BSEB CLASS 10
बिहार बोर्ड वर्ग-10वाँ Geography Solutions
खण्ड (क)
इकाई-5. बिहार : (क) खनिज एवं ऊर्जा संसाधन
खनिज एवं ऊर्जा संसाधन
वस्तुनिष्ट प्रश्नोत्तर
1. बिहार में खनिज तेल मिलने की संभावनाएँ है:-
(a) हिमालय क्षेत्र में
(b) दक्षिण बिहार के मैदान में
(c) दक्षिण बिहार के पहाड़ी क्षेत्र में
(d) गंगा के द्रोणी में
उत्तर- (d) गंगा के द्रोणी में
2. चुना पत्थर का उपयोग मुख्य रूप से किस उद्योग में होता है?
(a) सीमेंट उद्योग
(b) लोहा उद्योग
(c) शीशा उद्योग
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (a) सीमेंट उद्योग
3. पाइराइट खनिज है-
(a) धात्विक
(b) अधात्विक
(c) परमाणु
(d) ईंधन
उत्तर- (b) अधात्विक
4. बिहार के सोना अयस्क से प्रतिटन शुद्ध सोना प्रलत होता है-
(a) 05 से 06 ग्राम
(b) 0.1 से 0.6 ग्राम
(c) 00.00 से 0.1 ग्राम
(d) 0.001 से 0.003 ग्राम
उत्तर- (b) 0.1 से 0.6 ग्राम
5. कहलगाँव तापीय विद्युत परियोजना किस ज़िला में अवस्थित है?
(a) भागलपुर
(b) मुंगेर
(c) जमुई
(d) साहेबगंज
उत्तर- (a) भागलपुर
6. कांटी तापीय विद्युत परियोजना किस जिले में स्थापित है?
(a) पूर्णिया
(b) सिवान
(c) मुज़फ्फरपुर
(d) पूर्वी चंपारण
उत्तर- (c) मुजफ्फरपुर
7. बिहार में बी०एच०पी०सी० द्वारा वृहत्त परियोजनाओं की संख्या कितनी है?
(a) 3
(b) 10
(c) 5
(d) 7
उत्तर- (b) 10
8. बिहार में कार्यरत जल-विद्युत परियोजनाओं की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता कितनी है?
(a) 35.60 मेगावाट
(b) 44.20 मेगावाट
(c) 50.69 मेगावाट
(d) 30 मेगावाट
उत्तर- N/A (b) 44.20 मेगावाट
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर:
प्रश्न 1.अभ्रक कहाँ मिलता है? इसका क्या उपयोग है?
उत्तर- बिहार में अभ्रक का भंडार झारखण्ड के संलग्न क्षेत्रों नवादा, जमुई और बाँका जिलों में है। यहाँ मस्कोव्हाइट अभ्रक पाया जाता है।
अभ्रक का उपयोग निम्नलिखित रूपों में किया जाता है-
(i) इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में
(ii) आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में
(iii) विद्युत उपकरण बनाने में
(iv) सजावटी सामानों के निर्माण में
प्रश्न 2. बिहार में ग्रेफाइट एवं यूरेनियम के वितरण को लिखिए।
उत्तर- ग्रेफाइट का वितरण- बिहार में ग्रेफाइट मुंगेर एवं रोहतास जिले में मिलता है।
यूरेनियम का वितरण- बिहार में यूरेनियम गया जिले के सुईगार के निकट अखबारी पहाड़ी के अलावे जहानाबाद, अरवल, मुंगेर, जमुई, तथा भागलपुर जिलों में नगण्य मात्रा में मिलता है।
प्रश्न 3. बिहार में तापीय विद्युत केन्द्रों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- परम्परागत ऊर्जा स्रोतों में बिहार में कई तापीय विद्युत केन्द्र हैं। जैसे- कहलगांव, कांटी और बरौनी तापीय विद्युत केन्द्र प्रमुख है। इन परियोजनाओं के अतिरिक्त बाढ़ और नवीनगर तापीय विद्युत परियोजना हैं।
प्रश्न 4.सोन नदी घाटी परियोजना से उत्पादित जल विद्युत का वर्णन करें।
उत्तर- सोन नदी घाटी परियोजना के पश्चिमी नहर एवं पूर्वी नहर से क्रमशः 6.6 तथा 3.3 मेगावाट पनबिजली का उत्पादन हो रहा है।
