अध्याय-5 बिन पानी सब सून
बिहार बोर्ड वर्ग-7 वाँ भूगोल प्रश्नोत्तर
अध्याय-5 बिन पानी सब सून
अध्याय-5 बिन पानी सब सून
अभ्यास के प्रश्नोत्तर
i. सही विकल्प पर सही (✓) का निशान लगाएँ-
1. पृथ्वी पर जलमंडल का हिस्सा है:
(क) 51
(ख) 41
(ग) 71
(घ) 29
उत्तर- (ग) 71
2. मुम्बई किस सागर के किनारे स्थित है:
(क) हिन्द महासागर
(ख) अरब सागर
(ग) आकर्टिक महासागर
(घ) फतेह सागर
उत्तर- (ख) अरब सागर
3. चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण से जल ऊँचाई की ओर बढ़ता है। यह स्थिति कहलाती है:
(क) भाटा
(ख) ज्वार
(ग) ग्रहण
(घ) तरंगे
उत्तर- (ख) ज्वार
4. इनमें से कौन झील है:
(क) काला सागर
(ख) लाल सागर
(ग) फतेह सागर
(घ) अरब सागर
उत्तर- (ग) फतेह सागर
ii. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
1. पानी के कौन-कौन से स्रोत हैं? सबसे बड़ा स्रोत कौन-सा है? उसका उपयोग क्या है?
उत्तर- पानी के निम्नलिखित स्रोत हैं:-
⇒ भूमि के अन्दर का जल जिसे हम कुआँ या हैण्ड पम्प द्वारा प्राप्त करते हैं
⇒ वर्षा से प्राप्त जल
⇒ नदियाँ
⇒ पहाड़ों पर के बर्फ, जो गल कर पानी बनते हैं और नदियों में पहुँच जाते हैं।
⇒ तालाब
⇒ झरना
⇒ समुद्र।
पानी का सबसे बड़ा स्रोत समुद्र है। इसका उपयोग है कि उसमें बड़े-बड़े जहाज चलाकर उससे देश-विदेश से व्यापारिक सामान मंगाया और भेजा जाता है। समुद्र के जल से नमक बनाते हैं। समुद्र जल में मछलियाँ मिलती हैं, जो मछुआरों को रोजगार और मांसाहारियों को भोजन देती हैं। समुद्र में शंख, सीपी, कौड़ी आदि-आदि अनेक सामान मिलते हैं। सीपी से मोती मिलता है। मूंगा भी समुद्र से ही मिलता है।
2. जमीन के नीचे का जल स्तर दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है। इसे बनाये रखने के लिये आप क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तर- जमीन के नीचे जलस्तर को बनाये रखने के लिए हम गाँव के आस-पास तालाब और गड्ढा बनाएँगे। उसमें एकत्र जल में मछली पालन करेंगे और जरूरत के अनुसार सिंचाई भी करेंगे। इसी का पानी रिस-रिस कर जमीन में जाता रहेगा और नीचे का जल-स्तर बना रहेगा।
वर्षा जल को एकत्र कर पाइपों के सहारे जमीन के अन्दर तक भेजा जा सकता है। इससे जलस्तर बना रहेगा। लेकिन यह काम सबको करना होगा।
3. आप अपने दैनिक जीवन में जल का कहाँ-कहाँ एवं कितना उपयोग करते हैं? सूची बनाइए। इनमें कहाँ-कहाँ मितव्ययिता बरतकर इस उपयोग को कम कर सकते हैं?
उत्तर- अपने दैनिक जीवन में जल के उपयोग का सूची-
⇒ सबेरे शौच में- 7 लीटर
⇒ स्नान में- 15 लीटर
⇒ कपड़ा साफ करने में- 30 लीटर
⇒ पीने में- 6 लीटर
⇒ संध्या शौच में- 7 लीटर
इनमें से हम नहाने, कपड़ा साफ करने में कुछ बचत कर सकते हैं। इस सभी पानी को बेकार नहीं जाने देंगे। इसको किसी बर्तन में एकत्र कर उससे फुलवारी की सिंचाई करेंगे, या घर की धुलाई करेंगे।
4. पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 40 पर दिये गये चित्रों में से कौन-कौन सी आदत सही और कौन-कौन सही आदत गलत है और क्यों?
उत्तर- चित्र में लड़का बाल्टी में पानी निकाल कर नहा रहा है। यह अच्छी आदत है क्योंकि इससे पानी की बर्बादी नहीं होती।
दूसरे चित्र में नल को खोल कर छोड़ दिया गया है। बाल्टी में पारी भर कर बेकार बह रहा है। यह आदत गलत है, क्योंकि पानी की बर्बादी हो रही है।
तीसरे चित्र में लड़का नल को खोल कर ब्रश कर रहा है और पानी बेकार गिरा रहा है। यह आदत गलत है, क्योंकि पानी बर्बाद हो रहा है।
नीचे चौथे चित्र और पाँचवें चित्र में भी लड़का बाल्टी में पानी लेकर नहा रहा है और एक लड़का लोटा में पानी लेकर दातून कर रहा है। ये दोनों आदतें अच्छी हैं, क्योंकि इन दोनों प्रक्रमों में पानी की बचत हो रही है।
5. यदि आपके घर में दो दिनों तक पानी न रहे तो सोचिये और सूची बनाइए कि आपको क्या-क्या परेशानियाँ होंगी?
