खण्ड (अ) अध्याय 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य प्राणी
बिहार बोर्ड के 9वीं कक्षा का भूगोल विषय का सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर
सरल एवं आसान शब्दों में उत्तर देना सीखें
वस्तुननिष्ठ प्रश्नोत्तर
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
(1) भारत में तापमान चूँकि सर्वत्र पर्याप्त है । अतः तापमान की मात्रा वनस्पति के प्रकार को यहां निर्धारित करती है ।
(2) धरातल पर एक विशिष्ट प्रकार की वनस्पति या प्राणी जीवन वाले पारिस्थितिक तंत्र को जीवोम कहते है ।
(3) मनुष्य भी पारिस्थितिक तंत्र का एक अभिन्न अंग है ।
(4) घड़ियाल मगरमच्छ की एक प्रजाति विश्व में केवल भारत देश में पाया जाता है
(5) देश में जीव मंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र) की कुल संख्या 14 है जिसमें 4 को विश्व के जीव मंडल निचयों में सम्मिलित किया गया है ।
कारण बताओ-
(1) हिमालय के दक्षिणी ढलान पर उत्तरी ढलान की अपेक्षा सघन वन पाए जाते हैं।
उत्तर – हिमालय के उत्तरी ढाल जहाँ बहुत अधिक वर्षा होती है वहाँ अत्यंत सघन वनस्पति एवं सदाबहार वृक्ष पाए जाते हैं। इसके विपरीत हिमालय के दक्षिणी ढलान उत्तरी ढलान की अपेक्षा वृष्टि छाया में पड़ता है वहाँ वनस्पति की सघनता एवं उसका प्रकार इससे प्रभावित होते हैं। अर्थात हिमालय के उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ने पर वर्षा की मात्रा एवं उसकी अवधि घटती जाती है। इसका सीधा प्रभाव वनस्पति की सघनता वृक्षों की ऊँचाई एवं उसके किस्म पर देखने को मिलती है।
(2) उष्णकटिबंधीय वर्षा वन में धरातल लता वितानों से ढका हुआ है।
उत्तर – उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन में धरातल लता वितानों से ढका हुआ है क्योंकि यहाँ सदाबहार जंगल मिलते हैं। इस क्षेत्रों में 200 सें० मी० से अधिक वर्षा होती है । इस क्षेत्र में अधिक वर्षा और ऊँचे तापमान के कारण वृक्षों की काफी अधिक वृद्धि होती हैं। वन काफी सघन होते हैं। इसके कारण सूर्य प्रकाश धरातल पर नहीं पहुंच पाता है। अत्यधिक वर्षा के कारण यहाँ विभिन्न प्रकार की लताएँ वृक्षों से लिपटी रहती हैं तथा धरातल विभिन्न प्रकार की झाड़ियों से आच्छादित रहता है।
(3) जैव विविधता में भारत बहुत धनी है।
उत्तर – हमारा देश भारत विश्व की मुख्य 12 जैव-विविधता वाले देशों में से एक है। लगभग 47000 विभिन्न जातियों के पौधे पाए जाने के कारण यह देश विश्व में दसवें स्थान पर और एशिया के देशों में चौथे स्थान पर है। भारत में लगभग 15000 फूलों के पौधे हैं जो कि विश्व में फूलों के पौधे का 6% है। इस देश में बहुत से बिना फूलों के पौधे हैं जैसे कि फर्न, शैवाल(एलेगी) तथा कवक(फंजाई) भी पाए जाते हैं।
वनस्पति की भाँति ही भारत विभिन्न प्रकार के प्राणी संपत्ति में भी धनी है। यहाँ जीवों की लगभग 90000 प्रजातियाँ मिलती है। देश में लगभग 2000 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती है। यह कुल विश्व का 13% है। यहाँ मछलियों की 2546 प्रजातियाँ है जो विश्व के लगभग 12% है। भारत में विश्व के 5 से 8% तक उभयचरी, सरीसृप तथा स्तनधारी जानवर भी पाए जाते हैं।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि हमारा देश जैव-विविधता में बहुत धनी है।
(4) झाड़ी एवं कँटीले वन में पौधों की पत्तियाँ रोएँदार मोमी गद्देद्दार एवं छोटी होती है।
उत्तर- क्योंकि इस प्रकार के वनस्पति गुजरात, राजस्थान, हरियाणा के आर्द्र-शुष्क क्षेत्र, उत्तर प्रदेश का दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र, मध्य प्रदेश का उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र आदी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। जहाँ झाड़ी एवं कँटीले वन के लिए पानी की माँग सबसे महत्वपूर्ण है। अतः इसे प्राप्त करने के लिए इनकी जड़ें अत्यंत गहरी होती है। पानी को अधिक से अधिक बचा कर रखा जा सके इसलिए इनके तने मोटे होते हैं या पत्तियाँ मोटी, रोएँदार या गूद्देदार होती है। भौतिक वातावरण के साथ प्राकृतिक वनस्पति के समायोजन का यह अनूठा उदाहरण है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर-
(1) सिंपलीपाल जीवमंडल निचय कहाँ है?
