NCERT CLASS 12 Geography Solutions हिंदी माध्यम इकाई 3 अध्याय 8 परिवहन एवं संचार
NCERT CLASS -12 Geography Solutions
(हिंदी माध्यम)
इकाई -3
अध्याय-8. परिवहन एवं संचार
1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए :
(i) पारमहाद्वीपीय स्टुवर्ट महामार्ग किनके मध्य से गुजरता है?
(क) डार्विन और मेलबॉर्न
(ख) एडमंटन और एंकॉरेज
(ग) बैंकूवर और सेंट जॉन नगर
(घ) चेगडू और ल्हासा
उत्तर – (क) डार्विन और मेलबॉर्न
(ii) किस देश में रेल मार्गों के जाल का सघनतम घनत्व पाया जाता है?
(क) ब्राजील
(ख) कनाडा
(ग) संयुक्त राज्य अमेरिका
(घ) रूस
उत्तर – (ख) कनाडा
(iii) बृहद ट्रक मार्ग होकर जाता है –
(क) भूमध्य सागर हिंद महासागर से होकर
(ख) उत्तर अटलांटिक महासागर से होकर
(ग) दक्षिण अटलांटिक महासागर से होकर
(घ) उत्तर प्रशांत महासागर से होकर
उत्तर – (क) भूमध्य सागर हिंद महासागर से होकर
(iv) ‘बिग इंच’ पाइप लाइन के द्वारा परिभाषित किया जाता है।
(क) दूध
(ख) जल
(ग) तरल पेट्रोलियम गैस (एलपीजी)
(घ) पेट्रोलियम
उत्तर – (ग) तरल पेट्रोलियम गैस (एलपीजी)
(v) चैनल टनल जोड़ता है
(क) लंदन-बर्लिन
(ख) बर्लिन-पेरिस
(ग) पेरिस-लंदन
(घ) बार्सिलोना-बर्लिन
उत्तर – (ख) बर्लिन-पेरिस
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए:
(i) पर्वतों, मरुस्थलों तथा बाढ़ संभावित प्रदेशों में स्थल परिवहन की क्या-क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर – पर्वतों, मरुस्थलों तथा बाढ़ संभावित प्रदेशों में स्थल परिवहन की निम्लिखित समस्याएँ हैं –
◆ विषम भौगोलिक कारकों का होना,
◆ सड़क एवं रेलमार्ग निर्माण के लिए आसानी से सामाग्री प्राप्त न होना,
◆ जनसंख्या घनत्व कम होना।
(ii) पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग क्या होता है?
उत्तर – वैसे रेलमार्ग जो पुरे महाद्वीप से होकर गुजरते हुए इसके दोनों छोरों को जोड़ते हैं उसे पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग कहते है। इसका निर्माण आर्थिक और राजनितिक कारणों से विभिन्न दिशाओं में लम्बी यात्राओं कि सुविधा प्रदान करने के लिए किया गया था।
(iii) जल परिवहन के क्या लाभ है?
उत्तर – जल परिवहन के निम्लिखित लाभ है –
◆ इसमें मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता है।
◆ यह परिवहन काफी सस्ता पड़ता है।
◆जल परिवहन की उर्जा लागत की अपेक्षाकृत कम होती है।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।
(i) “एक सुप्रबंधित परिवहन प्रणाली में विभिन्न एक-दूसरे की संपूरक होती है,” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -परिवहन योजक और वाहक उपलब्ध कराता है जिनके माध्यम से व्यापर संभव होता है। परिवहन, संचार एवं व्यापार, उत्पादन केंद्रों और उपभोग केंद्रों को जोड़ते हैं। परिवहन समाज की आधारभूत आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए रचा गया एक संगठित सेवा उद्योग है। परिवहन व्यक्तियों और वस्तुओं को एक स्थान से दुसरे स्थान तक वहां करने की सेवा या सुविधा को कहते है। जिसमें मनुष्यों, पशुओं तथा विभिन्न प्रकार की गाड़ियों का प्रयोग किया जाता है। इसके अंतर्गत परिवहन मार्गों, लोगों और वस्तुओं के वहन के लिए गाडियों, मार्गों के रख-रखाव और लदान, उतराव तथा वितरण का निपटान करने के लिए संस्थाओं का समावेश किया जाता है। विश्व परिवहन की प्रमुख विधाएँ हैं – स्थल, जल, वायु और पाइपलाइन आदि। इनका प्रयोग अन्तर्प्रादेशिक तथा अंतरा-प्रादेशिक परिवहन के लिए किया जाता है और पाइपलाइन को छोड़कर प्रत्येक यात्रियों और माल दोनों का वहन करता है।
किसी विधा की सार्थकता परिवहित की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के प्रकार, परिवहन की लागतों और उपलब्ध विधा पर निर्भर करता है। वस्तुओं के अंतर्राष्ट्रीय संचलन का निपटान भारी वाहन जलयानों द्वारा किया जाता है। कम दूरी एवं एक घर से दूसरे घर की सेवाएं प्रदान करने में सड़क परिवहन सस्ता एवं तीव्रगामी है। किसी देश के भीतर स्थूल पदार्थों के विशाल परिणाम को लंबी दूरियों तक परिवहन करने के लिए रेल सर्वाधिक अनुकूल साधन है। उच्च मूल्य वाली; हल्की तथा नाशवान वस्तुओं का वायुमार्गों द्वारा परिवहन सर्वश्रेष्ठ होता है। परिवहन के लिए वायु यातायात अच्छी विधि है। एक सुप्रबंधित परिवहन तंत्र में ये विभिन्न विधाएँ एक-दूसरे की पूरक होती है।
(ii) विश्व की वे कौन-से प्रमुख प्रदेश हैं जहाँ वायुमार्ग का सघनतंत्र पाया जाता है?
