24. भूगोल को परिभाषित कीजिए तथा अन्य विज्ञानों के साथ उसके सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
24. भूगोल को परिभाषित कीजिए तथा अन्य विज्ञानों के साथ उसके सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
भूगोल को परिभाषित कीजिए तथा अन्य विज्ञानों के साथ उसके सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
भूगोल के लिए प्रयुक्त होने वाला अंग्रेजी शब्द ‘Geography’ यूनानी भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है। Geo = पृथ्वी एवं (Graphy) वर्णन, जिसका अर्थ ‘पृथ्वी का वर्णन’ है। इस प्रकार भूगोल अर्थात ज्योग्रॉफी का सामान्य अर्थ है- पृथ्वी का वर्णन करना।
भूगोल की कहानी उतनी ही पुरानी है जितनी कि मानव सभ्यता का इतिहास तथा उतना ही नवीन है जितना कि दैनिक समाचार-पत्र। मानव सभ्यता के क्रमिक विकास के साथ- साथ भूगोल के अध्ययन क्षेत्र में भी विकास होता गया है। संक्षेप में कहा जा सकता “भूगोल पृथ्वी तल और उसके निवासियों का विज्ञान है।” (Geography is the Science of the earth’s surface and its inhabitants.) विशेषकर द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात के वर्षों में भूगोल के अध्ययन क्षेत्र में आवश्यक विस्तार वैज्ञानीकरण और परिवर्तन तीव्र गति से हुआ है।
विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई भूगोल की परिभाषायें निम्न प्रकार हैं-
1. शब्दकोष द्वारा परिभाषा- भूगोल पृथ्वी तल और पृथ्वी पर रहने वाले निवासियों का विज्ञान है।
2. मोंकहाउस द्वारा परिभाषा- भूगोल पृथ्वी तल का, उसकी क्षेत्रीय भिन्नता के साथ, मानवीय निवास के रूप में अध्ययन है।
3. हार्टशोर्न द्वारा परिभाषा- भूगोल वह विज्ञान है जो पृथ्वी के एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवर्तनशील स्वरूपों का वर्णन और उनकी व्याख्या ‘मानव के संसार’ के रूप में करता है। यह पृथ्वी तल के घटना दृश्यों के विविध परिवर्ती वितरणों और जटिल अंतर्संबंधों का विश्लेषण करता है और पृथ्वी तल के परिवर्ती स्वरूप की व्याख्या करके उसका शुद्ध क्रमबद्ध और परिमेय वर्णन करता है।
4. रिचथोफेन (Richthofen)- रिचथोफेन के मतानुसार भूगोल में पृथ्वी तल के विभिन्न क्षेत्रों का अध्ययन उनकी समस्त विशेषताओं के अनुसार किया जाता है।
5. हेटनर (Hettner)- भूगोल क्षेत्रीय विज्ञान है जिसमें पृथ्वी तल के क्षेत्रों का अध्ययन उनकी भिन्नताओं तथा स्थानिक संबंधों की पृष्ठभूमि में किया जाता है।
6. हैगेट (Haggett)- भूगोल वह विज्ञान है जो पृथ्वीतल पर मानव वातावरण के पारिस्थितिक तंत्र और प्रदेशों के स्थानिक तंत्र की संरचनाओं तथा पारस्परिक क्रियाओं का अध्ययन करता है।
7. हेरमेन- भूगोल विज्ञान में पृथ्वी के थल का अध्ययन उपत्यक (Genetic), कारणात्मक (Causal) और कार्यात्मक (Functional) दृष्टिकोणों से किया जाता है।
8. डूडले स्टाम्प (Dudley Stamp)- इनकी परिभाषा को तीन प्रकार से लिखा गया है:
(i) भूगोल में संसार का और उसके निवासियों का वर्णन होता है।
(ii) भूगोल में पृथ्वी का तथा मानव परिस्थितिकी का विज्ञान है।
(iii) भूगोल में पृथ्वीतल का वर्णन, क्षेत्रों की भिन्नताओं और सम्बन्धों के प्रसंग में किया जाता है।
9. काण्ट- भूगोल वह विज्ञान है जिसमें पृथ्वी के उस भाग का अध्ययन किया जाता है जो कि मानव का घर है। काण्ट भूगोल तथा खगोलकी को दो भिन्न विज्ञान मानते थे।
10. रिटर (Ritter)- भूगोल में पृथ्वी तल का अध्ययन किया जाता है जो कि मानव का निवास गृह है।
11. वूल्डरिज तथा ईस्ट द्वारा परिभाषा (Wooldridge and East)- भूगोल में भू-क्षेत्र तथा मानव का अध्ययन होता है। इन विद्वानों ने अपनी परिभाषा में तीन बातों को प्रधानता दी है-
(i) पृथ्वीतल (Earth’s Surface) का वैज्ञानिक अध्ययन,
(ii) पृथ्वीतल की विभिन्नताओं के आधार पर पृथ्वी के विभिन्न प्राकृतिक भाग जिनमें मानवीय क्रियाओं की विभिन्नताएं भी सम्मिलित रहती हैं और
