीडा
(vi) फोटोग्राफी कैमारा
पेंटोग्राफ और इडियोग्राफ के द्वारा मानचित्र का लघुकरण एवं विवर्धन खर्चीला होता है। लेकिन ये दोनों समरूप त्रिभुज विधि के द्वारा मानचित्र को लघुकरण या विवर्धन करता है।
⇒ स्टेनले महोदय के द्वारा निर्मित मानचित्र का लघुकरण एवं विवर्धन करने हेतु पेन्टोग्राफ को उपयुक्त माना जाता है।
⇒ कैमरा ल्यूसीडा का प्रयोग Wall Map को छोटा या बड़ा करने में प्रयुक्त होता है।
मानचित्र पर दूरी का मापन
इसके लिए तीन विधि हैं:-
(i) यांत्रिक विधि⇒ मानचित्र पर दूरी मापने के लिए रोटोमीटर या ओपीसोमीटर का प्रयोग करते हैं।
(ii) अगर मानचित्र पर कोई नदी, नहर, सड़क टेढ़ी-मेढ़ी हो तो धागे की सहायता से दूरी का मापन कर मापनी पर दिखाये गये अनुपात के आधार पर लम्बाई ज्ञात कर लेते हैं।
(iii) तीसरी विधि⇒ इस विधि के द्वारा दो सीधी स्थानों की दूरी Divider के माध्यम से ज्ञात कर मापनी के माध्यम से वास्तविक दूरी को ज्ञात करते हैं।
मानचित्र पर क्षेत्रफल का मापन
मानचित्र का क्षेत्रफल ज्ञात करते हेतु निम्नलिखित विधि एक प्रयोग होता है।
(i) गणितीय विधि
(ii) ग्राफीय विधि
(iii) प्लेनीमीटर विधि⇒ यह मानचित्र का क्षेत्रफल ज्ञात करने हेतु सबसे उपयुक्त विधि है। इसका आविष्कार श्री. जे. टेन्सलर ने किया था।
वर्तमान में हैचर के द्वारा निर्मित प्लेनीमीटर को सबसे उपयुक्त माना जाता है।
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