37. BAR DIAGRAM (दण्ड-आरेख)
37. BAR DIAGRAM
(दण्ड-आरेख)
दण्ड-आरेख:-
किसी वस्तु की मात्रा का वितरण, विभिन्न क्षेत्रों में किसी वस्तु के उत्पादन व्यापार, जनसंख्या वितरण या किसी वस्तु की मात्रा की तुलना आदि जब खड़े या पड़े स्तंभ या दण्ड से दिखाते हैं तो ऐसे आरेख को दण्ड आरेख (Bar Diagram) या स्तंभ आरेख (Columnar Diagram) कहते हैं।
दण्ड आरेख बनाते समय निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए:
1. सभी स्तंभ या दण्डों की मोटाई एक समान होनी चाहिए।
2. आरेख में सभी दण्ड समान दूरी के अंतर पर बनाने चाहिए। यह दूरी दण्ड की मोटाई से सदैव कुछ कम रखते हैं।
3. एक उपयुक्त मापक (स्केल) निर्धारित करने के बाद ही स्तंभों की रचना करनी चाहिए।
दण्ड आरेख के प्रकार (Types of Bar Diagram)
1. सरल दण्ड आरेख (Simple Bar Diagram):-
सरल दण्डारेख में एक चित्र के अंतर्गत एक ही वस्तु के आँकड़े प्रदर्शित किये जाते हैं।
2. मिश्रित दण्ड आरेख (Compound Bar Diagram):–
मिश्रित दण्ड आरेख द्वारा आँकड़ों के कुल योग तथा उनके विभिन्न भागों को प्रदर्शित किया जाता है तथा उन्हें एक ही दण्ड में इस प्रकार खींचते हैं कि उससे आँकड़ों के अलग-अलग गुण तथा कुल योग का पता चल जाए।
3. बहुदण्ड आरेख (Multiple Bar Diagram):-
इसमें दो या अधिक वस्तुओं के आँकड़ें एक साथ प्रदर्शित किये जाते हैं। तुलनात्मक अध्ययन में ये विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं।
4. द्विदिशा दण्ड आरेख (Duo-Directional Bar Diagram):-
जब पदमाला में धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों प्रकार के पदमूल्य दिये हों तो उन्हें द्विदिशा दण्ड आरेख द्वारा प्रदर्शित करते हैं। इसमें आधार रेखा के ऊपर एवं नीचे दोनों तरफ स्तंभ खींचे जाते हैं। ऊपर के स्तंभ धनात्मक (+) तथा नीचे के स्तंभ ऋणात्मक (-) मूल्यों को प्रदर्शित करते हैं।
उदाहरण 1. निम्नलिखित आँकड़ों को सरल दण्ड आरेख के द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
भारत के कुछ राज्यों में जनसंख्या का घनत्व, 1981
राज्य | घनत्व (प्रति वर्ग किमी०) |
केरल | 654 |
पश्चिम बंगाल | 614 |
बिहार | 402 |
उत्तर प्रदेश | 377 |
तमिलनाडु | 371 |
पंजाब | 331 |
हरियाणा | 291 |
असम | 254 |
महाराष्ट्र | 204 |
आंध्र प्रदेश | 194 |
रचना विधि-
उपरोक्त आँकड़ों से दण्ड आरेख बनाने के लिए उपरोक्त सारणी के पद मूल्यों को अवरोही क्रम में निम्न प्रकार व्यवस्थित कर लें-
केरल 654; पश्चिम बंगाल 614; बिहार 402; उत्तर प्रदेश 377; तमिलनाडु 371; पंजाब 331; हरियाणा 291; असम 254; महाराष्ट्र 204; आंध्र प्रदेश 194।
अब आरेख की आधार रेखा खींचिए तथा इसके बाएँ सिरे पर लंब उठाकर प्रति वर्ग किलोमीटर घनत्व की मापनी अंकित कीजिए। इसके पश्चात् आधार रेखा पर भिन्न-भिन्न राज्यों के घनत्वों के बराबर ऊँचे दण्डों को ऊपर लिखे गये क्रमानुसार खींचिए। सभी दण्डों के मध्य एक समान दूरी होनी चाहिए। अब प्रत्येक दण्ड पर संबंधित राज्य का नाम लिखिए एवं आरेख पर शीर्षक दीजिए।
उदाहरण 2. निम्नलिखित आँकड़ों को दण्ड आरेख के द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
