Unique Geography Notes हिंदी में

Unique Geography Notes in Hindi (भूगोल नोट्स) वेबसाइट के माध्यम से दुनिया भर के उन छात्रों और अध्ययन प्रेमियों को काफी मदद मिलेगी, जिन्हें भूगोल के बारे में जानकारी और ज्ञान इकट्ठा करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस वेबसाइट पर नियमित रूप से सभी प्रकार के नोट्स लगातार विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित करने का काम जारी है।

BA SEMESTER/PAPER-VIHuman Geography - मानव भूगोल

8. बुशमैन की शारीरिक तथा सामाजिक-आर्थिक विशेषताओं का वर्णन

8. बुशमैन की शारीरिक तथा सामाजिक-आर्थिक विशेषताओं का वर्णन


बुशमैन की शारीरिक तथा सामाजिक-आर्थिक विशेषताओं का वर्णन

बुशमैन की शारीरिक

                    दक्षिणी अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल के निवासी बुशमैन मरुस्थल में ही भ्रमण करने वाली एक खानाबदोश जनजाति है। इन लोगों को बुशमैन नाम से सम्बोधन हालैंड निवासियों ने 17वीं शताब्दी में किया था। उस समय यह लोग दक्षिणी-पश्चिमी संघ के उत्तरी-पश्चिमी भाग की बंजर भूमि में विस्तारपूर्वक फैल हुए थे। इनका विस्तार वास्तव में उत्तर तथा पूर्व में बसूटोलैंड, नैटाल और दक्षिण रोडेशिया तक था। इनका जीवन-निर्वाह आखेट पर पूर्णतया आधारित था।

              हालैंड वासियों ने इनके क्षेत्र पर आक्रमण करके इनको निश्चित भू-भागों में बसने के लिए बाध्य किया। इन प्रदेशों पर धीरे-धीरे अफ्रीका में अन्य लोगों का अधिकार हो गया। बांटू भाषा वाले नीत्री लोगों ने इन्हें पूर्वी तटीय प्रदेश, रोडेशिया, ट्रांसवाल और बेचुआनालैंड के मध्य पठारों से हटाया। दक्षिण-पश्चिम से होटेनटोट लोगों ने इन्हें उत्तर की ओर खदेड़ दिया। बांटू जाति की प्रगति एवं यूरोपीय निवासियों के आवास के कारण बुशमैन लोगों की संख्या बहुत कम रह गई है।

जलवायु:-

        यहाँ तापमान प्रायः ऊँचा रहा करता है। जनवरी का तापमान 30º से 32º सेंटीग्रेड तक रहता है। शीतकाल में तापमान 15° सेंटीग्रेड तक पहुँच जाता है। मरुस्थल होने के कारण यहाँ दैनिक तापमान में काफी अन्तर होता है। दिन के समय तापमान 45° सेंटीग्रेड तक पहुँच जाता है और रात्रि के समय तापमान गिरकर केवल 10° सेंटीग्रेड रह जाता है। इस प्रकार तापान्तर 30º सेंटीग्रेड या 35° सेंटीग्रेड देखा जाता है। यहाँ ग्रीष्मकाल का मौसम अधिक लम्बा होता है और शीतकाल का मौसम छोटा होता है। शीतकाल में रात्रि के समय ठण्ड इतनी अधिक पड़ती है जो कि बुशमैन को भी असह्ज होती है।

         इस क्षेत्र के उत्तरी किनारे पर स्थित गामी झील के निकट वर्षा लगभग 30 से०मी० होती है। दक्षिण में मोलामो नदी के निकट वर्षा होती है। साधारण वर्षा के फलस्वरूप यहाँ की कुछ भूमि वनस्पति से ढँक जाती है, जो कि पशुओं के लिए उत्तम चराने के स्थान होते हैं। कुछ चारागाहों में घास एक-एक मीटर से भी लम्बी होती है। वन यहाँ बिल्कुल नहीं पाये जाते हैं। दक्षिण में वनस्पति का बहुत अभाव है। यहाँ के निवासियों में मलेरिया और पेचिस की बीमारियाँ अधिक प्रचलित हैं। वर्षा की ऋतु छोटी होने के कारण यहाँ के लोगों को विभिन्न चरागाहों में प्रवास करना पड़ता है।

शारीरिक लक्षण:-

            बुशमैन देखने में नीग्रोइड जाति से मिलते-जुलते हैं किन्तु इनका जबड़ा उनके समान बाहर को निकला हुआ नहीं होता और न ही इनके होठ बाहर की ओर उलटे हुए होते हैं। इनकी आँखें चौड़ी होती हैं जो कि नीग्रो एवं नेग्रीटो के मुख्य लक्षण हैं। इनकी स्त्रियों की शारीरिक रचना में एक विशेषता होती है। इनके नितम्ब पर वसा होने की प्रवृति होती है। इस कारण इनके नितम्ब काफी मोटे और विकसित होते हैं। इन्हें आंग्ल भाषा में ‘स्टीटो पिगमी’ कहते है।