उत्तर – उत्तरी गोलार्द्ध में अंतर-महाद्वीपीय वायुमार्गों की एक सुस्पष्ट पूर्व-पश्चिम पट्टी है। पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और दक्षिण-पूर्वी एशिया में वायुमार्गों का सघन जाल पाया जाता है। विश्व के कुल वायुमार्गों के 60 प्रतिशत भाग का प्रयोग अकेला संयुक्त राज्य अमेरिका करता है। न्यूयार्क, लंदन, पेरिस, एमस्टर्डम और शिकागो नोडीय बिंदु हैं। जहाँ अभिसरित होते हैं अथवा सभी महाद्वीपों की ओर विकरित होते हैं।
अफ्रीका, रूस के एशियाई भाग और दक्षिण अमेरिका में वायु सेवाओं का अभाव है। दक्षिण गोलार्द्ध में 10-35 अक्षांशों के मध्य अपेक्षाकृत विरल जनसंख्या, सीमित स्थलखंड और आर्थिक विकास के कारण सीमित वयुसेवाएँ उपलब्ध है।
(iii) वे कौन सी विधाएँ हैं जिनके द्वारा साइबर स्पेस मनुष्यों के समकालीन आर्थिकी और सामाजिक स्पेस की वृद्धि करेगा?
उत्तर – साइबर स्पेस विधुत द्वारा कम्पयूटरीकृत स्पेस का संसार है। यह वर्ल्ड वाइड वेबसाइट जैसे इन्टरनेट द्वारा आवृत है। सरल शब्दों में यह भेजने वाले और प्राप्त करने वाले के शारीरिक संचलन के बिना कंप्यूटर पर सूचनाओं के प्रेषण और प्राप्ति कि विधुतीय अंकीय दूनियाँ है। इसे इन्टरनेट के नाम से भी जाना जाता है। साइबर स्पेस हर जगह विद्यमान है। यह किसी कार्यालय में जल में चलती नौका में, उड़ते जहाजों में और वास्तव में कहीं भी हो सकता है।
प्रतिवर्ष करोड़ों लोग प्रतिवर्ष इंटरनेट का प्रयोग करते है। साइबर स्पेस लोगों के समकालीन आर्थिक और सामाजिक स्पेस को ई. मेल, ई. वाणिज्य, ई. शिक्षा और ई. प्रशासन के माध्यम से विस्तृत करेगा। फैक्स, टेलिविजन और रेडियो के साथ इंटरनेट समय और स्थान की सीमाओं को लांघते हुए अधिक लोगों तक पहुंचेगा। ये आधुनिक संचार प्रणालियाँ हैं जिन्होंने परिवहन से कहीं ज्यादा वैश्विक ग्राम की संकल्पना को साकार किया है।
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- इकाई -1 अध्याय -1. मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय क्षेत्र
- इकाई -2 अध्याय -2. विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि
- इकाई -2 अध्याय 3. जनसंख्या संघटन
- इकाई -2 अध्याय -4. मानव विकास
- इकाई -3 अध्याय-5. प्राथमिक क्रियाएँ
- इकाई -3 अध्याय-6. द्वितीयक क्रियाएँ
- इकाई -3 अध्याय-7. तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप
- इकाई -3 अध्याय-8. परिवहन एवं संचार
- इकाई -3 अध्याय-9. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
- इकाई -4 अध्याय-10. मानव बस्ती