Unique Geography Notes हिंदी में

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BSEB CLASS 10

इकाई-3. निर्माण उद्योग / बिहार बोर्ड-10 Geography Solutions खण्ड (क)

बिहार बोर्ड वर्ग-10वाँ Geography Solutions

खण्ड (क) इकाई-3. निर्माण उद्योग

निर्माण उद्योग


निर्माण उद्योग

वस्तुनिष्ट प्रश्नोत्तर
 1. इनमें से कौन औद्योगिक अवस्थिति का कारक नहीं है?
(a) बाजार
(b) जनसंख्या
(c) पूंजी
(d) ऊर्जा
उत्तर- (b) जनसंख्या
 2. भारत में सबसे पहले स्थापित लौह इस्पात कंपनी निम्नांकित में से कौन है?
(a) भारतीय लौह और इस्पात कंपनी (IISCO)
(b) टाटा लौह इस्पात कंपनी (TISCO)
(c) बोकारो स्टील सिटी
(d) विश्वेश्वरैया लौह और इस्पात उद्योग
उत्तर- (b) टाटा लौह इस्पात कंपनी (TISCO)
 3. पहली आधुनिक सूती निम्न मिल मुम्बई में स्थापित की गई थी, क्योंकि
(a) मुम्बई एक पत्तन है।
(b) यह कपास उतपादक क्षेत्र के निकट स्थित है।
(c) मुम्बई में पूंजी उपलब्ध थी।
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (d) उपर्युक्त सभी
 4. निम्नांकित में से कौन उद्योग कृषि पर आधारित नहीं है?
(a) सूतीवस्त्र
(b) सीमेंट
(c) चीनी
(d) जूट
उत्तर- (b) सीमेंट
 5. हुगली औद्योगिक प्रदेश का केन्द्र है?
(a) कोलकता-रिसड़ा
(b) कोलकाता-कोन्नागरि
(c) कोलकाता-मोदिनीपुर
(d) कोलकाता-हावड़ा
उत्तर- (d) कोलकाता-हावड़ा
 6. निम्नलिखित में से कौन उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत आता है?
(a) जे०के ० सीमेंट उद्योग
(b) टाटा लौह एवं इस्पात
(c) बोकारो लौह इस्पात उद्योग
(d) रेमण्ड कृत्रिम वस्त्र उद्योग
उत्तर- (c) बोकारो लौह इस्पात उद्योग
 7. इनमें से कौन उपभोक्ता उद्योग है?
(a) पेट्रो – रसायन
(b) लौह-इस्पात
(c) चीनी उद्योग
(d) चितरंजन लोकोमोटिव
उत्तर- (c) चीनी उद्योग
 8. निम्नलिखित में से कौन छोटे पैमाने का उद्योग है?
(a) चीनी उद्योग
(b) कागज उद्योग
(c) खिलौना उद्योग
(d) विद्युत उपकरण उद्योग
उत्तर- (c) खिलौना उद्योग
9. भोपाल त्रासदी में किस गैस का रिसाव हुआ था?
(a) कार्बन डाइऑक्साइड
(b) कार्बन मोनोऑक्साइड
(c) मिथाई आइसोसाइनाइट
(d) सल्फर डाईऑक्साइड
उत्तर- (c) मिथाई आईसोसाइनाइट
लघु उत्तरीय  प्रश्नोत्तर:
प्रश्न 1. विनिर्माण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- कच्चे मालों द्वारा जीवनोपयोगी वस्तुएं तैयार करना विनिर्माण उद्योग कहलाता है। वर्तमान समय में यह किसी भी राष्ट्र के विकास एवं सम्पन्नता का सूचक है। जैसे – कपास से कपड़ा, गन्ने से चीनी, लौह-अयस्क से लोहा एवं इस्पात, बॉक्साइट से एल्युमिनियम आदि का निर्माण होता है।
प्रश्न 2. सार्वजनिक और निजी उद्योग में अंतर स्पष्ट करें?
उत्तर- सार्वजनिक उद्योग- वैसे उद्योग जिनका संचालन सरकार स्वयं करती है, सार्वजनिक उद्योग कहलाता है। इसमें भारी तथा आधारभूत उद्योग सम्मिलित है। जैसे- दुर्गापुर, भिलाई, राउरकेला लोहा इस्पात केन्द्र।
निजी उद्योग- वैसे उद्योग जिनका स्वामित्व किसी एक व्यक्ति या संस्था के पास होता है निजी उद्योग कहलाता है। जैसे-टाटा आयरन एण्ड स्टील कंपनी।
प्रश्न 3. उद्योगों के स्थानीयकरण के तीन कारकों को लिखिए।
उत्तर- उद्योगों के स्थानीयकरण के तीन कारक निम्नलिखित हैं:-
  (i) कच्चा माल
 (ii) अनुकूल जलवायु
 (iii) मानवीय संसाधन।
प्रश्न 4. कृषि आधारित उद्योग और खनिज आधारित उद्योग के अंतर को स्पष्ट करें।