उत्तर- सबसे पहले तो मुझे शौच की परेशानी होगी। उन दोनों दिन हम नहा भी नहीं पाएंगे। भोजन बनाने के लिए कहीं दूर कुएँ या हैंडपंप से पानी लाना पड़ेगा। उसी पानी से बरतन भी साफ किया जायेगा। कुल मिला-जुलाकर काफी कठिनाई होगी।
6. जल के वितरण को स्पष्ट कीजिए। जल का संरक्षण आवश्यक है, कैसे और क्यों?
उत्तर- पृथ्वी पर जल विचित्र रूप में वितरीत है। लगभग 71% जल तो समुद्र अपने गर्भ में रखे हुए है। यह जल न तो कृषि के काम आता है और न ही पीने के। पीने योग्य जल केवल छत्रक, पहाड़ों पर के बर्फ, भूमिगत जल, झील, नदियाँ, वायुमंडल के जल से कृषि कार्य तो होता ही है, पीने के काम भी आता है।
ये ही जल मानवोपयोगी हैं। लेकिन इनका दोहन आसान नहीं। भूमिगत जल को कुआं खोद कर या हैंड पंप धंसा कर पानी निकालते हैं। वायुमंडल के जल के लिये बादल बनने, फिर वर्षा होने तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। छत्रक और पहाड़ों पर के बर्फ गर्मी आने पर ही गलते हैं और नदियों के माध्यम से हम तक पहुँचते हैं।
नदियाँ भी हर गाँव में नहीं होती और उनसे भी जल निकालकर हर गाँव तक पहुँचाना एक कठिन कार्य है। सबसे आसानी से प्राप्त होनेवाला जल भूमि के अन्दर का जल है। तालाब का जल भी उपयोग करना आसान होता है। अतः हमें इन्हीं जलों को संरक्षित करना चाहिए। भूमि के अन्दर जल की कमी न होने पाये या फिर बढ़ता जाय इसके लिए वर्षा जल को किसी तरकीब से भूमि के अन्दर तक पहुंचा दिया जाय।
छत पर के वर्षा जल को पाइपों के सहारे भूमि के जल स्तर तक पहुँचा सकते हैं या तालाब और गड्ढों में जल एकत्र करेंगे जो धीरे-धीरे रीस-रीस कर भूमि के अन्दर जाते हैं। यदि जल एक बार समाप्त हो जाय तो बहुत-बहुत दिनों तक प्रतीक्षा के बाद जल प्राप्त होता है। इसी कारण जल का संरक्षण आवश्यक है।
7. प्रमुख महासागरों के नाम विश्व के नक्शे पर दर्शाइए।
उत्तर- विश्व में मुख्यतः चार महासागर हैं:
(क) हिन्द महासागर
(ख) प्रशान्त महासागर
(ग) अटलांटिक महासागर तथा
(घ) आर्कटिक महासागर
8. भारत में मीठे पानी की झीलें कहाँ-कहाँ हैं? पता कीजिए कि ये किस राज्य में अवस्थित हैं?
उत्तर- भारत में मीठे पानी की झीलें निम्नलिखित हैं:
(क) डल झील– श्रीनगर (जम्मू कश्मीर)
(ख) नैनी झील– नैनीताल (उत्तराखंड)
(ग) काँवर झील– बेगूसराय (बिहार)
(घ) बरैला झील– वैशाली (बिहार)
इसके अलावा बुलर झील, पिछोला झील, लूनर झील, कोलरू झील, फतेह सागर झील आदि मीठे पानी की झीलें हैं।
9. ज्वार-भाटा क्या है? ये किस प्रकार उत्पन्न होते हैं?
उत्तर- समुद्र का पानी जब ऊपर उठे और तटवर्ती भूमि को डूबो दे तो इसे ज्वार कहते हैं। फिर यह समुद्र जल कम होकर पीछे लौट जाय तब इसे भाटा कहते हैं। यह प्रतिदिन होता है। पहले ज्वार उठता है और बाद में भाटा होता है।
सूर्य और चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण महीना में दो बार ज्वार-भाटा आता जाता है। अर्द्ध मासिक ज्वार ऊँचा होता है, जिसके बल पर बड़े-बड़े जहाज आंतरिक पत्तनों तक पहुँच जाते हैं। फिर वह भाटा के समय लौटकर समुद्र में चले जाते हैं।
10. जल-चक्र किसे कहते हैं?
उत्तर- जल-चक्र क्रिया हमारे वायुमंडल एवं पृथ्वी तंत्र की महत्वपूर्ण विशेषता है। पृथ्वी पर अवस्थित जल का वाष्प बनना, वाष्प से बादल बनना और पुन: वर्षा के रूप में बरसकर पृथ्वी पर पहुँचकर जल बनना आदि क्रिया को जल-चक्र कहते हैं। जल-चक्र का प्रक्रम सदैव चलते रहता है।
11. समुद्र के जल में तैरना मुश्किल है। क्यों?
