Unique Geography Notes हिंदी में

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NCERT CLASS 12

NCERT CLASS 12 Geography Solutions/हिंदी माध्यम इकाई 2 अध्याय 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि

 NCERT CLASS -12 Geography Solutions
(हिंदी माध्यम)
इकाई -2
अध्याय -2. विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि
1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए :
(i) निम्नलिखित में से किस महाद्वीप में जनसंख्या वृद्धि सर्वाधिक है?
(क) अफ्रीका
(ख) एशिया
(ग) दक्षिण अमेरिका
(घ) उत्तर अमेरिका
उत्तर – (ख) एशिया
(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक विरल जनसंख्या वाला क्षेत्र नहीं है?
(क) अटाकामा
(ख) भूमध्यरेखीय प्रदेश
(ग) दक्षिण-पूर्वी एशिया
(घ) ध्रुवीय प्रदेश
उत्तर – (ग) दक्षिण-पूर्वी एशिया
(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्रतिकर्ष कारक नहीं है?
(क) जलाभाव
(ख) बेरोजगारी
(ग) चिकित्सा/शैक्षणिक सुविधाएँ
(घ) महामारियाँ
उत्तर – (ग) चिकित्सा/शैक्षणिक सुविधाएँ
(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा एक तथ्य सही नहीं है?
(क) विगत 500 वर्षों में मानव जनसंख्या 10 गुणा से अधिक बढ़ी है।
(ख) 5 अरब से 6 अरब तक बढ़ने में जनसंख्या को 100 वर्ष लगे।
(ग) जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था में जनसंख्या वृद्धि उच्च होती है।
उत्तर – (ग) जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था में जनसंख्या वृद्धि उच्च होती है।
 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए:
(i) जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले तीन भौगोलिक कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर –जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले तीन भौगोलिक कारण निम्नलिखित है : –
(क) जल की उपलब्धता – जल जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है। अतः लोग उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहां जल आसानी से उपलब्ध होता है।
(ख) भू-आकृति – अधिकांश लोग समतल मैदानों और मन्द ढालों पर बसने को प्राथमिकता देते हैं। क्योंकि ऐसे क्षेत्र फसलों के उत्पादन, सड़क निर्माण, और उद्योगों के लिए अनुकूल होते हैं।
(ग) जलवायु – अनुकूल जलवायु वाले क्षेत्र जिनमें अधिक मौसम परिवर्तन नहीं होते, अधिक लोगों को आकृष्ट करते हैं।
(ii) विश्व मे उच्च जनसंख्या घनत्व वाले अनेक क्षेत्र हैं। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर – विश्व के अनेकों ऐसे क्षेत्र है जहाँ जनसंख्या घनत्व उच्च है क्योंकि यहाँ पर्याप्त जल की मात्रा, अनुकूल जलवायु, विस्तृत समतल भूमि की उपलब्धता, उपजाऊ मिट्टियाँ जैसे भौगोलिक कारक तथा खनिजों, नगरीकरण, औद्योगिकरण जैसे आर्थिक कारक उपलब्ध है।  जैसे – संयुक्त राज्य अमेरिका का उत्तरी पूर्वी-भाग, यूरोप का उत्तरी-पश्चिमी भाग तथा दक्षिणी, दक्षिणी-पूर्वी और पूर्वी एशिया के भाग इत्यादि।
(iii) जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक कौन-से है?
उत्तर  – जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक है – जन्म, मृत्यु और प्रवास।
3. अंतर स्पष्ट कीजिए :
(i) जन्म दर और मृत्यु दर
उत्तर – जन्म दर – किसी क्षेत्र विशेष में किसी वर्ष के दौरान प्रति एक हजार स्त्रियों द्वारा जन्म दिए जीवित बच्चों की संख्या को जन्म दर कहा जाता है।
अशोधित जन्म दर = किसी वर्ष विशेष में जीवित जन्म / किसी क्षेत्र विशेष में वर्ष के मध्य जनसंख्या ×1000
मृत्यु दर – किसी क्षेत्र विशेष में किसी वर्ष के दौरान प्रति एक हजार जनसंख्या के पीछे मरने वालों संख्या को मृत्यु दर कहा जाता है।
अशोधित मृत्यु दर = किसी वर्ष विशेष में मृतकों की संख्या / उस वर्ष के मध्य में अनुमानित जनसंख्या ×1000
(ii) प्रवास के प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारक
उत्तर – प्रवास के प्रतिकर्ष  – वे सभी कारक जो किसी स्थान पर जनसंख्या को बसने के लिए आकर्षित नहीं करता हो उसे प्रवास के प्रतिकर्ष कारक कहते है। जैसे – बेरोजगारी, रहन-सहन की निम्न दशाएं, राजनीतिक उपद्रव, प्रतिकूल जलवायु, प्राकृतिक विपदाएँ, महामारीयाँ तथा सामाजिक आर्थिक पिछड़ेपन इत्यादि।
प्रवास के अपकर्ष कारक – वे सभी कारक जो किसी स्थान पर जनसंख्या को बसने के लिए आकर्षित करता हो उसे प्रवास के अपकर्ष कारक कहते है। जैसे – बेहतर रोजगार के अवसर, रहन-सहन की अच्छी दशाएं, शांति व स्थायित्व, जीवन व संपत्ति की सुरक्षा तथा अनुकूल जलवायु इत्यादि।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।
(i) विश्व में  जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर – जनसंख्या वितरण एवं घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है :-
(A) भौगोलिक कारक – 