उत्तर- कृषि आधारित उद्योग-  ऐसे उद्योग जिसके लिए कच्चा माल कृषि से प्राप्त होता है। उसे कृषि आधारित उद्योग कहते है। जैसे- सुतीवस्त्र उद्योग, रेशमी और ऊनी वस्त्र उद्योग, चीनी उद्योग, चाय उद्योग, कहवा उद्योग, जूट उद्योग।
खनिज आधारित उद्योग– ऐसे उद्योग जो अपने कच्चे माल के लिए खनिजों पर निर्भर है, उसे खनिज आधारित उद्योग कहते हैं। लोहा एवं इस्पात, सीमेंट तथा रसायन उद्योग।
प्रश्न 5. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों को उदाहरण सहित वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर- (i) सार्वजनिक उद्योग- वैसे उद्योग जिनका संचालन सरकार स्वयं करती है, सार्वजनिक उद्योग कहलाता है। इसमें भारी तथा आधारभूत उद्योग सम्मिलित है । जैसे- दुर्गापुर, भिलाई, राउरकेला लोहा इस्पात केन्द्र।
(ii) संयुक्त अथवा सहकारी उद्योग- जब उद्योगों में दो या दो से अधिक व्यक्तियों या सहकारी समितियों का योगदान हो तो उसे संयुक्त अथवा सहकारी उद्योग कहा जाता है। जैसे आइल इंडिया लिमिटेड, महाराष्ट्र के चीनी उद्योग,अमूल्य(गुजरात) इसके उत्तम उदाहरण है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर :
प्रश्न 1.उदारीकरण, निजीकरण और वश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? वैश्वीकरण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है? इसकी व्याख्या करें?
उत्तर- उदारीकरण- उद्योग तथा व्यापार को लालफीता शाही के अनावश्यक प्रतिबंधों से मुक्त करके अधिक प्रतियोगी बनाना उदारीकरण कहा जाता है।
निजीकरण- निजीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें उद्योगों का स्वामित्व किसी एक व्यक्ति या संस्था के पास होता है निजीकरण कहलाता है। इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था पर सरकारी एकाधिकार कम या समाप्त हो जाता है।
वैश्वीकरण- वैश्वीकरण का अर्थ है देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ना, अर्थात् प्रत्येक देश का अन्य देशों के साथ बिना किसी प्रतिबंध के पूँजी, तकनीकी एवं व्यापारिक आदान-प्रदान ही वैश्वीकरण है।
वैश्वीकरण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव   
            भारत सरकार की नवीन आर्थिक नीतियाँ वैश्वीकरण को परिभाषित करने में लगी हुई हैं। हमारा उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था का विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करना है।
             इसके अन्तर्गत सभी वस्तुओं के आयात में खुली छूट, सीमा शुल्क में कमी, विदेशी पूँजी की मुक्त प्रवाह की अनुमति, सेवा क्षेत्र विशेषकर बैंकिंग, बीमा और जहाज रानी क्षेत्रों में विदेशी पूंजी निवेश की छूट और रुपयों को पूर्ण परिवर्तनशील करना है। इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु भारतीय अर्थव्यवस्था का तेजी से वैश्वीकरण हो रहा है। परिणामस्वरूप कई क्षेत्रों में उत्साहवर्द्धक उपलब्धियाँ प्राप्त हुई हैं। विदेशी मुद्रा का भण्डार काफी बढ़ गया है, किन्तु हाल ही में निर्यात और कृषि दरों में गतिरोध उत्पन्न हुआ है। विश्वव्यापी मंदी के बावजूद चीन की छोड़कर अन्य विकासशील देशों की तुलना में भारत में सकल घरेलू उत्पाद की दर अधिक है। किन्तु सामाजिक क्षेत्रों की प्रगति संतोषजनक नहीं है। रोजगार सृजन के अवसर कम हुए हैं। गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। अनाज का विपुल भंडार रहते हुए भी भारी संख्या में भारतवासी कुपोषण के शिकार हैं। इसका मुख्य कारण उनमें क्रयशक्ति की कमी है।