(iii) तथ्यों के पारस्परिक सम्बन्ध।
12. वर्तमान जर्मन भूगोलवेत्ता- वर्तमान जर्मन भूगोलवेत्ताओं के अनुसार, भूगेल वह विज्ञान है, जिसमें पृथ्वी के विभिन्न प्रदेशों ‘लैण्डशाफ्ट’ का अध्ययन होता है। इस प्रसंग में यह बात भली-भाँति समझ लेने की है कि जर्मन भाषा के शब्द ‘लैण्डशाफ्ट’ का अनुवाद अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘लैण्डस्केप’ से नहीं किया जा सकता है। अंग्रेजी शब्द ‘लैण्डस्केप’ का अर्थ हिन्दी भाषा में ‘दृश्यभूमि’ होता है, जिसमें प्राकृतिक दृश्यभूमि तथा सांस्कृतिक दृश्यभूमि दोनों ही समाविष्ट होते हैं।
जबकि जर्मन शब्द ‘लैण्डशाफ्ट का प्रयोग दृश्यभूमि तथा प्रदेश दोनों अर्थों का वाचक है, जिसमें प्रदेश को विशेषताएँ और मानवीय क्रियाएँ भी सम्मिलित रहती हैं।
भूगोल का अन्य भौतिक विज्ञानों से मनिष्ठ सम्बन्ध है। भूगोल की निम्नलिखित वस्तु है-
1. खगोल विज्ञान:-
सौर मंडल, सूर्य की सीधी किरणों का उत्तरायण और दक्षिणायन होना, दिन-रात का होना और घटना बढ़ना, मौसम में परिवर्तन, चन्द्रमा की कलाओं के घटने-बढ़ने से कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का होना, चन्द्रग्रहण, सूर्यग्रहण आदि के अध्ययन भूगोल तथा खगोल विज्ञान दोनों में होता है। अतः भूगोल तथा खगोल विज्ञान में बहुत निकट का सम्बन्ध है।
2. गणित:-
भूगोल में प्रदेशों की अवस्थिति और भौमिकीय स्थिति आदि का अध्ययन किया जाता है और इनको अंशों व कलाओं द्वारा व्यक्त करते हैं। इसके अतिरिक्त उस प्रदेश की भौगोलिक स्थिति, क्षेत्रफल और प्रदेश की आकृति का भी भूगोल में अध्ययन किया जाता है, क्योंकि इन सभी तत्वों का प्रभाव मानवीय उन्नति पर होता है। उन तत्वों का अध्ययन गणित के अन्तर्गत होने से भूगोल का गणित के साथ सम्बन्ध रहता है।
मानव की अर्थव्यवस्था जैसे-कृषि, निर्माण उद्योग, परिवहन, व्यापार, वाणिज्य आदि में सेवा केन्द्रों तथा नगरों की अवस्थिति विश्लेषण में, मात्राकरण और योजनाकरण में गणित की क्रियाएँ सम्मिलित रहती हैं। अतः भूगोल और गणित के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध है।
3. भौमिकी:-
प्रदेशों की भू-आकृतियों का जैसे पर्वतों, मैदानों, घाटियों आदि का मानव की क्रियाओं और निवास से प्रत्यक्ष सम्बन्ध होता है। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक संसाधनों में खनिज पदार्थों का भी प्रमुख स्थान होता है। इसलिए भूगोल में इन दोनों तत्वों अर्थात् भूमि की रचना और भू-आकृति तथा शैलों और खनिज पदार्थों का विशिष्ट अध्ययन होता है। भू-आकृतियों, शैलों और खनिज पदार्थों का विशिष्ट अध्ययन भौमिकी का भी विषय है। इसलिये भौमिकी और भूगोल के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध है।
4. ऋतु विज्ञान और जलवायु विज्ञान:-
किसी क्षेत्र में मनुष्य के भोजन, वस्त्र, आवास आदि का क्या रूप होगा, वहाँ कौन सी फसलें उग सकेगा और कहाँ पर अधिक स्वास्थ्यपूर्ण तथा सुविधाजनक जीवन व्यतीत कर सकेगा- इन सब बातों को निश्चित करने में मुख्य भूमिका होती है।
मनुष्य की दैनिक क्रियाओं को ऋतुएँ प्रभावित करती हैं। जलवायु जलवायु अनुरूप ही विभिन्न प्रदेशों की वनस्पति और जीव-जन्तु होते हैं। भूगोल के अध्ययन में ऋतु की जलवायु का विश्लेषण अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भूगोल का अध्ययन ऋतु और जलवायु के बिना अधूरा ही माना जाएगा। अतः कहा जा सकता है कि भूगोल का ऋतु विज्ञान और जलवायु विज्ञान से घनिष्ठ सम्बन्ध है।
5. मृत्तिका विज्ञान:-
विश्व भर के मनुष्य अपना भोजन मिट्टी से ही पैदा करते हैं। सभी प्रकार की फसलें, सभी प्रकार के फल मिट्टी में ही पैदा होते हैं। माँसाहारी मनुष्य जिन पशुओं और पक्षियों के माँस का सेवन करते हैं वे पशु भी मिट्टी से उगने वाली घास और फलों से ही अपना भोजन ग्रहण करते हैं। अतः सभी मनुष्यों का भोजन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मिट्टी से ही प्राप्त होता है। कम उपजाऊ मिट्टी को मनुष्य खाद आदि के प्रयोग से उपजाऊ बनाता है और कृषि फसलों में हेरफेर की पद्धति को अपना कर और अन्य प्रकारों से मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाये रखता है।
