अध्याय-2 चट्टान एवं खनिज
बिहार बोर्ड वर्ग-7 वाँ भूगोल प्रश्नोत्तर
अध्याय-2 चट्टान एवं खनिज
अध्याय-2 चट्टान एवं खनिज
अभ्यास के प्रश्नोत्तर
i. सही विकल्प को चुने।
1. इनमें रूपांतरित चट्टान कौन है?
(क) बेसाल्ट
(ख) चूना पत्थर
(ग) संगमरमर
(घ) ग्रेनाइट
उत्तर- (ग) संगमरमर
2. बेसाल्ट किस प्रकार की चट्टान है?
(क) अवसादी
(ख) आग्नेय
(ग) कायांतरित
(घ) परतदार
उत्तर- (ख) आग्नेय
3. चट्टानों के रूपान्तरण में किसका योगदान होता है?
(क) तापमान
(ख) दबाव
(ग) रासायनिक द्रव्य
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (घ) उपर्युक्त सभी
ii. खाली जगहों को भरिए:
(क) जो चट्टान ज्वालामुखी से निकले लावा के ठंडा होने से बनती हैं वे आग्नेय चट्टानें कहलाती हैं।
(ख) जिन चट्टानों में परत पायी जाती है उन्हें परतदार चट्टानें कहते है।
(ग) ज्वालामुखी से निकला गर्म पदार्थ लावा कहलाता है।
(घ) अत्यधिक ताप एवं दाब के कारण चट्टानों के लक्षण बदल जाते हैं।
iii. सही मिलान कर लिखिए।
उत्तर
1. सेंधा नमक– अवसादी चट्टान
2. ग्रेनाइट– आग्नेय चट्टान
3. संगमरमर– रूपान्तरित चट्टान
iv. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए?
(क) अपने घर में खनिज से बनी हुई चीजों की सूची बनाइए।
उत्तर- तराजू के पलड़े, आभूषण, सायकिल, हल का फाल, खुरपी, हसिया, पहँसुल, लालटेन।
(ख) छत की ढलाई में कौन-सा पत्थर इस्तेमाल होता है?
उत्तर- छत की ढलाई में पहाड़ों से काटकर निकाले गए पत्थरों को टुकड़े बना कर जिसे गिट्टी कहा जाता है, इस्तेमाल होता है। इन पत्थरों का रंग भूरा-स्लेटी होती है। ये आग्नेय चट्टान के उदाहरण कहे जा सकते हैं।
(ग) उन खेलों की सूची बनाइए, जिनमें पत्थरों का इस्तेमाल होता हो।
उत्तर- पत्थरों से खेलने जाने वाले कोई अधिक खेल नहीं है। हाँ, ग्रामीण क्षेत्र के बीच पत्थर के टुकड़ों से एकट-दोकट तथा सरगोटिया खेलते हैं।
(घ) पत्थरों का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है? सूची बनाइए।
उत्तर- पत्थरों का उपयोग पहले घर, महल, कोठी और किला बनाने में होता था। वाराणसी के प्राय: सभी प्राचीन भवन पत्थर के ही बने हैं। आज भी झारखंड में पत्थरों का उपयोग घर तथा चहार-दीवारी बनाने में होता है ‘वैसे आम तौर पर सड़क बनाने, मकानों की छत बनाने तथा फर्श को पक्का करने के लिए विभिन्न आकारों के पत्थरों का उपयोग होता है।
(ड़) पता करके लिखिए कि निम्न भवन किन-किन पत्थरों से बना है-
⇒ रोहतास गढ़ का किला- बलुआ पत्थर
⇒ लाल किला (दिल्ली)- लाल बलुआ पत्थर
⇒ पत्थर की मस्जिद (पटना)- बलुआ पत्थर
⇒ विष्णुपद मन्दिर (गया)- काला बलुआ पत्थर
⇒ आगरा का किला- लाल बलुआ पत्थर
⇒ कुतुबमीनार (दिल्ली)- बलुआ पत्थर
⇒ विशला बुद्ध मूर्ति (गया)- काला बलुआ पत्थर
(च) चट्टानों के प्रकार और उनकी बनावट के बारे में लिखिए।
उत्तर- चट्टानें मुख्यत: तीन प्रकार की होती हैं-
1. आग्नेय चट्टान
2. अवसादी चट्टान तथा
3. रूपांतरित चट्टान।
आग्नेय चट्टान- पृथ्वी के अन्दर पिघला पदार्थ धरातल पर आने के क्रम में कभी पहले ही जम जाता है और कभी धरातल के ऊपर पहुँचकर जमता है। ऐसी चट्टानों में परतें नहीं होतीं। इनमें रवा पाये जाते हैं। जो चट्टानें पृथ्वी के अन्दर जमती हैं इनके रवे बड़े होते हैं जबकि पृथ्वी के ऊपर जमने वाली चट्टानों के रवे छोटे या महीन होते हैं। ग्रेनाइट और बेसाल्ट आदि आग्नेय चट्टान के ही उदाहरण हैं।
अवसादी चट्टान- अवसादी चट्टानें अवसादों के एकत्र होने से बनती हैं। ये दो प्रकार की होती हैं। एक पानी के अन्दर तथा दूसरी पानी के बाहर जमीन पर। पानी के अन्दर जमने वाली चट्टानों की परतें अधिक होती हैं क्योंकि ये परत-दर-परत जमी होती हैं। काफी दबाव के कारण ये कड़ी हो जाती हैं और चूना-पत्थर का रूप धारण करती हैं। पानी से बाहर की अवसादी चट्टानें परत-दर-परत ही होती हैं और अपने ही दबाव से दबकर अवसादी चट्टान बन जाती हैं। उदाहरण है बलुआ पत्थर, बलुआ पत्थर कई रंग के होते हैं- लाल, भूरा, काला।
