NCERT CLASS 12 Geography Solutions हिंदी माध्यम इकाई 3 अध्याय 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
NCERT CLASS -12 Geography Solutions
(हिंदी माध्यम)
इकाई -3
अध्याय-9. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए :
(i) संसार के अधिकांश महान पत्तन इस प्रकार वर्गीकृत किए गए हैं –
(क) नौसेना पत्तन
(ख) विस्तृत पत्तन
(ग) तैल पत्तन
(घ) औद्योगिक पत्तन
उत्तर – (क) नौसेना पत्तन
(ii) निम्नलिखित महाद्वीपों में से किस एक से विश्व व्यापार का सर्वाधिक प्रवाह होता है?
(क) एशिया
(ख) यूरोप
(ग) उत्तरी अमेरिका
(घ) अफ्रीका
उत्तर – (ख) यूरोप
(iii) दक्षिण अमेरिकी राष्ट्रों में से कौन-सा एक ओपेक का सदस्य है?
(क) ब्राजील
(ख) वेनेजुएला
(ग) चिली
(घ) पेरू
उत्तर – (ग) चिली
(iv) निम्न व्यापार समूहों में से भारत किसका एक सह-सदस्य है ?
(क) साफ्टा(SAFTA)
(ख) आसियान(ASEAN)
(ग) ओइसीडी(OECD)
(घ) ओपेक(OPEC)
उत्तर – (क) साफ्टा(SAFTA)
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए:
(i) विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन-से है?
उत्तर – विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य निम्नलिखित है –
◆ यह विश्व स्तर पर व्यापार के नियमों का निर्धारण करता है।
◆विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों के बीच होने वाले विवादों का निपटारा करता है।
◆ यह विश्व स्तर पर व्यापार के लिए आवश्यक दूरसंचार व बैंकिंग सेवाओं के साथ-साथ बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार को भी अपने कार्यों में सम्मिलित करता है।
(ii) ऋणात्मक भुगतान सन्तुलन का होना किसी देश के लिए क्यों हानिकारक होता है?
उत्तर – जब किसी देश का आयात मूल्य, उसके निर्यात मूल्य से अधिक होता है तब देश का व्यापार संतुलन ऋणात्मक अथवा प्रतिकूल कहा जाता है। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ता है और यह वित्तीय संचय की समाप्ति को अभिप्रेरित करता है। यही कारण है कि ऋणात्मक भुगतान सन्तुलन का होना किसी देश के लिए हानिकारक होता है।
(iii) व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को क्या लाभ प्राप्त होते है?
उत्तर – व्यपारिक समूहों का निर्माण राष्ट्रों के लिए पारस्परिक लाभदायक होता है, यदि यह प्रादेशिक विशिष्टीकरण, उत्पादन के उच्च स्तर, रहन-सहन के स्तर, वस्तुओं एवं सेवाओं की विश्वव्यापी उपलब्धता, कीमतों और वेतन का समानीकरण, ज्ञान एवं संस्कृति के प्रस्फुरण को प्रेरित करता है।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।
(i) पतन किस प्रकार व्यापार के लिए सहायक होते है? पत्तनों का वर्गीकरण उनकी अवस्थिति के आधार पर कीजिए।
उत्तर – अंतरराष्ट्रीय व्यापार के दुनिया के मुख्य प्रवेश द्वार पोताश्रय तथा पत्तन होते हैं। इन पत्रों के द्वारा जहाजी माल तथा यात्री विश्व के एक भाग से दूसरे भाग को जाते हैं।
पत्तन जहाज के लिए गोदी, लादने, उतारने तथा भंडारण हेतु सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इन सुविधाओं को प्रदान करने के उद्देश्य से पत्तन के प्राधिकारी नौगम्य द्वारों का रख-रखाव, रस्सों व बजरों की व्यवस्था करने और श्रम एवं प्रबंधकीय सेवाओं को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करते हैं। एक पत्तन के महत्व को नौगम्य के आकार और निपटाए किए गए जहाजों की संख्या द्वारा निश्चित किया जाता है।
अवस्थिति के आधार पर पत्तन दो प्रकार होते हैं –
(a) अंतर्देशीय पत्तन – ये पत्तन समुद्री तट से दूर अवस्थित होते हैं। ये समुद्र से एक नदी अथवा नहर द्वारा जुड़े होते हैं। ऐसे पतन चौरस तल वाले जहाज या बजरी द्वारा ही गम्य होते हैं। उदाहरणस्वरूप – कोलकत्ता हुगली नदी जो गंगा नदी की एक शाखा है पर स्थित है।
(b) बाह्य पत्तन – ये गहरे जल के पत्तन है जो वास्तविक पत्तन से दूर बने होते हैं। ये उन जहाजों, जो अपने बड़े आकार के कारण उन तक पहुँचने में अक्षम है, को ग्रहण करके पैतृक पत्तनों को सेवाएँ प्रदान करते हैं। उदाहरणस्वरूप एथेंस तथा यूनान में इसके बाह्य पत्तन पिरेइअस एक उच्च कोटि का संयोजन है।
(ii) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से देश कैसे लाभ प्राप्त करते है?
उत्तर – दो या दो से अधिक देशों के बीच होने वाले व्यापार को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहा जाता है। इससे व्यापारिक सदस्य देशों को निम्नलिखित प्रकार से लाभ होते है –
◆ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वस्तुओं के स्थानान्तरण के सिद्धांत पर निर्भर करता है जिससे व्यापारिक सदस्य देशों को लाभ पहुँचता है।
◆कीमतों और वेतन का समानीकरण से व्यापारिक सदस्य देशों को लाभ पहुँचता है।
◆ व्यापारिक सदस्य देशों में आपसी सहयोग एवं भाईचारा बढ़ता है, इससे इनके बीच मैत्रिक संबंध अच्छे बनते है।
◆ व्यापारिक सदस्य देशों में हर देश अपनी सर्वश्रेष्ठ सामान को बाजार में उतारता है जिससे अन्य आर्थिक क्रियाओं का विकास होता है।
◆ इसके अंतर्गत तकनीकी ज्ञान, संकृति एवं अन्य बौद्धिक ज्ञानों का आदान-प्रदान किया जाता है, इससे दोनों देशों को लाभ पहुँचता है।
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- इकाई -3 अध्याय-9. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
- इकाई -4 अध्याय-10. मानव बस्ती