विभिन्न प्रकार की कृषि फसलों के लिए विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ या खाद की आवश्यकता होती है। भोजन सामग्री और कच्चा माल उत्पन्न करने वाली मिट्टियों का अध्ययन भूगोल का भी विषय है। अतः भूगोल और मृत्तिका विज्ञान के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध है।
6. भूगोल और जल विज्ञान तथा समुद्र विज्ञान:-
प्रमुख प्राकृतिक संसाधन जल का महत्व सिर्फ मनुष्य के पीने के लिए ही नहीं है, वरन् सिंचाई एवं विद्युत् पैदा करने के लिए भी जल एक अनिवार्य साधन है। किसी देश-प्रदेश के सिंचाई साधनों तथा जलशक्ति की समता और विकास का अध्ययन मानव भूगोल में होता है, इसलिये इसका सम्बन्ध जल विज्ञान से हैं। समुद्री तटों और समुद्री पत्तनों का महत्व, मछुआराओं तथा समुद्री परिवहन और व्यापार के लिये कितना है, यह सभी को ज्ञात हैं। बन्दरगाहों और समुद्री परिवहन पर ज्वार-भाटे और धाराओं का प्रभाव पड़ता है। चूँकि भूगोल में भी समुद्र ज्वार-भाटा, बन्दरगाहों आदि का अध्ययन किया जाता है। अतः भूगोल और जल विज्ञान तथा समुद्र विज्ञान के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध है।
7. भूगोल और वनस्पति विज्ञान:-
मानव जीवन में वनस्पति का महत्वपूर्ण स्थान है। वनों से केवल मकान बनाने की लकड़ी और जलाने का ईंधन ही नहीं मिलता, वरन् कल-कारखानों और उद्योगों के लिये कई प्रकार का कच्चा माल भी वनों से प्राप्त होता है। वन, बाढ़ और मिट्टी का कटाव रोकने में भी मदद करते हैं। प्राकृतिक वनस्पति का मानव जीवन से गहरा सम्बन्ध है। वनस्पतियों का अध्ययन भूगोल का मुख्य विषय है। अतः भूगोल और वनस्पति विज्ञान के बीच सम्बन्धों की घनिष्ठता को नकारा नहीं जा सकता।
8. भूगोल और जन्तु विज्ञान:-
मनुष्य के जीवन में पशुओं का भी महत्वपूर्ण स्थान है। पशुओं से मनुष्य को दूध, माँस, ऊन, चमड़ा आदि अनेक उपयोगी वस्तुएँ प्राप्त होती हैं और पशुओं को खेती करने, सामान ढ़ोने तथा यात्रा करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। इसके अतिरिक्त कुत्ता इत्यादि पशुओं को मनुष्य स्वामीभक्त पशुओं के रूप में पालता है। इस प्रकार मानव सभ्यता के आदिकाल से ही मनुष्य और पशुओं के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध रहा है। चूँकि भूगोल और जन्तु विज्ञान दोनों ही पशुओं का अध्ययन करते हैं, अतः इनके बीच घनिष्ठ सम्बन्ध है।
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- 6. नवनियतिवाद / New Determinism
- 7. भूगोल में मात्रात्मक क्रांति का विकास / Development of Quantitative Revolution in Geography
- 8. अवस्थिति विश्लेषण या स्थानीयकरण विश्लेषण (Locational Analysis)
- 9. अतिवादी भूगोल या क्रांतिकारी उपागम / उग्र सुधारवाद
- 10. आचारपरक क्रांति या व्यवहारिकतावाद / Behavioral Revolution
- 11. मानवतावादी भूगोल या मानवतावाद एवं कल्याण उपागम
- 12. जर्मन भूगोलवेत्ताओं का योगदान
- 13. अलेक्जेण्डर वॉन हम्बोल्ट का भूगोल के विकास में योगदान
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- 16. विश्व के सांस्कृतिक प्रदेश / परिमण्डल (World: Cultural Region/Realm)
- 17. 19वीं शताब्दी के दौरान भूगोल का विकास
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- 19. अरब भूगोलवेत्ताओं का योगदान
- 20. भूगोल में फ्रेडरिक रेटजेल के योगदान
- 21. भूगोल के विकास में विडाल डी-ला ब्लाश के योगदान
- 22. मेकिण्डर का हृदय स्थल सिद्धान्त
- 23. भूगोल में अल्फ्रेड हेटनर के योगदान
- 24. भूगोल को परिभाषित कीजिए तथा अन्य विज्ञानों के साथ उसके सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।