बिहार : (ग) जनसंख्या एवं नगरीकरण / BSEB CLASS-10 Geography Solutions खण्ड (क) इकाई-5.
इकाई-5. बिहार : (ग) जनसंख्या एवं नगरीकरण
जनसंख्या एवं नगरीकरण
प्रश्न 1. बिहार के अत्यधिक घनत्व वाले जिले का नाम लिखिए।
उत्तर – बिहार के अत्यधिक घनत्व वाले जिले का नाम- पटना, दरभंगा, वैशाली, बेगूसराय, सीतामढ़ी, सारण एवं सीवान।
प्रश्न 2. बिहार में अत्यन्त कम घनत्व वाले जिले कौन-कौन हैं।
उत्तर- बिहार में अत्यन्त कम घनत्व वाले जिले- पश्चिमी चम्पारण, बाँका, जमुई और कैमूर।
प्रश्न 3. बिहार की जनसंख्या आकार को बताइए।
उत्तर – बिहार की जनसंख्या वितरण सभी जगह समान रूप से नहीं है। कहीं पर जनसंख्या बहुत अधिक है तो कहीं पर बहुत ही कम । इसका मुख्य कारण यहाँ की आर्थिक, सामाजिक परिवेश और भौतिक विविधता है । जहाँ भी धरातल समतल जलोढ़ एवं मैदानी है वहाँ घनी आबादी है। जहाँ कृषि कार्य, प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है वहाँ जनसंख्या अधिक है। पटना, नालंदा, मुजफ्फरपुर और भोजपुर जिलों में इन्हीं कारणों से जनसंख्या अधिक है।
प्रश्न 5. मध्ययुग में बिहार में नगरों का विकास किस प्रकार हुआ?
उत्तर- मध्यकाल में नगरों का विकास एवं सड़कों के विकास प्रशासनिक कारणों से हुआ था। ऐसे नगरों में सासाराम, दरभंगा, पूर्णिया, छपरा, सिवान आदि हैं।
प्रश्न 6. दो प्राचीन एवं दो आधुनिक नगरों का नाम लिखिए।
यहाँ के विभिन्न जिलों की जनसंख्या घनत्व बहुत ही असमान है। इस आसमान घनत्व के आधार पर बिहार को निम्नलिखिति पाँच वर्गों में बाँट सकते है –
(i)अत्यधिक घनत्व वाले जिले- जिन जिलों का घनत्व 1200 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी० है। इसे इस वर्ग में रखा गया है। पटना, दरभंगा, वैशाली, बेगुसराय, सीतामढ़ी, सारण, सीवान इसके अन्तर्गत हैं। इन जिलों में राज्य की 17.50% भूमिपर 28.17% आबादी रहती है।
(ii) उच्च घनत्व के जिले- इसके अन्तर्गत वे जिले हैं, जहाँ औसत घनत्व 1000-1200 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी. के बीच है। मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज, मधुबनी तथा नालन्दा इस वर्ग में आते हैं। इस समूह में नालन्दा जिला को छोड़कर सभी जिले उत्तरी बिहार में स्थित है।
(iii) मध्यम घनत्व के जिले- इसके अन्तर्गत 1000-800 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. में रहते हैं। पूर्वी चम्पारण, भागलपुर, जहानाबाद, अरवल, भोजपुर, सहरसा, खगड़िया, मधेपुरा, बक्सर और मुंगेर जिले इस वर्ग में सम्मिलित हैं । इन जिलों में राज्य की 24% से अधिक भूमि और राज्य की कुल जनसंख्या की 18% अबादी निवास करती है।
(iv) कम घनत्व जिले- इस वर्ग के अन्तर्गत पूर्णिया, कटिहार, अररिया, नवादा, शेखपुरा, सुपौल, गया, किशनगंज, लक्खीसराय, रोहतास और औरंगाबाद जिले आते हैं । इसमें औसत 600-800 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी० निवास करते हैं । इन जिलों की लगभग 30% भूमि पर 26% अबादी निवास करती है।
(v) अत्यंत कम घनत्व वाले जिले- इस वर्ग में वे जिले आते हैं जिनकी अबादी 600 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी. से कम है। इस वर्ग के अन्तर्गत पश्चिमी चम्पारण, बाँका, जमुई और कैमूर जिला आते हैं। जिनका घनत्व 382 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी. है। इन जिलों में राज्य की भूमि का 14.58 % एवं कुल जनसंख्या का 9% आबादी निवास करती है।
प्रश्न 2.बिहार में नगर विकास पर एक विश्लेषण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर – बिहार में नगरों के विकास का इतिहास बहुत पुराना है। यहाँ के अधिकतर प्रमुख नगर किसी न किसी नदी के तट पर विकसित है। यहाँ के प्राचीन नगरों का विकास राजधानी, शिक्षा, धार्मिक एवं व्यापारिक केंद्र के रूप में हुआ है। इनमें पाटलिपुत्र, नालन्दा, राजगीर, गया, वैशाली, बोधगया उदवेतपुरी, सीतामढ़ी आदि प्राचीन नगरों के उदाहरण हैं।
मध्यकाल में भी यहाँ नगरों का विकास सड़कों के विकास एवं प्रशासनिक कारणो से हुआ था। ऐसे नगरों में, सासाराम, दरभंगा, पूर्णिया, छपरा, सिवान आदि आते हैं। अंग्रेजों के समय में बिहार में कुछ बदलाव आया रेल और सड़क मार्गों का विकास हुआ जिसके किनारे नगर विकसित होने लगे।
आजादी के बाद यहाँ नगरों के विकास में तेजी आयी, राज्यों में औद्योगिक विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जीवन की मौलिक सुविधाओं के कारण कई नए नगर भी विकसित हुए। इनमें बरौनी, हाजीपुर, दानापुर, डालमिया नगर, मुंगेर, जमालपुर कटिहार आदि हैं।
किन्तु आज के बिहार में नगरों का विकास भारत के बड़े राज्यों की तुलना में बहुत ही कम हुआ है । यह सबसे कम शहरीकृत राज्य है । वर्तमान में बिहार में 1 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की संख्या मात्र 19 है। 10 लाख से ऊपर आबादी वाले महानगर में केवल पटना नगर है। 2001 की जनगणना के अनुसार कुल नगरीय बस्तियों की संख्या 131 है।
बिहार के नगरों का कार्यात्मक स्वरूप इनकी उत्पत्ति से सम्बंधित है। यहाँ के पुराने नगर प्रशासन तथा व्यापार से जुड़े हो परन्तु आधुनिक नगर उद्योग, यातायात, व्यापार एवं शिक्षा से सम्बन्धित है। यहाँ के लगभग सभी जिला मुख्यालय शुरू से ही प्रशासनिक कार्य के साथ-साथ थोक व्यवसाय, शिक्षा तथा स्वास्थ्य जैसे नगरियो कार्यों से विकसित है । बिहार में कुछ चुने हुए नगरों में ही औद्यौगिक इकाइयाँ स्थापित हैं। इनमें मुंगेर, बरौनी, जमालपुर, कटिहार प्रमुख हैं।
बिहार विभाजन से पूर्व टाटानगर इस राज्य का मात्र नियोजित नगर था, जमशेदजी टाटा ने केवल बिहार को बल्कि भारत को आधुनिक नगर नियोजन से सर्वप्रथम परिचय कराया। किन्तु विभाजन के उपरांत बिहार में एक भी नियोजित नगर विकसित नहीं है । बिहार की राजधानी पटना भी आंशिक रूप से विकसित है। बिहार के अधिकतर नगर अनियोजित एवं अव्यवस्थित हैं।
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