भारत में कोयले का उत्पादन
वर्ष | उत्पादन (लाख टन में) |
1947 | 300 |
1951 | 349 |
1961 | 560 |
1971 | 763 |
1981 | 1188 |
1986 | 1614 |
उदाहरण 3. निम्नलिखित आँकड़ों को मिश्रित दण्ड आरेख के द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
भारत में लोहा इस्पात उत्पादन, 1978-79 (लाख टन में)
प्लांट (Plant) | शिलिका इस्पात (Ignot Steel) | विक्रय योग्य इस्पात (Saleable Steel) | कच्चा लोहा (Pig Iron) | योग (Total) |
IISCO | 61.3 | 4.8 | 1.2 | 67.3 |
Bhilai | 22.0 | 18.5 | 6.0 | 46.5 |
TISCO | 18.7 | 15.1 | – | 33.8 |
Bokaro | 12.0 | 9.3 | 6.0 | 27.0 |
Rourkela | 13.2 | 10.4 | – | 23.6 |
Durgapur | 9.5 | 7.8 | 1.5 | 18.8 |
रचना विधि-
उदाहरण 1 की भाँति किसी उचित मापनी पर विभिन्न प्लान्टों के कुल लोहा इस्पात उत्पादन को साधारण दण्ड आरेख के द्वारा प्रदर्शित कीजिए। इसके बाद आरेख के प्रत्येक स्तंभ में संबंधित प्लांट के विभिन्न प्रकार के लोहा इस्पात उत्पादन की मात्राओं को खण्ड बनाकर प्रदर्शित कीजिए। ध्यान रहे कि सभी स्तंभों में लोहा इस्पात के प्रकारों के प्रदर्शन का क्रम एक समान होना आवश्यक है। संकेत के अनुसार स्तंभों के विभिन्न खंडों में छायाएँ भरकर आरेख पर उसका शीर्षक लिखिए।
उदाहरण 4. निम्नलिखित आँकड़ों को बहुदण्ड आरेख के द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
भारत में सिंचित क्षेत्र, 1950-51 से 1976-77 (करोड़ हेक्टेअर)
वर्ष | सिंचित क्षेत्र | |||
नहरें | कुएँ | तालाब | अन्य | |
1950-51 | 0.83 | 0.60 | 0.36 | 0.30 |
1975-76 | 1.38 | 1.43 | 0.40 | 0.24 |
1976-77 | 1.38 | 1.48 | 0.39 | 0.23 |
रचना विधि-
उदाहरण 4 के अनुसार आरेख के बाईं ओर ऊर्ध्वाधर रेखा पर हेक्टेअर की मापनी के चिह्न अंकित कीजिए। अब विभिन्न वर्षों में क्रमशः नहरों, कुओं, तालाबों एवं अन्य स्रोतों द्वारा सिंचित क्षेत्र प्रदर्शित करने वाले चार-चार स्तंभ सटाकर तीन स्थानों पर बनाइए।
उदाहरण 5. निम्नलिखित आँकड़ों को द्विदिशा दण्ड आरेख के द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
हापुड़ तहसील में पोषण तत्वों की प्राप्ति 1980
(प्रति व्यक्ति दैनिक आवश्यकता का प्रतिशत)
पोषण तत्व | अधिशेष (+) या अभाव (-) |
कैलोरी (Calorie) | (-) 2.5 |
प्रोटीन (Protein) | (+) 5.8 |
वसा (Fat) | (-) 53.0 |
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) | (+) 2.0 |
कैल्सियम (Calcium) | (-) 55.0 |
लोहा (Iron) | (+) 45.0 |
फॉस्फोरस (Phosphorus) | (-) 75.0 |
थायमीन (Thymine) | (+) 8.0 |
राइबोफ्लेविन (Riboflavin) | (-) 12.0 |
रचना विधि-
चित्र के अनुसार आधार रेखा के बाएँ सिरे पर एक लंबवत् रेखा के सहारे ऊपर की ओर धनात्मक (+) मूल्यों को तथा नीचे की ओर ऋणात्मक मूल्यों (-) की एक समान मापनी के चिह्न लगाइए। अब ऊपर की ओर धनात्मक मूल्यों वाले तत्वों के स्तंभ तथा नीचे की ओर ऋणात्मक मूल्यों वाले तत्वों के स्तंभ बनाइए। आरेख को अधिक आकर्षक बनाने के लिए उपरोक्त चित्र में धनात्मक मूल्यों को अवरोही तथा ऋणात्मक मूल्यों को आरोही क्रम में सजाया गया है।