आखेट:-

        बुशमैन आखेट करने में बहुत निपुण होते हैं। इस प्रदेश में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के पशु पाये जाते हैं। गामी और औकाबांगो क्षेत्रों में वर्षा के पश्चात् कीचड़ हो जाती है तथा कहीं-कहीं जल पाया जाता है। इन आर्द्र भू-भागों के समीप बहुत से पौधे उग आते हैं जो कि पशुओं की भोजन पूर्ति करते हैं। शाकाहारी पशु एन्टीलोप, ब्लेसवाक, जेन्सबाक, जेब्रा, जिराफ आदि यहाँ भोजन की खोज में घूमते हैं। इन पशुओं पर आधारित मांसाहारी पशु मिलते हैं जैसे शेर, चीता, जंगली बिलाउ, लिंक्स, हैना, गीदड़ आदि।

             यहाँ हर प्रकार की दीमक पाई जाती है जिसे ‘बुशमैन का चावल’ कहा जाता है जो कि इन लोगों के भोजन का मुख्य अंग है। बुशमैन का यदि घायल शिकार किसी दूसरे क्षेत्र में पहुँच जाता है तो उसे यहाँ हिस्सा देना पड़ता है।

गृह एवं परिवार:-

            बुशमैन एक खानाबदोश जाति है। इसलिये इनके निवास स्थान स्थायी नहीं होते। इनके गृह झोपड़े होते हैं जो कि डेढ़ मीटर ऊँचे खम्भों पर तैयार किये जाते हैं। झोपड़ों का निर्माण स्त्रियाँ करती है। झोपड़ों की दीवारें घास की बनायी जाती हैं। फर्श पर भी घास के गद्दे बनाकर बिछाये जाते हैं। झोपड़ों के निर्माण की व्यवस्था गामी क्षेत्र के निकट उत्तम मिलती है। झोंपड़े का दरवाजा सुरक्षा के उद्देश्य से छोटा रखा जाता है। सर्दियों में मौसम से बचने के लिए बुशमैन गुफायें बनाकर रहते हैं। इन गुफाओं के ऊपर घास या चमड़े के छप्पर डालते हैं। गुफा के मुख के समीप रात्रि के समय आग जलती रहती है ताकि हिंसक पशुओं से सुरक्षा हो सके।

           बुशमैन सामाजिक टुकड़ियों अथवा दलों में रहते हैं जिसमें 20 से लेकर 100 व्यक्ति तक होते हैं। इनमें विवाह-सम्बन्ध एक अन्य टुकड़ी के मध्य होते हैं। बुशमैन उष्ण प्रदेश का प्राणी है, इसके उपर वातावरण का प्रभाव स्पष्ट दृष्टिगत होता है। ये लोग भोजन और जल के अभाव में कई दिनों तक बिना भोजन और जल के रह सकते हैं। पुरुष का मुख्य कार्य आखेट करना है जिससे इन लोगों को भोजन प्राप्त होता है। घूमते-फिरते समय पुरुष अपने साथ हथियार सदैव रखते हैं क्योंकि उसे शिकार की सदैव चिन्ता रहती है। स्त्रियाँ बोझा ढोने का कार्य करती हैं और बच्चों को पीठ पर लाद लेती हैं।

 

वस्त्र:-

          ये लोग वस्त्रों का बहुत कम प्रयोग करते हैं। वस्त्र पशुओं के चमड़े से बने होते हैं। पुरुष एक तिकोना लंगोट पहनते हैं स्त्रियाँ भी चमड़े के टुकड़ों को पहनती हैं जो कि कमर से लेकर पैर तक लटका रहता है। इनके सिर खुले रहते हैं। स्त्रियाँ चमड़े या छाल के जूतों का प्रयोग करती हैं। स्त्रियों के वस्त्र का मुख्य भाग एक चोगा होता है जिसे ‘कारोस’ कहा जाता है। यह चोगा वस्त्र एवं होल्ड दोनों के काम आता है। इस कारोस द्वारा स्त्रियाँ भोजन की सामग्री और नवजात शिशुओं को लपेटे रहती है। बुशमैन के कुछ दल चमड़े की टोपी और जूते भी पहनते हैं।

भोजन-संग्रह:-

         प्रायः सभी आदिवासियों की तरह बुशमैनों को भी अपना अधिकांश समय भोजन-संग्रह में ही लगाना पड़ता है। प्रत्येक परिवार को अपना भोजन स्वयं संग्रह करना पड़ता है। स्त्रियाँ कन्दमूल, मेढक, छिपकली, गोह और कछुवों आदि का संग्रह करती हैं। पुरुष बड़े पशुओं का शिकार करते हैं। इस कार्य के लिए उन्हें नित्य बाहर जाना पड़ता है। वे लोग या तो अकेले जाते हैं या कभी-कभी अपने सम्बन्धी अथवा पुत्र को साथ ले जाते हैं जिसे शिकार की शिक्षा देनी होती है।

