17. The Commercial Grain Farming in the world (विश्व में व्यापारिक अन्न कृषि)
17. The Commercial Grain Farming in the world
(विश्व में व्यापारिक अन्न कृषि)
प्रश्न प्रारूप
Q. Discuss the Commercial Grain Farming in the world.
(विश्व में व्यापारिक अन्न कृषि का वर्णन करें।)
उत्तर- जिस कृषि की उपजों को स्थानीय उपभोग के लिए नहीं बल्कि बाजारों में व्यापार के लिए प्रयोग किया जाता है, उसे व्यापारिक कृषि कहते हैं। इस प्रकार की कृषि से मुद्रा की प्राप्ति होती है। अतः इसे मुद्रादायिनी फसल भी कहते हैं। बाजारों में बेचकर इससे तुरन्त धन कमाया जाता है, इसी से इसे (Cash crop) या नकदी फसल भी कहा जाता है। इस प्रकार की फसल विश्व के अनेक क्षेत्र में उपजाई जाती है।
वास्तव में इस प्रकार की कृषि अधिक आबादी के देशों में स्थानीय उपभोग के लिए की जाती है। दक्षिणी पूर्वी एशिया के देशों में व्यापारिक खाद्यान्न कृषि व्यापार के लिए नहीं बल्कि स्थानीय उपभोग के लिए की जाती है। अतः इस क्षेत्र में गेहूँ जीवन निर्वाहण कृषि है। परन्तु U.S.A., कनाडा आदि देशों में गेहूँ का उत्पादन व्यापार के लिए होता है, अतः यहाँ यह व्यापारिक कृषि के अन्तर्गत आता है।
विस्तीर्ण व्यापारिक खाद्यान्न कृषि की विशेषताएँ:
इस प्रकार कृषि की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:
1. आधुनिक युग की कृषि:-
व्यापारिक खाद्यान्न कृषि वास्तव में आधुनिक युग की देन है। यह मध्य आक्षांशों के आर्द्र एवं शुष्क प्रदेशों के बीच में की जाती है। ये क्षेत्र अत्यन्त ही विरल जनसंख्या वाले हैं। इनके अधिकांश जनसंख्या यूरोपीय किस्म की है।
2. एक ही फसल के उत्पादन पर बल:-
प्रत्येक देश में या उसके उप प्रदेश में, केवल एक ही मुख्य फसल के उत्पादन पर बल दिया जाता है। वह फसल बाजार में बिक्री के लिए उत्पन्न की जाती है। जैसे- गेहूँ। इन प्रदेशों की सर्वप्रमुख फसल गेहूँ ही है। संयुक्त राज्य अमेरिका में एक पेटी में मक्का भी बोई जाती है। गेहूँ के अलावा जौ, जई और राई का थोड़ा-थोड़ा उत्पादन देशी या स्थानीय माँग पूर्ति के लिए किया जाता है। लगभग 70% से 80% कृषि भूमि पर गेहूँ का उत्पादन होता है।
3. मानव एवं पशुओं का कम प्रयोग:-
मानव एवं कृषि पशुओं का प्रयोग कृषि में कम होता है। अधिकतम कार्य मशीनों से होता है।
4. बड़े-बड़े कृषि फार्म:-
कृषि फार्म बड़े-बड़े होते हैं। U.S.A. एवं अर्जेन्टाइना में 300 एकड़ से 1000 एकड़ तक कृषि फार्म होते हैं। कृषि फार्म पर ही कृषक का निवास तथा मशीनों के रखने आदि की जगह होती है।
5. फसलों में विशेषीकरण:-
यह केबल एक फसल का विशेषीकरण होता है। इस कृषि की मुख्य फसल गेहूँ है। बड़े पैमाने पर गेहूँ का उत्पादन होता है तथा विश्व के गेहूँ का कुल निर्यात इन्हीं देशों से होता है।
6. कृषि कार्य वैज्ञानिक ढंग से:-
कृषि का प्रत्येक कार्य वैज्ञानिक ढंग से किया जाता है। उर्वरकों का पूर्ण प्रयोग होता है।
7. मैदानी भागों में कृषि:-
