Unique Geography Notes हिंदी में

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BA SEMESTER-IIएशिया का भूगोल

7. एशिया का कोयले के उत्पादन एवं वितरण / Distribution and Production of Coal of Asia

7. एशिया का कोयले के उत्पादन एवं वितरण

(Distribution and Production of Coal of Asia)


एशिया का कोयले के उत्पादन एवं वितरण⇒एशिया का कोयले

            शक्ति के साधनों में कोयला संसार का सर्वाधिक महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ है। आज के औद्योगिक युग में कोयले का महत्व और बढ़ गया है क्योंकि अनेक विशाल उद्योग कोयले पर ही निर्भर है। कोयला पृथ्वी के अन्दर चट्टानों के रूप में अनेक पत में पाया जाता है। इसमें प्रमुख रूप से कार्बन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, राख आदि पदार्थ प्राप्त होते है। कार्बन की मात्रानुसार कोयले के निम्नलिखित भेद है-

1. एन्थेसाइट: यह अच्छी किस्म का कोयला है। इसमें कार्बन की मात्रा 90% से 959 तक होती है। इसका सामान्य प्रयोग घरेलू ईंधन के रूप में किया जाता है। 

2. विटूमीनस: यह भी अच्छी किस्म का कोयला है। इसमें कार्बनिक मात्रा 75 से 90 प्रतिशत तक होती है। इसका सामान्य प्रयोग उद्योग में शक्ति के रूप में किया जाता है।

3. लिग्नाइट: इसे भूरे कोयले के नाम से जाना जाता है। यह घटिया किस्म का अशुद्ध कोयला है। इसमें कार्बन की मात्रा 40 से 60% तक होती है। इसमें मोम व कृत्रिम पेट्रोल बनाया जाता है।

4. पीट: यह कच्चा कोयला है। इसमें कार्बन की मात्रा 40 प्रतिशत होती है। यह कोलतार बनाने में प्रयोग किया जाता है। 

उत्पादन (Production)

          एशिया समस्त विश्व के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 27% भाग उत्पादन करता है। एशिया के प्रमुख कोयला उत्पादक देश चीन, भारत, जापान, एशियाई रूस, दक्षिणी एवं उत्तरी कोरिया, टर्की, ताईवान आदि है।

भारत: भारत संसार का लगभग 7% तथा एशिया का 14% कोयला उत्पन्न करता है। यहाँ कोयला झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों से निकला जाता है। कुछ मात्रा में कोयला उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, असम, बिहार तथा जम्मू-कश्मीर में भी है। भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार देश में 23.411.4 करोड़ टन कोयला के भण्डार है।

जापान: देश का अधिकांश कोयला उत्तरी क्यूशू द्वीप की चिकूहो, सागा, होकुशू तथा मिको खानी से निकाला जाता है। थोड़ी मात्रा होकैडो द्वीप की इशीकारी व कुशिरों खानों से एवं होन्शू की जीवान एवं उबे खानों से निकाला जाता है। जापान अपनी अधिकांश आवश्यकता का कोयला आयात करता है। 

चीन: एशिया एवं विश्व में कोयला का सर्वाधिक उत्पादन चीन में होता है। यहाँ कोयला का खनन हेदी, हिलोगजिआग, हेनान, लिआओनिंग शानडॉग, शान्सी, सिचुआन, निगजिआ तथा नी मंगोल क्षेत्रों में होता है। यहाँ कोयले का उत्पादन विश्व उत्पादन का 35% है। 

कोरिया: उत्तरी कोरिया की एलांग खाड़ी के तट क्षेत्र तथा दक्षिणी कोरिया दक्षिणी पूर्वी क्षेत्र भी प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र है। उत्तरी कोरिया में दक्षिणी कोरिया की अपेक्षा अधिक कोयला मिलता है।

पाकिस्तान: पाकिस्तान में अच्छे किस्म के कोयले की कमी है परन्तु टर्शियरी किस्म का कोयला यहाँ अधिक पाया जाता है। यहाँ कोयले का उत्पादन 2140 हजार टन है। कोयला यहां रावलपिडी, मजराबल तथा हैदराबाद में पाया जाता है।