रूपांतरित चट्टान- कभी-कभी आग्नेय या परतदार चट्टानों में ताप और दाब की वृद्धि होती है तो इनके रूप और गुण दोनों में बदलाव आ जाता है। रूप में अंतर के कारण ही इन्हें रूपांतरित चट्टान कहते हैं। चूना-पत्थर अपना रूप बदलकर संगमरमर में बदल जाता है। इसी प्रकार ग्रेनाइट रूपांतरित होकर नाइस बन जाता है।
(छ) चट्टान किसे कहते है? उदहारण के साथ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – पृथ्वी की पर्पटी बनाने वाले खनिज पदार्थ के किसी भी प्राकृतिक पिंड को चट्टान या शैल करते हैं। शैल विभिन्न रंग, आकार एवं गठन की हो सकती है।
जैसे- आग्नेय चट्टान- ग्रेनाइट और बेसाल्ट।
अवसादी चट्टान- चूना-पत्थर, बलुआ पत्थर।
रूपांतरित चट्टान- संगमरमर, नाइस।
(ज) चट्टानों का रूपांतरण कैसे होता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- किसी निश्चित दशाओं में एक प्रकार की शैल चक्रीय तरीके से एक-दूसरे में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रकार एक शैल से दूसरे शैल में परिवर्तित होने की इस प्रक्रिया को शैल चक्र कहा जाता है।
द्रवित मैग्मा ठंडा होकर ठोस आग्नेय शैल बन जाता हैं। ये आग्नेय चट्टान/शैल छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होकर अवसादी चट्टान/शैल का निर्माण करते हैं। अत्यधिक ताप एवं दाब के कारण ये आग्नेय एवं अवसादी शैल पुनः कायांतरित चट्टान/शैल में बदल जाते हैं। पुनः अत्यधिक ताप एवं दाब के कारण कायांतरित शैल पिघलकर द्रवित मैग्मा बन जाता है। यह द्रवित मैग्मा पुनः ठंडा होकर आग्नेय चट्टान/शैल में परिवर्तित हो जाता है।
(झ) अवसादी चट्टान तथा आग्नेय चट्टानों में अंतर स्पष्ट कीजिये।
उत्तर- अवसादी चट्टान- अवसादी चट्टानें अवसादों के एकत्र होने से बनती हैं। ये दो प्रकार की होती हैं। एक पानी के अन्दर तथा दूसरी पानी के बाहर जमीन पर। पानी के अन्दर जमने वाली चट्टानों की परतें अधिक होती हैं क्योंकि ये परत-दर-परत जमी होती हैं। काफी दबाव के कारण ये कड़ी हो जाती हैं और चूना-पत्थर का रूप धारण करती हैं। पानी से बाहर की अवसादी चट्टानें परत-दर-परत ही होती हैं और अपने ही दबाव से दबकर अवसादी चट्टान बन जाती हैं। उदाहरण है बलुआ पत्थर, बलुआ पत्थर कई रंग के होते हैं- लाल, भूरा, काला।
आग्नेय चट्टान- पृथ्वी के अन्दर पिघला पदार्थ धरातल पर आने के क्रम में कभी पहले ही जम जाता है और कभी धरातल के ऊपर पहुँचकर जमता है। ऐसी चट्टानों में परतें नहीं होतीं। इनमें रवा पाये जाते हैं। जो चट्टानें पृथ्वी के अन्दर जमती हैं इनके रवे बड़े होते हैं जबकि पृथ्वी के ऊपर जमने वाली चट्टानों के रवे छोटे या महीन होते हैं। ग्रेनाइट और बेसाल्ट आदि आग्नेय चट्टान के ही उदाहरण हैं।
- अध्याय-1 पृथ्वी के अन्दर ताँक-झाँक
- अध्याय-2 चट्टान एवं खनिज
- अध्याय -3 आंतरिक बल एवं उससे बनने वाली भू-आकृतियाँ
- अध्याय- 4 वायुमंडल एवं इसका संघटन
- अध्याय- 5 बिन पानी सब सून
- अध्याय- 6 हमारा पर्यावरण
- अध्याय- 7 जीवन का आधार : पर्यावरण
- अध्याय- 8 मानव पर्यावरण अंतः क्रिया : लद्दाख प्रदेश में जन-जीवन
- अध्याय- 9 मानव पर्यावरण अंतः क्रिया : थार प्रदेश में जन-जीवन
- अध्याय-10 मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : अपना प्रदेश बिहार
- अध्याय-11 मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : तटीय प्रदेश केरल में जन- जीवन
- अध्याय-12 मौसम और जलवायु
- अध्याय-13 मौसम सम्बन्धी उपकरण
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