               ये लोग शिकार में पालतू कुत्तों की भी सहायता लेते हैं। शिकार प्रायः तीर-कमान से किया जाता है। इनके तीर विष बुझे होते हैं। विष या तो साँपों की विषैली थैली से निकालते हैं या विषैले वृक्षों के रस से प्राप्त करते हैं। इसी विष में तीरों को डूबोकर उन्हें विषैला बनाते हैं, लेकिन यह विष इतना तीव्र नहीं होता है कि किसी पशु के बाण लगते ही वह तुरन्त मर जाय। इसका परिणाम यह होता है कि शिकार के घायल हो जाने के बाद बुशमैन को शिकार का मीलों पीछा करना पड़ता है।

           बुशमैनों में जो व्यक्ति खाद्य सामग्री के स्रोतों का पता लगा लेता है, उन पर उसका विशेषाधिकार हो जाता है। बुशमैनों के लिए पानी की समस्या प्रायः बनी रहती है। पानी लेने के लिए उन लोगों को डेरे से प्रायः मीलों दूर जाना पड़ता है। पानी लाने का कार्य प्रायः औरतें करती हैं।

बुशमैनों का शिल्प:

          बुशमैन शिल्प और कला-कौशल की दृष्टि से बहुत ही सामान्य स्तर पर होते हैं। उनके क्षेत्र में जो साधन उपलब्ध हैं, उनका भी वे समुचित उपयोग नहीं जानते हैं। उनके हथियार और औजार मुख्य रूप से लकड़ी के बने होते हैं। लकड़ी से धनुष, भाले, आग जलाने की अरणी बनाते हैं। घास की रस्सियाँ बनाना भी जानते हैं।

             जब पानी का अभाव हो जाता है और पानी जमीन से निकालना होता है, तो वे नर कुल की पीली नली के एक सिरे पर काफी घास बाँध देते हैं और इस घास वाले हिस्से को ऐसी जमीन में घुसा देते हैं, जहाँ पानी मिलने की सम्भावना होती है, जिससे नीची सतह का पानी घास में (फिल्टर) साफ होकर मुँह में आता है।

बुशमैनों का सामुदायिक संगठन-

            बुशमैन छोटे-छोटे सामाजिक समूहों में रहते हैं। प्रत्येक समूह में 20 से लेकर 100 तक व्यक्ति हो सकते हैं। ये लोग रक्त से सम्बन्धित होते हैं। एक समूह का अपना क्षेत्र निर्धारित होता है। इसी के अन्तर्गत वह अपना शिकार करता है। किसी समूह का व्यक्ति दूसरे समूह के क्षेत्र में शिकार करने नहीं जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति पहुँच जाता है, तो दूसरे समूह के व्यक्ति उस पर आक्रमण करते हैं।

             यदि कभी कोई घायल शिकार दूसरे के क्षेत्र में पहुँच जाय तो शिकारी को इस बात की सूचना दूसरे समूह के सदस्यों को देनी होती है और उसे शिकार से उन लोगों को हिस्सा भी देना पड़ता है। कई समूह परस्पर बहुत कम मिलते हैं। जब जाड़े के दिनों में शिकार बहुत मिलता है, तब दो या तीन समूह मिलकर सामूहिक रूप से कभी-कभी शिकार करते हैं।

               एक समूह के व्यक्ति की शादी दूसरे समूह में हो सकती है और वह व्यक्ति अपने बच्चों और स्त्री को लेकर अपने सास-ससुर से मिलने कुछ दिन के लिए जा सकता है। वस्तुओं की अदला-बदली के लिए भी कभी-कभी एक समूह के व्यक्ति दूसरे समूह में जा सकते हैं।

बुशमैनों का राजनीतिक संगठन:-

              बुशमैनों का कोई राजनीतिक संगठन नहीं होता, और न राजनीतिक इकाई होती है। उनका न कोई शासन होता है, और न कोई शासन करने वाला। इस प्रकार बुशमैन कला, व्यवसाय, राजनीति और संस्कृति की दृष्टि से पर्याप्त पिछड़े हुए लोग हैं। लेकिन इसके लिए इनकी भौगालिक परिस्थितियाँ ही उत्तरदायी हैं। इन्हें ऐसी विषम परिस्थितियों में रहना पड़ता है, जिनमें इनका सारा समय और शक्ति केवल भोजन-संग्रह में ही नष्ट हो जाती है और अन्य किसी कार्य के लिए अवसर ही नहीं मिल पाता है।

प्रश्न प्रारूप

 1. बुशमैन जाति के निवास क्षेत्र, अर्थव्यवस्था तथा सामाजिक जीवन का विवरण दीजिए। 

अथवा, बुशमैन की शारीरिक तथा सामाजिक-आर्थिक विशेषताओं का वर्णन करें।

अथवा, बुशमैन के जीवन शैली का वर्णन कीजिए।

Tagged:
I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

error:
Home