अध्याय-1 पृथ्वी के अन्दर ताँक-झाँक
बिहार बोर्ड वर्ग-7 वाँ भूगोल प्रश्नोत्तर
अध्याय-1 पृथ्वी के अन्दर ताँक-झाँक
अध्याय-1 पृथ्वी के अन्दर ताँक-झाँक
i. सही विकल्प को चुनें।
1. निफे में होता है-
(क) सिलिका
(ख) मैग्नेशियम
(ग) लोहा
(घ) सोना
उत्तर- (ग) लोहा
2. भू-पर्पटी में ऊपरी हिस्सा कहलाता है-
(क) सियाल
(ख) सीमा
(ग) परत
(घ) मेंटल
उत्तर- (क) सियाल
3. क्रोड है।
(क) पृथ्वी की ऊपरी परत
(ख) पृथ्वी की निचली परत
(ग) खनिज तेल
(घ) ठोस पदार्थ
उत्तर- (ख) पृथ्वी की निचली परत
ii. खाली जगहों को भरिए।
1. भू-पर्पटी को सियाल/भू-पटल भी कहा जाता है।
2. पृथ्वी के अन्दर प्रति 32 मीटर की गहारई पर तापमान 1°C बढ़ जाता है।
3. पृथ्वी के बीच की परत को सीमा/मेंटल कहा जाता है।
iii. मिलान कीजिए:
उत्तर-
1. भू-पर्पटी– खनिज पदार्थ
2. सीमा– सिलिका और मैग्नेशियम
3. सियाल– सिलिका और एल्यूमिनियम
4. निफे– पदार्थ की गाढ़ी अवस्था
iv. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
1. पृथ्वी की तीनों परतों के नाम लिखिए।
उत्तर- पृथ्वी की तीनों परतों के नाम निम्नलिखित हैं:
(क) भूपर्पटी (Sial)
(ख) मेंटल (Sima) तथा
(ग) क्रोड (Nife)
2. पृथ्वी की कौन-सी परत पिघली अवस्था में रहती है? और क्यों?
उत्तर- पृथ्वी की सबसे निचली परत अर्थात क्रोड पिघली अवस्था में रहती है। इसकी पिघली अवस्था में रहने का कारण है कि यहाँ अत्यधिक ताप तथा भारी दाब रहता है। अत्यधिक ताप तथा भारी दाब के कारण इस भाग में पाई जाने वाली वस्तुएँ (निकेल तथा लोहा) पिघल जाती हैं और तरल अवस्था में बहती रहती है।
3. पृथ्वी की सबसे निचली परत में कौन-से तत्व अधिकता में पाये जाते हैं?
उत्तर- पृथ्वी की सबसे निचली परत में निकेल (Ni) तथा लोहा (Fe) तत्व अधिकता में पाये जाते हैं। लेकिन ये तत्व वहाँ ठोस अवस्था में नहीं, बल्कि तरल अवस्था में बहते रहते हैं। यह अवस्था पृथ्वी के अन्दर का ताप तथा भारी दाब के कारण हैं।
4. पाठ के आधार पर बताइए कि पृथ्वी को रत्नगर्भा क्यों कहा जाता है?
उत्तर- पृथ्वी को रत्नगर्भा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके अन्दर सोना से लेकर कोयला तथा हीरा तक बहुमूल्य खनिज पाये जाते हैं। पृथ्वी के गर्भ में खनिज तेल (किरासन, पेट्रोल, रसोई गैस), चाँदी, ताँबा, जस्ता लोहा आदि जितने बहुमूल्य खनिज हैं सब पृथ्वी के अन्दर से ही निकलते हैं। यहाँ तक कि हमारे पीने का पानी भी पृथ्वी में से या पर से ही मिलता है। इसी कारण से पृथ्वी को रत्नगर्भा कहा जाता है।
5. पृथ्वी की गहराई में जाने पर गर्मी क्यों महसूस होती है?
उत्तर- पृथ्वी की गहराई में जाने पर गर्मी इसलिये महसूस होती है क्योंकि वहाँ अत्यधिक दाब रहता है। जैसे-जैसे पृथ्वी की गहराई में जाते हैं, वैसे-वैसे दाब बढ़ता जाता है। इसी दाब के कारण ताप बढ़ता जाता है और हमें गर्मी महसूस होती है।
- अध्याय-1 पृथ्वी के अन्दर ताँक-झाँक
- अध्याय-2 चट्टान एवं खनिज
- अध्याय -3 आंतरिक बल एवं उससे बनने वाली भू-आकृतियाँ
- अध्याय- 4 वायुमंडल एवं इसका संघटन
- अध्याय- 5 बिन पानी सब सून
- अध्याय- 6 हमारा पर्यावरण
- अध्याय- 7 जीवन का आधार : पर्यावरण
- अध्याय- 8 मानव पर्यावरण अंतः क्रिया : लद्दाख प्रदेश में जन-जीवन
- अध्याय- 9 मानव पर्यावरण अंतः क्रिया : थार प्रदेश में जन-जीवन
- अध्याय-10 मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : अपना प्रदेश बिहार
- अध्याय-11 मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : तटीय प्रदेश केरल में जन- जीवन
- अध्याय-12 मौसम और जलवायु
- अध्याय-13 मौसम सम्बन्धी उपकरण