प्रश्न 5.बिहार में जल विद्युत के विकास पर प्रकाश डालें।
उत्तर- बिहार में जल विद्युत के विकास के लिए बिहार राज्य जल विद्युत निगम की स्थापना 1982 में की गयी। बिहार में इसकी विकास की संभावनाएं हैं जिन पर तेजी से काम हो रहा है। कैमूर एवं औरंगाबाद जिलों में BHPC के अधीन कई प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसके अतिरिक्त कई निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाएं भी हैं। जैसे कलेर (अरवल) अगनूर बगहा (प. चम्पारण, ओगरा(औरंगाबाद), तेजपुर डेहरी(रोहतास) का डेलबाग, नासरीगंज (रोहतास), नोखा (रोहतास) का जयनगर इत्यादि जल विद्युत परियोजनाएं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर :
प्रश्न 1.बिहार में पाए जाने वाले खनिजों को वर्गीकृत कर किसी एक वर्ग के खनिज का वितरण एवं उपयोगिता को लिखिए।
उत्तर- बिहार में पाए जाने वाले खनिजों को निम्नांकित वर्गों में रखा जा सकता है:-
- धात्विक खनिज- इसके अन्तर्गत बॉक्साइट, मैग्नेटाइट और सोना अयस्क आते हैं।
- अधात्विक खनिज- इसके अन्तर्गत चूनापत्थर, अभ्रक, डोलोमाइट, सिलिका सैंड, पाइराइट, क्वार्ट्स, फेल्सपार, चीनी मिट्टी, स्लेट एवं शोरा इत्यादि आते हैं।
धात्विक खनिज –
बॉक्साइट का भंडार बिहार में 1.5 हजार मीट्रिक टन है। यह गया, जमुई और बांका जिले में मिलता है। मैग्नेटाइट पत्थर का कुल भण्डार 0.59 हजार मीट्रिक टन है। यह बिहार के पहाड़ी क्षेत्र में मिलता है।
सोना अयस्क यहाँ बहुत अल्प मात्रा में दक्षिणी बिहार की नदियों के बालू की रेत के साथ मिलता है जिसमें सोना धातु की मात्रा 0.1 से 0.6 ग्राम प्रतिटन प्राप्त होता है। सोना अयस्क का कुल भंडार 128.88 मीट्रिक टन है। बिहार में इसका वाणिज्यिक उत्पादन नहीं है।
प्रश्न 2. बिहार के प्रमुख ऊर्जा स्रोतों का वर्णन कीजिए और किसी एक स्रोत का विस्तार से चर्चा कीजिए।
उत्तर- ऐसे तो बिहार में ऊर्जा का कोई भी स्रोत विकसित नहीं है फिर भी इस क्षेत्र में कुछ इकाई विकसित है भी तो परम्परागत ऊर्जा स्रोतों में तापीय विद्युत केन्द्र है।
बिहार में तापीय विद्युत के मुख्य केन्द्र कहलगाँव, कांटी और बरौनी में स्थित है। कहलगांव की उत्पादन क्षमता 840 मेगावाट है, कांटी की उत्पादन क्षमता 120 मेगावाट और बरौनी की 145 मेगावाट है।
इन परियोजनाओं के अतिरिक्त कुछ प्रस्तावित तापीय परियोजनाएं भी है, इनमें बाढ़ और नवीनगर तापीय विद्युत केन्द्र निर्माणाधीन हैं। यहाँ सोन, गंडक और कोसी तीन प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएं भी हैं जिनसे 44.10 मेगावाट जल विद्युत उत्पन्न हो रहा है। कुछ योजनाएं प्रस्तावित भी हैं।
बिहार में गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों में बायोगैस, सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा की भारी संभावनाएं हैं परन्तु विकसित नहीं है।
बायोगैस गांवों में भोजन बनाने सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये नवीकरणीय ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इस दिशा में लगातार प्रयासरत है और अबतक 1.25 लाख संयंत्र ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए जा चुके हैं।