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BA SEMESTER-IIएशिया का भूगोल

9. एशिया का लौह के उत्पादन एवं वितरण / Distribution and Production of Iron-Ore of Asia

9. एशिया का लौह के उत्पादन एवं वितरण 

(Distribution and Production of Iron-Ore of Asia)


एशिया का लौह के उत्पादन एवं वितरण

एशिया का लौह

              लौह विश्व की एक महत्वपूर्ण खनिज धातु है। यह पृथ्वी के अन्दर चट्टानों में कच्ची धातु के रूप में पाया जाता है जिसे अग्नि भट्टियों में डालकर उपयोगी बनाया जाता है। दैनिक प्रयोग में आने वाली अनेक मशीने, यातायात के साधन-रेल, मोटर, साइकिल, हवाई जहाज, जलयान, हथियार आदि वस्तुओं को तैयार करने के लिये लौह की ही आवश्यकता पड़ती है। लौह अयस्क निम्नलिखित प्रकार का होता है –

(i) हेमेटाइट: इसमें लौह का अंश 75 प्रतिशत तक होता है। यह आसानी से गल जाता है। यह कठोर तथा कम वजन का होता है। 

(ii) मैगनेटाइट: यह हरे भूरे काले रंग का लौह खनिज है। इसमें लोहे का अंश 72 प्रतिशत तक होता है। यह चुम्बक द्वारा सरलता से आकर्षित हो जाता है।

(iii) लिमोनाइट: इसमें लौह अयस्क अंश 60 प्रतिशत तक रहता है। इसकी खुदाई सरलता से हो जाती है। यह पीले व भूरे रंग में मिलता है। 

(iv) साइडेराइट: इसमें लौह अंश 20-30 प्रतिशत तक होता है। यह अशुद्ध मिश्रित लौह धातु है। यह भी भूरे रंग का होता है।

उत्पादन : 

          एशिया में विश्व का लगभग 14 प्रतिशत लौह उत्पन्न होता है। एशिया के प्रमुख लौह उत्पादक देश चीन, सोवियत एशिया, भारत, उत्तरी कोरिया, फिलीपाइन तथा मलेशिया है। जापान, बर्मा, थाइलैंड, टर्की, पाकिस्तान तथा दक्षिण कोरिया भी कुछ लौह का उत्पादन करते हैं।

चीन: चीन में लौह अयस्क के भण्डारों का अनुमान 46 बिलियन टन का है। अधिकांश लोहा उत्तर के कोयला क्षेत्रों के साथ ही निकाला जाता है। विश्व में लौह-अयस्क के उत्पादन में चीन का प्रथम स्थान है। यहाँ विश्व में लोह अयस्क के कुल उत्पादन का 28% होता है। चीन विश्व का अग्रणी लौह-अयस्क उत्पादक देश है। चीन में लौह अयस्क के भण्डार शन्सी कोयला क्षेत्र के पास हेबेई और शान्डोंग में पाया जाता है। हुपेड़ तथा चिनलिंग की खानों से भी लोहा निकाला जाता है। अन्य लोहे की खाने भीतरी मंगोलिया, आन्हेई, लिआओनिंग, चिघाई, आदि राज्यों में मिलती है।

एशिया में लौह उत्पादन

देश     उत्पादन (मिलियन टन)

चीन    – 610.0

भारत  -140.0

कजाखस्तान  -19.20

ईरान   -18.20

मलेशिया  -6.6

भारत: भारत एशिया का प्रमुख लोहा उत्पादक देश है। भारत का लगभग 50% लोहा झारखण्ड की सिंहभूम तथा ओडिशा की मयूरभंज एवं क्योंझर की खानों से प्राप्त होता है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा महाराष्ट्र की खानों से भी लोहा निकाला जाता है। भारत लोहे का निर्यात करता है। यहाँ से निर्यात जापान, चैक, स्लोवाक, जर्मनी, रोमानिया, इटली, पोलैण्ड, बेल्जियम, हंगरी आदि देशों को होता है। 

कजाखस्तान: मध्य एशियाई देशों में कजाखस्तान लौह अयस्क का उल्लेखनीय उत्पादक देश है। यहाँ लौह अयस्क का खनन कारगाण्डा तथा कोस्तानाय क्षेत्रों में होता है। 

ईरान: यहाँ लौह अयस्क का खान रश्त् (गिलान) क्षेत्र में होता है।

जापान: जापान के मुरोरां जिला तथा कैमेशी क्षेत्र की खानों से भी उत्तम प्रकार की लौह धातु प्राप्त की जाती है। कैमेशी में मिलने वाली लौह धातु मैगनेटाइट श्रेणी की है। अन्य खानों में मोथाइशी तथा ओमोरी हैं। 

मलेशिया: मलेशिया संघ के मलाया प्रायद्वीप की जोहोर तथा ट्रैगानू राज्यों की लौह खानों से लोहा निकाला जाता है। ट्रैगानू राज्य की डुंगन तथा बुकिनवेसी लौह खाने प्रसिद्ध हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार  

          आज के इस्पात युग में लोहे का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार अत्यन्त महत्वपूर्ण है। मलाया प्रायद्वीप, उत्तरी कोरिया, भात तथा चीन देश लोहे का निर्यात करते हैं। जापान तथा फिलीपाइन प्रमुख आयात करने वाले देश है।

प्रश्न प्रारूप

1. एशिया में लौह अयस्क के उत्पादन और प्रमुख उत्पादक देशों प संक्षेप में प्रकाश डालें।

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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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