              वैश्वीकरण स स्वदेशी उद्योगों विशेषकर कुटीर एवं लघु उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यह बात स्पष्ट रूप से कही जा सकती है कि वैश्वीकरण से हमारी अर्थव्यवस्था पर और औद्योगिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
प्रश्न 2.भारत में सूचना एवं प्रौद्योगिकी उद्योग का विवरण दीजिए।
उत्तर- इस उद्योग को ज्ञान आधारित उद्योग भी कहते हैं क्योंकि इसमें उत्पादन के लिए विशिष्ट नए ज्ञान, उच्च प्रौद्योगिकी और निरंतर शोध और अनुसंधान की आवश्यकता रहती है।
                         यह वह उद्योग है जो मुख्यतः सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित है। इसने देश के आर्थिक ढाँचे तथा लोगों की जीवनशैली में बहुत क्रांति ला दी है। इस उद्योग के अन्तर्गत आनेवाले उत्पादों में ट्रांजिस्टर से लेकर टी. वी., टेलीफोन, पेपर, राडार, सेल्यूलर टेलीकॉम, लेजर, जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष उपकरण, कम्प्यूटर की यंत्र सामग्री (हार्डवेयर) तथा प्रक्रिया सामग्री (सॉफ्टवेयर) इत्यादि हैं। इन्हें उच्च प्रौद्योगिकी भी कहते हैं।
                           इनके प्रमुख उत्पादक केन्द्र बंगलूर, मुम्बई, दिल्ली, हैदराबाद, पूणे, चेन्नई, कोलकता, कानपुर तथा लखनऊ हैं। इसके अतिरिक्त 20 सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क हैं जो सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों को एकल विंडो सेवा तथा उच्च ऑकड़े संचार सुविधा प्रदान करते हैं। इसका प्रमुख महत्व रोजगार उपलब्ध कराना है। पिछले दो या तीन वर्षों से यह उद्योग विदेशी मुद्रा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। जिसका कारण तेजी से बढ़ता व्यवसाय प्रक्रिया बाह्यस्रोतीकरण है। इससे जुड़ी अर्थव्यवस्था को ज्ञान अर्थव्यवस्था भी कहा जाता है।
प्रश्न 3.भारत में सूतीवस्त्र उद्योग के वितरण का वर्णन करें।
उत्तर- सूतीवस्त्र बनाने में भारत का एकाधिकार बहुत प्राचीन काल से चला आ रहा है। परन्तु पहली आधुनिक सूती मिल की स्थापना सन् 1818 ई. में कोलकता के निकट फोर्ट ग्लास्टर नामक स्थान पर की गयी जो कुछ समय बाद बंद हो गई और पहली सफल मिल मुम्बई में सन् 1854 ई. में काबस जी नानाभाई डाबर ने लगाई के साथ ही भारत में आधुनिक वस्त्र उद्योग का विकास होने लगा । वर्तमान में यह भारत का सबसे विशाल उद्योग है जो कृषि के बाद दूसरा बड़ा रोजगार प्रदान करता है।
वितरण :-
                देश के अधिकांश सूती वस्त्र मिलें महारष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, पंजाब में मिलता है।

महाराष्ट्र- यह भारत का सबसे बड़ा सूती वस्त्र तैयार करने वाला राज्य है। यहाँ के मुख्य केन्द्र मुम्बई, शोलापुर, पूणे, वर्धा, नागपुर, औरंगाबाद और जलगाँव हैं।

गुजरात- इसके प्रमुख केन्द्र अहमदाबाद, बड़ौदा, सूरत, भड़ोंच, पोरबंदर, भावनगर एवं नादियार हैं।

पश्चिम बंगाल- इसके मुख्य केन्द्र आवड़ा, मुर्शिदाबाद, हुगली और श्रीरामपुर हैं।

उत्तर प्रदेश- इसके मुख्य केन्द्र मानपुर, मुरादाबाद, आगरा और मोदीनगर हैं।

मध्य प्रदेश- ग्वालियर, उज्जैन, इंदौर और देवास इसके प्रमुख केन्द्र हैं।

तमिलनाडु- सूती कपड़ों की सर्वाधिक मिलें है। प्रमुख केंद्र  कोयम्बटूर, चेन्नई, मुदैर, तिरुनबेली इत्यादि है।


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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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