Unique Geography Notes हिंदी में

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एनसीईआरटी भूगोल वर्ग-8

अध्याय-4 कृषि / NCERT CLASS 8 Geography Solutions (हिंदी माध्यम)

 NCERT CLASS -8 Geography Solutions

(हिंदी माध्यम)

अध्याय-4 कृषि



 4 कृषि 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(i) कृषि क्या है?

उत्तर- कृषि एक प्राथमिक क्रिया है। इसके अंतर्गत फसलों, फलों, सब्जियों, फूलों को उगाना और पशुपालन को किया जाता है। विश्व में 50% लोग कृषि से संबंधित क्रियाओं में संलग्न है । भारत की दो-तिहाई जनसंख्या अब तक कृषि ही पर निर्भर है।

(ii) उन कारकों का नाम बताइए जो कृषि को प्रभावित कर रहे हैं।

उत्तर- स्थलाकृति, मृदा और जलवायु कृषि को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक हैं।

(iii) स्थानांतरित कृषि क्या है? इस कृषि की क्या हानियाँ है?

उत्तर- स्थानांतरित कृषि के अंतर्गत वृक्षों को काटकर और उसे जलाकर भूखंड को साफ किया जाता है उसके बाद उसी राख को मृदा में मिला दिया जाता है। फिर उसमें मक्का, रतालू, आलू और कसावा जैसी फसलों की खेती की जाती है। पुनः भूमि की उर्वरा शक्ति समाप्ति के बाद वह भूमि छोड़ दी जाती है और कृषक नए भूखंड पर चला जाता है। स्थानांतरित कृषि को ‘कर्तन एवं दहन’ कृषि के रूप में भी जाना जाता है।

      स्थानांतरित कृषि करने से निम्नलिखित हानियाँ होती है-

  • इसमें बड़े पैमाने पर वृक्षों को जलाया जाता है जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है।
  • इससे मृदा अपरदन की समस्या बढ़ जाता है।
  • इससे जंगली जीव-जन्तुओं का नुकसान होता है जिससे जैव विविधता में कमी आती है।

(iv) रोपण कृषि क्या है? 

उत्तर-  रोपण कृषि वाणिज्यिक कृषि का एक प्रकार है जहाँ चाय, कहवा, काजू, रबड़, केला तथा कपास की एकल फसल उगाई जाती है। इसमें बृहत पैमाने पर श्रम और पूंजी की आवश्यकता होती है। उत्पाद का प्रसंस्करण खेतों पर ही या निकट के कारखानों में किया जाता है। इस प्रकार, इस कृषि में परिवहन जाल के विकास की अनिवार्यता होती है। रोपण कृषि के मुख्य क्षेत्र विश्व के उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में पाए जाते हैं। मलेशिया में रबड़, ब्राजील में कहवा, भारत और श्रीलंका में चाय इसके कुछ उदाहरण है।

(v) सरकार किसानों को कृषि के विकास में किस प्रकार मदद करती है?

उत्तर – सरकार किसानों को कृषि के विकास में निम्नलिखित प्रकार से मदद करती है-

  • जोतों की चकबंदी।
  • सहकारिता एवं जमींनदारी इत्यादि की समाप्ति  करने को प्राथमिकता।
  • भूमि विकास कार्यक्रम की शुरुआत किया गया।
  • बाढ़, सुखाड़, चक्रवात, आग तथा बीमारी के लिए फसल बीमा का प्रावधान किया गया।
  • किसानों को कम दर पर ऋण उपलब्ध कराने हेतु ग्रामीण बैंक, सहकारी समितियाँ और बैंकों की स्थापना किया गया।
  • किसान क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना  भी शुरू की गई।
  • आकाशवाणी और दूरदर्शन पर किसानों के लिए मौसम की जानकारी के बुलेटिन और कृषि कार्यक्रम प्रसारित किया जाता है।
  • किसानों को बिचौलियों और दलालों के शोषण से बचाने के लिए न्यूनतम सहायता मूल्य और कुछ महत्वपूर्ण फसलों के लाभदायक खरीद मूल्यों की सरकार घोषणा करती है।

2. सही उत्तर को चिन्हित कीजिए-

(i) उद्यान कृषि का अर्थ है-

(क) गेहूँ उगाना

(ख) आदिम कृषि

(ग) फलों या सब्जियों को उगाना

उत्तर- (ग) फलों या सब्जियों को उगाना

(ii) ‘सुनहरा रेशा’ से अभिप्राय है-

(क) चाय

(ख) कपास

(ग) पटसन

उत्तर- (ग) पटसन

(iii) कॉफी का प्रमुख उत्पादक है।

(क) ब्राजील

(ख) भारत

(ग) रूस

उत्तर- (क) ब्राजील

3. कारण बताइए-

(i) भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है?

उत्तर – कृषि एक प्राथमिक क्रिया है क्योंकि प्राथमिक क्रियाओं के अंतर्गत उन सभी क्रियाओं को शामिल किया जाता है जिनका संबंध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और निष्कर्षण से है। कृषि इसके अच्छे उदाहरण है। इसके अंतर्गत फसलों, फलों, सब्जियों, फूलों को उगाना और पशुधन पालन शामिल है।

(ii) विभिन्न फसलें विभिन्न प्रदेशों में उगाई जाती है?

उत्तर – विभिन्न फसलें विभिन्न प्रदेशों में उगाई जाती है क्योंकि कृषि कार्य के लिए अनुकूल स्थलाकृति, मृदा और जलवायु अनिवार्य होती है। इसीलिए कृषि क्रियाकलाप विश्व के उन्हीं प्रदेशों में सकेंद्रित है जहाँ किसी भी फसल उगाने के लिए उपयुक्त कारक विद्यमान है।

4. अंतर स्पष्ट कीजिए?

(i) प्राथमिक क्रियाएँ और तृतीयक क्रियाएँ 

उत्तर- प्राथमिक क्रियाएँ- प्राथमिक क्रियाओं के अंतर्गत उन सभी क्रियाओं को शामिल किया जाता है जिनका संबंध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और निष्कर्षण से होता है।कृषि, मत्स्यन और संग्रहण इनके अच्छे उदाहरण है। 

तृतीयक क्रियाएँ- तृतीयक क्रियाएँ प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र को सेवा कार्यों द्वारा सहयोग प्रदान करती है। यातायात व्यापार बैंकिंग बीमा और विज्ञापन प्रक्रियाओं के उदाहरण है।

(ii) निर्वाह कृषि और गहन कृषि

उत्तर-  निर्वाह कृषि-

          निर्वाह कृषि कृषक परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की जाती है। पारंपरिक रूप से कम उपज प्राप्त करने के लिए निम्न स्तरीय प्रौद्योगिकी और पारिवारिक श्रम का उपयोग किया जाता है। निर्वाह कृषि को पुनः गहन निर्वाह कृषि और आदिम निर्वाह कृषि में वर्गीकृत किया जा सकता है।

गहन कृषि-

       गहन निर्वाह कृषि में किसान एक छोटे भूखंड पर साधारण औजारों और अधिक श्रम से खेती करता है।अधिक धूप वाले दिनों से युक्त जलवायु और उर्वर मृदा वाले खेत में एक वर्ष में एक से अधिक फसलें उगाई जा सकती है। चावल मुख्य फसल होती है।  इन फसलों में गेहूं, मक्का, दलहन और तेलहन शामिल है। गहन निर्वाह  कृषि दक्षिणी, दक्षिण पूर्वी औ पूर्वी एशिया के सघन जनसंख्या वाले मानसूनी प्रदेशों में प्रचलित है।


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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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