(i) जल की उपलब्धता – जल जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है। अतः लोग उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहाँ जल आसानी से उपलब्ध होता है। यही कारण है कि नदी-घाटियाँ विश्व के सबसे सघन घने बसे हुए क्षेत्र हैं।
(ii) भू-आकृति – लोग समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता देते हैं क्योंकि ऐसे क्षेत्र फसलों के उत्पादन सड़क, निर्माण और उद्योगों के लिए अनुकूल होते हैं। गंगा का मैदान विश्व के सर्वाधिक सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है जबकि हिमालय के पर्वतीय भाग विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं।
(iii) जलवायु – अति उष्ण अथवा ठंडे मरुस्थलों की विषम जलवायु मानव बसाव के लिए सुविधाजनक नहीं होती है अर्थात सुविधाजनक जलवायु वाले क्षेत्र जिनमें अधिक मौसमी परिवर्तन नहीं होते वहाँ अधिक लोगों का बसाव होता है।
(iv) मृदाएँ – कृषि तथा इससे संबंधित क्रियाओं के लिए उपजाऊ मृदाओं का महत्वपूर्ण है इसीलिए उपजाऊ दोमट मिट्टी वाले प्रदेशों में अधिक लोगों का निवास होता है क्योंकि यह मृदाएँ गहन कृषि का कार्य के लिए उपयुक्त होती है।
(B) आर्थिक कारक – 
(i) खनिजों की उपस्थिति – खनिजों से युक्त क्षेत्र उद्योगों को आकृष्ट करते हैं क्योंकि खनन और औद्योगिक गतिविधियाँ रोजगार उत्पन्न करते हैं। अतः कुशल एवं अर्ध कुशल कर्मी इन क्षेत्रों में पहुँचते हैं और जनसंख्या को सघन बना देते हैं।
(ii) नगरीकरण – नगर रोजगार के बेहतर अवसर, शैक्षणिक व चिकित्सा संबंधी सुविधाएँ तथा परिवहन और संचार के बेहतर साधन प्रस्तुत करते हैं। इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में प्रवास होता है। इस प्रकार नगर के आकार में वृद्धि होती है।
(iii) औधोगिकरण – औद्योगिक पेटियाँ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराती है और बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करती है। इनमें केवल कारखानों के श्रमिक ही नहीं होते बल्कि परिवहन परिचालक, दुकानदार, बैंक कर्मी, डॉक्टर, अध्यापक तथा अन्य सेवाएँ उपलब्ध कराने वाले भी होते हैं।
(C) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक – कुछ स्थान धार्मिक अथवा सांस्कृतिक महत्व के कारण अधिक लोगों को आकर्षित करते हैं। ठीक इसी प्रकार लोग उन क्षेत्रों को छोड़कर चले जाते हैं जहाँ सामाजिक और राजनीतिक अशांति होती है। कई बार सरकारें लोगों को विरल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बसने अथवा भीड़-भाड़ वाले स्थानों से चले जाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
(ii) जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर – जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत का प्रतिपादन थॉम्पसन एवं नॉटेस्टीन द्वारा किया गया था। इस सिद्धांत का उपयोग किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए किया जा सकता है। इस सिद्धांत से हमें पता चलता है कि जैसे ही ग्रामीण समाज खेतिहर और अशिक्षित अवस्था से उन्नति करके नगरीय औद्योगिक और साक्षर बनता है तो किसी प्रदेश की जनसंख्या उच्च जन्म और निम्न जन्म व निम्न मृत्यु में परिवर्तित होती है। यह परिवर्तन मुख्यतः तीन अवस्थाओं में होते हैं जिन्हें सामूहिक रूप से जनांकिकीय चक्र के रूप में जाना जाता है । :-
(क) प्रथम अवस्था – उच्च जन्म दर तथा उच्च मृत्यु दर इस अवस्था की प्रमुख विशेषता है। जनसंख्या वृद्धि धीमी होती है और अधिकांश लोग खेती में कार्यरत होते हैं। यहाँ बड़े परिवारों को परिसंपत्ति माना जाता है। जीवन-प्रत्याशा निम्न होती है। अधिकांश लोग अशिक्षित होते हैं और उनके प्रौद्योगिकी स्तर निम्न होते हैं। 200 वर्ष पूर्व विश्व के लगभग सभी देश इसी अवस्था में थे। जैसे – बांग्लादेश, वर्षा वानों के आदिवासी इत्यादि।
(ख) द्वितीय अवस्था – इस अवस्था में जन्म दर उच्च रहती है परंतु मृत्यु दर में तेजी से गिरावट आती है। स्वास्थ्य संबंधी दशाओं व स्वच्छता में सुधार के साथ मृत्यु दर में कमी आती है। इस अंतर के परिणामस्वरूप जनसंख्या में विस्फोटक वृद्धि होती है। जैसे – पेरू, श्रीलंका, केन्या आदि देश इस अवस्था से गुजर रहे हैं।
(ग) तृतीय अवस्था – इस अवस्था में जन्म दर में तेजी से कमी आती है साथ ही मृत्यु दर भी धीरे-धीरे घटती जाती है। इस प्रकार इस अवस्था में जनसंख्या वृद्धि दर या तो स्थिर हो जाती है या मन्द गति से बढ़ती है। जनसंख्या नगरीय और शिक्षित हो जाती है तथा उसके पास तकनीकी ज्ञान होता है। ऐसी जनसंख्या विचार पूर्वक परिवार के आकार को नियंत्रित करती है। जैसे- जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, इत्यादि। 
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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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