उत्तर – सिंपली पाल जीव मंडल निचय उड़ीसा में है।
(2) बिहार किस प्रकार के वनस्पति प्रदेश में आता है?
उत्तर – बिहार उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनस्पति प्रदेश में आता है।
(3) हाथी किस वनस्पति प्रदेश में पाया जाता है?
उत्तर – स्तनधारी जीवो में हाथी सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यह भारत के उष्णार्द्र वनों में पाए जाते हैं।
(4) भारत में पाए जाने वाले कुछ संकटग्रस्त वनस्पति एवं प्राणी के नाम बताएँ।
उत्तर – कुछ संकटग्रस्त प्राणियों के नाम- काला हिरण, मगरमच्छ, समुद्री गाय, लाल पांडा इत्यादि ।
(5) बिहार में किस वन्य प्राणी को सुरक्षित रखने के लिए वाल्मीकि नगर में प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है।
उत्तर – बिहार का वाल्मीकि नगर में प्रोजेक्ट मूल रूप से बाघों को सुरक्षित रखने के लिए चलाया जा रहा है। परन्तु यह गैंडों के लिए भी अनुकूल है। इसे देखते हुए ही सरकार इसको गैंडों के लिए भी सुरक्षित करने का प्रयास कर रही है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर-
(1) पारिस्थितिक तंत्र किसे कहते हैं?
उत्तर- किसी क्षेत्र में पेड़-पौधे तथा जीव-जंतु आपस में अपने भौतिक पर्यावरण से अन्तर्सम्बन्धित होकर जिस तंत्र का निर्माण करते हैं, उसे पारिस्थितिक तंत्र कहा जाता है। पृथ्वी पर पादपों तथा जीवो का वितरण मुख्यतः जलवायु द्वारा निर्धारित होता है। किसी क्षेत्र के पादपों की प्रकृति काफी हद तक उस क्षेत्र के प्राणी जीवन को प्रभावित करती है। जब वनस्पति बदल जाती है तो प्राणी जीवन भी बदल जाता है।
(2) भारत में पादपों तथा जीवों का वितरण किन कारकों द्वारा प्रभावित होता है?
उत्तर – पृथ्वी पर पेड़-पौधे तथा जीवों का वितरण काफी हद तक भौतिक दशाएँ एवं जलवायु से प्रभावित होता है।भारत में पादपों तथा जीवों का वितरण निम्नलिखित कारकों द्वारा प्रभावित होता है-
◆ भू-भाग का स्वरूप
◆ मिट्टी
◆ तापमान
◆ सूर्य का प्रकाश
◆ वर्षण, इत्यादि।
(3) वनस्पति जगत एवं प्राणी जगत हमारे अस्तित्व के लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर- पृथ्वी पर पेड़-पौधे तथा जीवों का वितरण काफी हद तक भौतिक दशाएँ एवं जलवायु से प्रभावित होता है, खास किस्म के प्राणी जगत को संरक्षण देते हैं। जब किसी जगह की वनस्पति बदल जाती है तो वहाँ के रहने वाले जीव-जंतुओं को प्रभावित करती है और उनकी भी संख्या तथा किस्म बदल जाती है। किसी भी जगह के पेड़-पौधें तथा जीव-जंतु अपने भौतिक वातावरण से अंतरसंबंधित होते हैं तथा एक दूसरे से भी संबंधित होते हैं।
अतः यह तीनों आपस में मिलकर एक पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करते हैं। मनुष्य भी इस पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न अंग है। मनुष्य वनों को जब अपने लाभ के लिए काटता है तो वह पारिस्थितिक तंत्र में बदलाव लाता है तथा अपने भौतिक वातावरण की गुणवत्ता में गिरावट लाता है इससे पेड़-पौधों, जड़ी-बूटियों एवं जीव-जंतुओं की कई प्रजातियाँ लुप्त हो गई है या लुप्त होने के कगार पर पहुँच गया है। इस प्रकार हमारे अस्तित्व के लिए वनस्पति जगत एवं प्राणी जगत अति आवश्यक है।
मानचित्र कौशल
भारत में मानचित्र पर निम्नलिखित को प्रदर्शित करें-
(1) भारत के वनस्पति प्रदेश
उत्तर-
(2) भारत के 14 जीव मंडल निचय