उत्तर- समुद्र के जल में हमेशा तरंगे उठती और गिरती रहती हैं। ऐसी स्थिति में तैराक अपने को सम्भाल नहीं पाता। अपने को संभालने की कोशिश में वह थक जाता है और कभी-कभी इसमें डूब भी जाता है। इसीलिये कहा गया है कि समुद्र के जल में तैरना मुश्किल है।
12. समुद्र का जल खारा होता है। क्यों?
उत्तर- समुद्र का जल इसलिए खारा होता है, क्योंकि इसके एक लीटर पानी में 35 ग्राम नमक होता है। इसी कारण यह पानी पीने के काम नहीं आता। इसमें नमक की मात्रा बढ़ने का कारण है कि नदियाँ इसमें विभिन्न पदार्थों को पहुँचाते रहती हैं, जिनमें कि नमक भी होता है। इधर समुद्र में वाष्पीकरण बराबर होते रहता है। इस कारण पानी तो उड़ जाता है और नमक एकत्र होते रहता है। यह प्रक्रम लाखों-लाख वर्ष से हो रहा है। फलतः समुद्र में पर्याप्त नमक एकत्र हो गया है।
13. भूगर्भीय जलस्तर में कमी आ रही है। क्यों?
उत्तर- विभिन्न कल-कारखानों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। इन कारखानों में जल की खपत बढ़ती जा रही है। नगरों में पाइपों द्वारा जल का वितरण होता है। लापरवाही से नल को खुला छोड़ देते हैं। जहाँ एक लीटर जल का उपयोग करते हैं, वहीं 10 लीटर बेकार बहा देते हैं। पहले जहाँ एक लोटा जल से शौच कर्म पूरा हो जाता था, वहीं अब फ्लश के कारण 5 से 10 लीटर तक जल खर्च करना पड़ता है। इधर भूगर्भीय जल का उपयोग तो बढ़ा लेकिन भू-गर्भीय जल के स्तर को बचाये रखने या ऊपर करने का प्रयत्न नहीं हुआ। यही कारण हैं कि भूगर्भीय जल में कमी आ रही है।
14. वाटर हार्वेस्टिंग कैसे करेंगे?
उत्तर- वर्षा के पानी को एकत्र कर किसी प्रक्रम द्वारा जमीन के अन्दर पहुँचाकर हम ‘वाटर हार्वेस्टिंग’ कर सकते हैं। वर्षा जल को छतों पर एकत्र कर पाइपों के सहारे जमीन में जलस्तर तक पहुँचाया जा सकता है। गाँवों में गड्ढा, तालाब आदि खोद कर उसमें वर्षा जल एकत्र करेंगे। इससे धीरे-धीरे रिसकर पानी जलस्तर तक पहुँचता रहेगा।
15. आप फुटबॉल के खिलाड़ी हैं, क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर कहते हैं कि पानी बचाइए। क्या आप उनकी बात मानेंगे और क्यों?
उत्तर- हाँ, हम मानेंगे, क्योंकि यह सबके हित की बात है।
16. ज्वार-भाटा से क्या-क्या लाभ और नुकसान हैं। सूची बनाकर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
ज्वार-भाटा से लाभ-
⇒ मछलियाँ तट के निकट आ जाता है।
⇒ शंख सोपी, कौड़ियां तट के निकट आ जाता है।
⇒ आंतरिक पत्तनों तक जहाज आ जाता है।
ज्वार-भाटा से नुकसान-
⇒ लोगों के सामान बहा ले जाती हैं।
⇒ आर्थिक नुकसान की आशंका मिलती हैं।
⇒ कभी-कभी अनजान लोग बह जाते हैं आ जाते हैं।
17. पानी के उपयोग से संबंधित अच्छी आदतों संबंधी अखबार को इकट्ठा कीजिए और स्क्रैप बक बनाकर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
- अध्याय-1 पृथ्वी के अन्दर ताँक-झाँक
- अध्याय-2 चट्टान एवं खनिज
- अध्याय -3 आंतरिक बल एवं उससे बनने वाली भू-आकृतियाँ
- अध्याय- 4 वायुमंडल एवं इसका संघटन
- अध्याय- 5 बिन पानी सब सून
- अध्याय- 6 हमारा पर्यावरण
- अध्याय- 7 जीवन का आधार : पर्यावरण
- अध्याय- 8 मानव पर्यावरण अंतः क्रिया : लद्दाख प्रदेश में जन-जीवन
- अध्याय- 9 मानव पर्यावरण अंतः क्रिया : थार प्रदेश में जन-जीवन
- अध्याय-10 मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : अपना प्रदेश बिहार
- अध्याय-11 मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : तटीय प्रदेश केरल में जन- जीवन
- अध्याय-12 मौसम और जलवायु
- अध्याय-13 मौसम सम्बन्धी उपकरण