म्यांमार: कोयला यहाँ चिन्दविन घाटी तथा शान पठार पर निकाला जाता है। 

थाइलैण्ड: कोयला थाइलैण्ड में दक्षिणी थाइलैण्ड के क्रावी क्षेत्र में मायेमोह की खानों से निकाला जाता है। यह घटिया किस्म का कोयला है। आमफरली में भी लिग्नाइट कोयले के भण्डार मिले हैं। 

मलेशिया: यहाँ घटिया किस्म का कोयला मिलता है जो कुछ गहराई पर निकाला जाता है। इस कारण यह कम निकाला जाता है। मलाया में कोयला सेलांगोर, सारावाक, सिलाप्टेक एवं साबाह में पाया जाता है।

 इण्डोनेशिया: इन्डोनेशिया का सबसे अधिक कोयला सुमात्रा द्वीप में पाया जाता है। कोयले की मुख्य खाने दक्षिण सुमात्रा में बुकिन आसाम तथा मध्य सुमात्रा में ओमविलिन में है। कालीमण्टन की महाकाम क्षेत्र की खानों में भी कोयला का उत्पादन होता है।

ताइवान: कोयला यहाँ का प्रमुख खनिज है। यहाँ के सम्पूर्ण भण्डार का 80 प्रतिशत उत्तरी ताइवान में पाया जाता है। इस कोयले की प्रमुख खाने चिलाओ, नानचुआंग, हिब्रू, कीलंग आदि है। यहाँ का लगभग 75 प्रतिशत कोयला विटमिनस किस्म का है जो धरातल पर कम गहराई में मिलता है।

सोवियत एशिया: कोयला साइबेरिया का मुख्य खनिज है। कोयला के भण्डारों के दृष्टिकोण से यह विश्व का धनी देश है। अन्तर्राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक कांग्रेस के अनुसार साइबेरिया में 1,73,900 करोड़ मीट्रिक टन कोयले का भण्डार है। साइबेरिया में कोयला उत्पादन क्षेत्र हैं- कुण्नेटस्क बेसीन यनीसो, लीना बेसीन चिलियाविस्क, इर्कुटस्क मिनुसिक्स, कारागंडा, आमूर दी की घाटी, ट्रान्स बैकाल ।

बांग्लादेश: खनिज पदार्थ के दृष्टिकोण से यह काफी निर्धन राष्ट्र है। यहाँ घटिया कोयला पाया जाता है। यहाँ के प्रमुख कोयला क्षेत्र रंगपुर, फरीदपुर, खुलना, मैमन सिंह इत्यादि हैं।

अफगानिस्तान: अफगानिस्तान में सबसे अधिक मात्रा में हिन्दुकुश पर्वतीय क्षेत्र में काफी कोयला पाया जाता है। दरे साफ में कोयले का काफी भण्डार है। कोयला को वार्षिक उत्पादन लगभग 150 हजार मीट्रिक टन पाया जाता है। 

       इस प्रकार एशिया समस्त संसार के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 27 प्रतिशत भाग उत्पन्न करता है। संचित भण्डार के दृष्टिकोण से चीन का स्थान प्रथम है। परन्तु अच्छी श्रेणी के कोयले के उत्पादन के दृष्टिकोण से भारत का स्थान प्रथम है। 

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार (International Trade):

             कोयला का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापा बहुत महत्वपूर्ण है तथा इसकी माँग भी काफी अधिक है। भारत तथा चीन एशिया के प्रमुख कोयला निर्यात करने वाले देश है। जापान, पाकिस्तान, श्रीलंका तथा बर्मा प्रमुख कोयला आयात करने वाले देश है। कोयले की माँग भी निरन्तर बढ़ ही है। 

प्रश्न प्रारूप

1. एशिया कोयले के उत्पादन एवं वितरण का वर्णन कीजिये। 

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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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