यह कृषि विशाल समतल मैदानी प्रदेशों में की जाती है।
उत्पादन-
FAO Production year book, 2011 के अनुसार विश्व में गेहूँ का कुल उत्पादन 5190 लाख मेट्रिक टन हुआ। नीचे के तालिका में कुछ प्रमुख देशों का उत्पादन इस प्रकार रहा-
विश्व में गेहूँ का उत्पादन, 2011
देश | कुल उत्पादन लाख मेट्रिक टन में | विश्व के कुल उत्पादन का % |
चीन | 951 | 18.32 |
U.S.S.R. | 835 | 16.9 |
भारत | 565 | 10.88 |
U.S.A. | 605 | 11.66 |
फ्रांस | 401 | 7.23 |
कनाडा | 364 | 7.01 |
टर्की | 275 | 5.30 |
पाकिस्तान | 205 | 3.95 |
ब्रिटेन | 195 | 3.76 |
जर्मनी | 154 | 2.97 |
ऑस्ट्रेलिया | 115 | 2.21 |
अन्य देश | 525 | 10.11 |
कुल विश्व | 5190 | 100% |
विश्व वितरण-
इस प्रकार की कृषि मध्य अक्षांशों में स्थित समशीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदानों में की जाती है। इसके क्षेत्र निम्नलिखित हैं-
1. सोवियत संघ में स्टेपी घास के मैदान:-
गेहूँ के उत्पादन में U.S.S.R. का स्थान दूसरा है। यह विश्व का 14.5% गेहूँ उत्पन्न करता है। यहाँ गेहूँ के दो क्षेत्र हैं-
(i) शीतकालीन पट्टी- उत्तरी यूक्रेन प्रदेश में
(ii) बसन्त कालीन गेहूँ पट्टी- कैस्पियन सागर एवं कालासागर के आस-पास। यहाँ उपजाऊ मिट्टी, गर्मी में वर्षा तथा मशीनों का पूर्ण प्रयोग से यहाँ कृषि की जाती है।
2. उत्तरी अमेरिका में तथा कनाडा के प्रेयरी मैदान:-
यहाँ विश्व का लगभग 10% गेहूँ उत्पादन होता है। यहाँ बड़े पैमाने पर मशीनों द्वारा गेहूँ की व्यापारिक कृषि होती है। यहाँ गेहूँ के 4 प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं।
(i) बसन्तकालीन गेहूँ क्षेत्र- प्रेयरीज के उत्तरी भाग में डेकोटा, मोण्टाना और मिन्नेसोटा में।
(ii) शीतकालीन गेहूँ क्षेत्र- कन्सास ओकलाहोमा, नेबास्का, टेस्सास।
(iii) कोलम्बिया पठार गेहूँ क्षेत्र
(iv) कैलिफोर्निया गेहूँ क्षेत्र
3. दक्षिणी अमेरिका अर्जेटिना का पम्पा प्रदेश:-
इस प्रदेश में यूरुग्वे एवं पराग्वे नदी के डेल्टा प्रदेश में पम्पा नामक घास का विस्तृत मैदान है। इसमें गेहूँ की विस्तृत खेती की है। यहाँ से गेहूँ विदेशों को निर्यात होता है।
4. दक्षिणी पूर्वी अफ्रीका में वेल्ड नामक घास के मैदान:-
यह क्षेत्र दक्षिण अफ्रिका गणराज्य के द० पूर्वी भाग में स्थित है। यहाँ भी गेहूँ के उत्पादन के लिए लगभग सारी भौगोलिक परिस्थितियाँ उपलब्ध है। अतः यहाँ भी बड़े पैमाने पर व्यापार के लिए गेहूँ की खेती की जाती है।
5. आस्ट्रेलिया में डार्लिंग डाउन्स का मैदान:-
आस्ट्रेलिया के डाउन्स क्षेत्र में गेहूँ की काफी उपज होती है। यहाँ गेहूँ के उत्पादन के लिए समतल मैदानी भाग, उत्तम मिट्टी तथा वैज्ञानिक ढंग से कृषि की सुविधा प्राप्त है। यहाँ गेहूँ के दो क्षेत्र हैं:
(i) दक्षिणी पूर्वी भाग जो विक्टोरिया तथा न्यूसाउथ वेल्स में है,
(ii) भूमध्य सागरीय जलवायु के प्रदेश में, जो पश्चिमी आस्ट्रेलिया में स्थित है।